अब माकड़वाली के हर घर में होगा पेयजल कनेक्शन – देवनानी

आजादी के बाद पहली बार घरों में टपकेगा बीसलपुर का पानी, ढाई करोड़ की मंजूरी
स्वास्थ्य केन्द्र भवन के लिए भी 1.50 करोड़ की मंजूरी

प्रो. वासुदेव देवनानी
प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर 30 जून। शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्राी श्री वासुदेव देवनानी ने अजमेर शहर से सटे सबसे बड़े गांव माकड़वाली को बड़ा तोहफा दिया है। गांव में आजादी के बाद से चली आ रही घर घर पेयजल कनेक्शन की मांग अब समाप्त होगी। राज्य सरकार ने गांव के लिए ढाई करोड़ रूपये की पेयजल परियोजना को मंजूरी दी है। इसके साथ ही गांव में स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण के लिए भी 1.50 करोड़ रूपये मंजूर कर दिए है।
शिक्षा राज्यमंत्राी श्री देवनानी ने बताया कि माकड़वाली गांव में लम्बे समय से पेयजल की समस्या बनी हुई थी। आजादी के बाद से यहां लोगों को पानी के लिए सार्वजनिक पेयजल स्त्रोतों पर निर्भर रहना पड़ रहा था। ग्रामीणों की मांग को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने माकड़वाली पेयजल परियोजना के लिए 2.50 करोड़ रूपए की मंजूरी दी है। पेयजल परियोजना का काम शीघ्र शुरू करवाकर कनेक्शन दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि हमने चुनाव के समय अजमेर शहर के आसपास गांवों के लोगों से वादा किया था कि उनकी समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निराकरण किया जाएगा। माकड़वाली में आजादी के बाद पहली बार प्रत्येक घर में पेयजल कनेक्शन देकर बीसलपुर का पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इससे पूर्व हाथीखेड़ा, अजयसर व खरेकड़ी गांवों के लिए 8.9 करोड़ रूपए की परियोजना मंजूर की गई थी। यह योजना पूरी होकर घर-घर कनेक्शन दिए जा रहे है। इसी तरह लोहागल गांव के लिए भी पेयजल परियोजना को मंजूरी देकर काम शुरू कर दिया गया है।
श्री देवनानी ने बताया कि माकड़वाली गांव में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को गति देते हुए राज्य सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के नए भवन के निर्माण के लिए एक करोड़ 50 लाख रूपए की मंजूरी दी है। चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि इस योजना के तहत शीघ्र काम शुरू करवाए।
उन्होंने बताया कि माकड़वाली आने वाले दिनों में शहर का सबसे अहम सैटेलाइट क्षेत्रा बनेगा। माकड़वाली में करीब 6.50 करोड़ रूपए की लागत से विवेकानन्द माॅडल स्कूल का निर्माण करवाया जाकर पढ़ाई भी शुरू करवा दी गई है। इसी तरह गौरव पथ निर्माण एवं अन्य योजनाओं के तहत करोड़ों रूपए के कार्य करवाए गए है।

सरकारी स्कूलों का इंतजार हुआ खत्म, मिलेंगे 4600 व्याख्याता
द्वितीय श्रेणी से व्याख्याता की डीपीसी सम्पन्न, 15 दिन में मिलेगी पोस्टिंग
अजमेर 30 जून। राज्य सरकार ने प्रदेश के 4 हजार 600 द्वितीय श्रेणी शिक्षकों को प्रमोशन का तोहफा दिया है। यह सभी शिक्षक अब व्याख्याता कहलाएंगे। इन सभी व्याख्याताओं को आगामी 15 दिन में राज्य के सरकारी स्कूलों में पोस्टिंग दी जाएगी। इन सहित अब तक शिक्षा विभाग रिकाॅर्ड एक लाख से अधिक शिक्षकों को प्रमोशन व पोस्टिंग दी है।
शिक्षा राज्य मंत्राी श्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि शिक्षा विभाग में हाल ही में सम्पन्न विभागीय पदोन्नति की बैठक में 4 हजार 600 द्वितीय श्रेणी शिक्षकों को व्याख्याता के पद पर पदोन्नति दी गई है। विभिन्न विषयों में पदोन्नति को मंजूरी दी गई । इन सभी व्याख्याताओं को आगामी 15 दिनों में निदेशालय द्वारा कांउसलिंग के जरिए पोस्टिंग दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले तीन सालों में शिक्षा के क्षेत्रा में अभूतपूर्व कार्य किया है। मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में राजस्थान के शिक्षकों की ज्यादातर समस्याओं को हल किया गया है। प्रदेश के शिक्षकों की सबसे बड़ी समस्या लम्बे समय तक प्रमोशन नही होने की थी। हमने इस समस्या को गंभीरता से लिया और बड़े पैमाने पर पदोन्नति की । राज्य में एक लाख से ज्यादा शिक्षकों को प्रमोशन व पोस्टिंग दी गई है। यह अपने आप में एक रिकाॅर्ड है।
श्री देवनानी ने जानकारी दी की हाल ही में राजस्थान लोक सेवा आयोग के माध्यम से करीब 12 हजार नये व्याख्याताओं को भी पोस्टिंग दी गई है। काउंसिंग के जरिए पारदर्शी तरीके से उन्हें पोस्टिंग दी गई है। इसमें भी महिलाओं का विशेष ध्यान रखा गया है।

