पति-पत्नी रिश्तों को लोहे की ज़ंज़ीर की तरह मज़बूत होना चाहिए

aaअजमेर। कथा मर्मज्ञ रामदेवरा के संत स्वामी श्री मूल योगीराज ने कहा कि पति-पत्नी रिश्तों को लोहे की ज़ंज़ीर की तरह मज़बूत होना चाहिए। ये रिश्ते इतने मज़बूत होने चाहिए कि दोनों पक्षों में से कोई एक पक्ष तोडना भी चाहे तो वह रिश्ता कभी टूटना नहीं चाहिए। वर-वधु के हाथों में बांधे जाने वाले कंकण-डोरे में इसीलिए लोहे का एक छल्ला बांधा जाता है। अनुकूल पति और पत्नी का मिलना पुण्य के प्रताप से ही संभव है।
आजाद पार्क में चल रही रूणिचा वाले बाबा रामदेव की कथा के सप्तम दिवस शनिवार को कथा के दौरान संत स्वामी श्री मूल योगीराज ने कहा कि सत्य सदैव पक्षधर रहना चाहिए, चापलूसी करने वाले सदैव खुद तो धोके और नुकसान में रहते ही हैं, दूसरों को भी मुसीबत मे डाल कर गुमराह करते हैं।
संत स्वामी श्री मूल योगीराज ने कहा कि हमारे धर्माचार्यों की छोटी सी भूल ने हिन्दू धर्म को एक बड़ा नुकसान पहुंचाया है। जातिगत आधार पर किये जाने वाले भेदभाव ने बड़ी संख्या में हिन्दुओ को धर्म परिवर्तन करने को मज़बूर कर दिया। इसी भेदभाव से उत्साहित हुए विधर्मियों को एक अवसर मिला और उन्होंने बहला-फुसला कर हिन्दुओं को अपनी ओर आकर्षित कर लिया और बड़ी संख्या मे हिन्दुओं को हिन्दू धर्म परिवर्तित कर अन्य धर्मों को अपनाने पर मज़बूर कर दिया।
संत स्वामी श्री मूल योगीराज ने कहा कि सबसे बड़ा आश्रम गृहस्थ आश्रम ही है। संत, भक्त, दानी, वीर, सैनिक, नेता, अभिनेता, वैज्ञानिक और अन्य सभी गृहस्थ आश्रम से ही आते हैं। अन्य किसी आश्रम से कभी कोई उच्च पदस्थ व्यक्ति आया ही नहीं है।
संत स्वामी श्री मूल योगीराज ने कहा कि भूमि और भूमिपति कभी कुछ अपने पास नहीं रखते, अपितु अनंत गुना करके वापस लौटा देते है। जब भूमि में कोई बीज डाला जाता है तो वह तब तक नष्ट नहीं होता जब तक उस पर पानी की बूँद न पड़े। पानी पड़ने के बाद अंकुरित होता है और अनंत गुना होकर वापस आता है। इसी प्रकार भूमिपति यानि भगवन को दान में जो दिया जाता है, वह भी पुण्यफल हज़ार गुना अधिक होकर प्राप्त होता है।
कथा मे पुष्प-वर्षा के साथ मेघवर्षा का संयोग :- आजाद पार्क में चल रही रूणिचा वाले बाबा रामदेव की कथा के सप्तम दिवस शनिवार को कथा के दौरान जब बाबा रामदेव और अमरकोट की राजकुमारी नैतल के विवाह की चर्चा आई तो कथा परिसर मे उपस्थित हज़ारों श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा की। अजमेर फूल मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष पूनमचंद मारोठिया की ओर से पुष्प की व्यवथा की गयी। इधर एक और चमत्कार उस समय हुआ जब श्रद्धालु पुष्प वर्षा कर रहे थे उसी दौरान आसमान से भी वर्षा होने लगी मानो इंद्रदेव भी विवाह प्रसंग में अपना आशीर्वाद प्रदान कर रहे हों ।
संत स्वामी श्री मूल योगीराज ने कथा के दौरान हिन्दुओं के विवाह संस्कार के दौरान आयोजित होने वाले विभिन्न रीति-रिवाजों जैसे कंकण-डोरा बांधना, तोरण लगाना, दूल्हे की आरती उतारना, बहनो द्वारा दूल्हे का रास्ता रोकना आदि का विस्तार से वर्णन किया।
लौटी श्रवण’शक्ति:- पिछले 3 दिन से बाबा की कृपा से हो रहे दुःख दर्द दूर होने की श्रंख्ला मे रीजनल कॉलेज के पास निवासी 28 वर्षीय अंकुर गुप्ता की श्रवण शक्ति भी शंख ध्वनि से लौट आयी।
कथा के मध्य मे साध्वी शशि गौतम जी ने अपनी सुमधुर आवाज़ मे मीठे रस से भरयोड़ी राधा रानी लागे, सहित अनेक भजन प्रस्तुत किये। पूर्ण लय-ताल और वाद्य यंत्रों की ध्वनि के साथ प्रस्तुत भजनों पर कथा मंडप में विराजित श्रोतागण भाव-विभोर होकर नाच उठे।
कथा आयोजक संस्था बाबा श्री रामदेव कथा समिति के प्रमुख कार्यकर्ता महेंद्र मारु ने बताया कि शनिवार की कथा में साम्प्रदायिक सद्भाव सभा, छुआछूत का खंडन करना, रामसरोवर पर्चा बावड़ी की स्थापना, डालीबाई का रुणेचा नगर त्यागना, कुष्ठ रोगियों को रुणेचा मेसा बसा कर कुष्ठाश्रम की स्थापना आदि प्रसंगों का वर्णन किया गया। रविवार की कथा में भाभी के मरे हुए बछड़े को पुनः जीवित करना, डालीबाई को इच्छा वरदान प्रदान करना, रुणेचा से प्रस्थान कर रामसरोवर पर डाली को समाधी देने के बाद जीवित समाधी लेना और पुनः हरबुजी से मिलान सहित अन्य प्रसंग प्रस्तुत किये जायेंगे।
पार्षद एवं बाबा के परम भक्त पार्षद कुंदन वैष्णव के अनुसार शनिवार कथा में अजमेर शहर भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अरविन्द यादव, अजमेर नगर परिषद् के पूर्व सभापति सुरेंद्र सिंह शेखावत, राजस्थान संस्कृत परिषद् की सदस्य श्रीमती अभिलाषा यादव, ओम प्रकाश मंगल, किशनचंद मंगल, अशोक टांक, जीतेन्द्र धारू, महेन्द्र मारू, अमरचंद भाटी आदि विशेष रूप से पूजा और आरती मे उपस्थित थे।

(महेन्द्र मारू)
मो . 9829795054

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