आलस व मन की चंचलता हमारे अध्यात्मिक मार्ग के अवरोधक हैं

_SNY7720अजमेर 27 जून, प्रेम प्रकाश आश्रम देहली गेट में सत्गुरू स्वामी टेऊँराम जी महाराज का पांच दिवसीय जन्मोत्सव कार्यक्रम के तीसरे दिन का आरम्भ सुबह ओम् नमः शिवाय के संकीर्तन के साथ हुई। जिसमें आश्रम के कई श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। यह जानकारी देते हुए आश्रम के संत ओम प्रकाश जी ने बताया कि 8.30 बजे से विभिन्न संतों महात्माओं के सत्संग हुए। जिसमें स्वामी मनोहरलाल जी ने स्वामी टेऊँराम जी महाराज के प्रसंग व भजनों से उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। प्रेम प्रकाश मण्डलाध्यक्ष स्वामी भगतप्रकाश जी महाराज ने अपने प्रवचन में बताया कि हमें अनेक योनियों के बाद मानव देह मिली है जिसका सदुपयोग करो, स्वयं को पहचानों । आलस व मन की चंचलता हमारे अध्यात्मिक मार्ग के अवरोधक हैं। वो हमको अपने लक्ष्य से भटकाता है। हमारे जीवन का मुख्य ध्येय अपनी आत्मा का उद्धार करना है। जबकि वर्तमान में हम अपने मुख्य लक्ष्य से भटकर आर्थिक उन्नति, भोग विलास की सामग्रियों की अधिकता, भूमि भवन की वृद्धि आदि को जीवन का मुख्य ध्येय बना दिया है। संत महापुरूष हमें धन प्राप्ति के साधनों, परिवार के पालन पोषण आदि करने से मना नहीं करते वरन् वो हमें प्रेरित करते हैं कि इन सब कार्यो को करते हुए हमें अपनी आत्मा के उद्धार हेतु भी प्रयत्न करना चाहिये। तत्पश्चात् ब्रह्मभोज हुआ जिसमें अजमेर के लगभग 200 से अधिक ब्राह्मणों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की । 4.30 बजे से दिल्ली की प्रसिद्ध मनोज-रिया एण्ड पार्टी द्वारा श्री गणेश वंदना, श्री बालाजी महाराज वानर सेना के साथ, शिव -पार्वती विवाह, कृष्ण-सुदामा प्रसंग, मोर पंख की झ्ाांकी, भोले बाबा की भस्म आरती आदि की चल-चलित झ्ााँकियांे की मनमोहक प्रस्तुति की गई । जिसका वहां पर उपस्थित कई श्रद्धालुओं ने आनन्द लिया।
सायंकालीन सत्संग में आश्रम के महंत स्वामी ब्रह्मानन्द शास्त्री जी ने अपने प्रवचनों में श्रद्धालुओं को कुसंग व बुरी आदतों से किनारा कर सुन्दर भविष्य निर्माण के लिए उनको सत्संग की ओर प्रेरित किया । प्रेम प्रकाश आश्रम के महामण्डलेश्वर स्वामी भगत प्रकाश जी ने अपनी ओजस्वी वाणी में स्वामी टेऊँरामजी महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनके जीवन से हमंे यह संदेश मिलता है कि हमें अपने मन की वृत्ति को नाम से जोड़ना चाहिये। जैसे पावर हाउस से हमें बिजजी रूपी शक्ति मिलती है, वैसे ही नाम स्मरण से हमें असीम शक्ति सद्गुरू द्वारा प्राप्त होती है, जो कि अनंत शक्ति के भण्डार हैं। सद्गुरू महाराज का यह पावन मेला चल रहा है, ऐसे महापुरूषों का जीवन दूसरों के उपकार व कल्याण के लिये होता है। हम अगर उनके जीवन से अच्छी शिक्षायें अपने जीवन में अपनायेंगे तो हमारा मानव जीवन सफल हो जायेगा।
बुधवार के कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देते हुए आश्रम के संत ओम प्रकाश जी ने बताया कि प्रातः 7.30 से 8.30 तक ओम नमः शिवाय का संकीर्तन, 8.30 से 11.30 बजे तक सत्संग व सायंकालीन सभा में संत महात्माओं द्वारा सत्संग व भजन-कीर्तन होगा ।

संत ओम प्रकाश शास्त्री
मो. 9784065000

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