बीसलपुर परियोजना के विस्थापितो को भूमि आवंटन के लिए आवेदन पत्रा मांगे
अजमेर, 30 जून। बीसलपुर परियोजना के विस्तापितों के भूमि आंवटन के आवेदन पत्रा 31 दिसम्बर 2017 तक स्वीकार किए जाएंगे।
बीसलपुर परियोजना के भूमि अवाप्ति अधिकारी श्री विश्वम्भर लाल ने बताया कि बीसलपुर परियोजना के डूब क्षेत्रा के प्रभावित विस्थापितो, जिनकी भूमि अवाप्ति पश्चात एवार्ड जारी किए गए है और जिन्होंने मुआवजा राशि का भुगतान प्राप्त कर लिया है अथवा मुआवजा राशि का भुगतान प्राप्त नहीं किया है, वे सभी विस्थापित जो भूमि आंवटन से वंचित है। राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत मानदण्डों व 23 मई द्वारा लिए गए निर्णय के मुताबिक आरक्षित की गई कृषि भूमि में से भूमि आवंटन के लिए अपने-अपने आवेदन फार्म भरकर दिनांक 31 दिसम्बर तक भूमि अवाप्ति अधिकारी अतिरिक्त कलक्टर देवली कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते है।
उन्होंने बताया कि बीसलपुर परियोजना के डूब क्षेत्रा के भूमि आंवटन से शेष सभी विस्थापित जिन्होंने मुआवजा राशि का भुगतान प्राप्त नहीं किया है। ऐसे सभी विस्थापित अपना आवेदन फार्म दिनांक 31 दिसम्बर 2017 तक इस कार्यालय में जमा करवा सकते है, परन्तु उन्हें भूमि का आंवटन मुआवजा राशि प्राप्ति के पश्चात ही किया जाएगा। अतः मुआवजा राशि से शेष प्राप्त रहे विस्थापित अपने मुआवजे से संबंधित न्यायिक विवाद अन्तिम रूप से निर्णित हो गए है, तो न्यायालय के निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि पेश कर अपना मुआवजा प्राप्त कर सकते है।
उन्होंने बताया कि बीसलपुर परियोजना के डूब क्षेत्रा के विस्थापित जिन्हें भूमि का आंवटन किया जा चुका है। लेकिन मौके पर भूमि उपलब्ध नहीं होने अथवा किन्ही कारणों से आंवटित भूमि का कब्जा नहीं दिया जा सका है, ऐसे मामलों में अन्यत्रा ग्राम में भूमि का आंवटन करने के लिए जिला कलक्टर टोंक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। जिसमें अतिरिक्त कलक्टर पुनर्वास सदस्य सचिव, अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन, संबंधित उपखण्ड अधिकारी एवं तहसीलदार समिति में सदस्य के रूप में शामिल किए गए है। राज्य सरकार के आदेश के अनुसार ऐसे मामलों में गठित समिति द्वारा विस्थापितों को अन्यत्रा ग्राम में भूमि का आंवटन किए जाने का निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि भूमि की कीमत के संबंध में जिला कलक्टर टोंक द्वारा शासन उप सचिव, उप निवेशन विभाग, सचिवालय, जयपुर को पत्रा प्रेषित किया गया था। जिला कलक्टर टोंक का सुझाव है कि राजस्व ग्रुप 6 विभाग के समसंख्यक आदेश दिनांक 10 अक्टुबर 2007 के बिन्दु संख्या 2 में जो दर निर्धारण का फार्मुला तय कर रखा है उसे यथावत रखा जाए। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया कि कीमत निर्धारण का पूर्व का फार्मुला यथावत रखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि पूर्व में आंवटित भूमि की कीमत विस्थापितों द्वारा जमा नहीं करवाने से निरस्त प्रकरणों के संबंध में जिन प्रकरणों में आवंटन की रािश जमा नहीं कराई है। आंवटियों को सुनवाई का अवसर दिया जाकर आंवटन अतिरिक्त कलक्टर बीसलपुर द्वारा निरस्त किए गए है। ऐसे मामलों में राशि जमा कराने का समय बढ़ाना उचित नहीं है। निरस्त प्रकरणों को पुनः नहीं खोले जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वार दिनांक 23 मई 2017 में लिया गया है। अतः बीसलपुर परियोजना के जिन विस्थापितों को जारी अवार्ड के विरूद्ध भूमि का आंवटन करने के पश्चात आंवटन राशि जमा नहीं करवाने के कारण आंवटन निरस्त किए जा चुके है। उन्हें अब पुनः भूमि का आंवटन नहीं किया जाएगा। ऐसे व्यक्तियों को आवेदन नहीं करना चाहिए। भूमि आंवटन के लिए आवेदन फाॅर्म जमा करवाने का यह अन्तिम अवसर होगा। भविष्य में इसकी अवधि नहीं बढ़ायी जाएगी।

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