चातुर्मास विश्राम जीवों की सुरक्षा के लिए होता है- सुधासागर महाराज

हजारों लोगों की साक्षी में सम्पन्न हुआ चातुर्मास कलश स्थापना समारोह
DSC_1180मदनगंज-किशनगढ़। मुनि पुंगव 108 सुधासागर महाराज ससंघ का आर.के. कम्यूनिटी में भव्य चातुर्मास कलश स्थापना समारोह देशभर से आए हजारों लोगो की साक्षी में गुरूदेव के जयकारों के बीच सम्पन्न हुआ।
अमृतमय वर्षायोग 2017 के अवसर पर 1६ परिवारों को कलश स्थापना का सौभाग्य प्राप्त हुआ। जिसमें प्रथम कलश स्थापना का सौभाग्य आर.के. परिवार के कंवरलाल महावीर प्रसाद अशोक कुमार सुरेश कुमार विमल कुमार पाटनी परिवार को मिला। इसके साथ ही अन्य कलश निहालचंद, राकेश कुमार, चन्द्रमोहन, गणेशचंद पहाडिय़ा परिवार, प्रेमचन्द प्रकाशचंद हुकमचंद रमेश कुमार सुमेरचंद गंगवाल परिवार, मूलचंद अशोक कुमार लुहाडिय़ा परिवार, दिलीपकुमार प्रेमकुमार निरंजन कुमार वैद परिवार, कैलाशचन्द मनीषकुमार पहाडिय़ा परिवार, विनोद कुमार उमेश कुमार परिवार, हरकचंद राजकुमार कटारिया परिवार, संजयकुमार पुनितकुमार पापड़ीवाल परिवार, नौरतमल राकेश कुमार पाटनी परिवार, सम्पतकुमार राकेश कुमार दगड़ा परिवार, महावीरप्रसाद चेतन प्रकाश गंगवाल परिवार, धर्मचंद विजय कुमार बडज़ात्या परिवार एवं तीन नारेली कलश स्थापना मुन्नीदेवी, ज्ञानेन्द्र गदिया परिवार, सत्येन्द्र भाई गौरव भाई परिवार एवं ताराचंद नरेश कुमार जयंती परिवार को सौभाग्य मिला।
इसके पश्चात् मुनिसंघ ने चारो दिशाओं, जिनेन्द्र देव, आचार्यों व गुरूदेव को साक्षी मानकर चातुर्मास का संकल्प लिया।
आदिनाथ पंचायत के प्रचार प्रसार मंत्री विकास छाबड़ा ने बताया कि कार्यक्रम की शुरूआत आर.के. परिवार की सुशीला पाटनी के मंगलाचरण से हुई। चित्र अनावरण व दीप प्रज्जवलन गणेश राणा, राजेन्द्र के गोधा, प्रदीप लुहाडिय़ा, विनोद छाबड़ा, रमेश गदिया, प्रमोद सोनी व जयंती परिवार द्वारा किया गया। ध्वजा आर.के. परिवार ने फहराई व अखण्ड ज्योत राजकुमार यश पहाडिय़ा ब्यावार वालों ने की। साथ ही मुनिसंघ को पांच परिवारों ने शास्त्र भेंट किए।
चातुर्मास विश्राम के लिए नहीं जीवों की सुरक्षा के लिए होता है
इस अवसर पर मुनि पुंगव सुधासागर महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि वर्षायोग चातुर्मास विश्राम के लिए नहीं होता बल्कि छोटे छोटी जीवों की सुरक्षा के लिए होता है। दिगम्बर साधू आत्मकल्याण नहीं परकल्याणी होता है। किसी भी दूसरें जीवों की मौत नहीं होनी चाहिए चाहे खुद की हो जाए। हम बचाव के जितने साधन अपनाएंगे उतना ही पतन होगा। जितना बचाव होगा उतना ही जीवन मरण होगा। मुनिश्री ने कहा कि ये चातुर्मास सुधासागर के नाम से नहीं किशनगढ़ के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि किशनगढ़ में चातुर्मास करने का आदेश गुरूदेव आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ने दिया है। अगर गुरूदेव को किशनगढ़ पसंद है तो मुझे तो आंख बंध करके भी पंसद है। उन्होंने कहा कि मैं तो यहीं चाहता हँू कि अंतिम सांस तक मैं वहीं करू जो गुरूदेव को पंसद है।
इस अवसर पर कलश स्थापना परिवारों के साथ ही विधायक भागीरथ चौधरी, पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया, एम.के. जैन, पन्नालाल बडज़ात्या, माणकचंद गंगवाल, राजेन्द्र धनघसिया, सुशील अजमेरा, पंकल पहाडिय़ा, विनोद चौधरी, अजय सोनी, सुभाष चौधरी, महेन्द्र पाटनी, अजीत दोषी, विकास छाबड़ा, इंदरचंद पाटनी आदि मौजूद थे। मंच संचालन ब्रह्मचारी प्रदीप भैया ने किया।

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