’’शिक्षा रत्न पुरस्कार‘‘ शुरू करने की घोषणा

bser 450अजमेर 21 जुलाई। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने अपने से सम्बद्ध स्कूलों के शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले में कार्यरत शिक्षकों के लिए ’’शिक्षा रत्न पुरस्कार‘‘ शुरू करने की घोषणा की है। इसी प्रकार विद्यार्थियों हेतु कला एवं खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए क्रमशः ’’विद्यार्थी कला रत्न‘‘ एवं ’’विद्यार्थी खेल रत्न‘‘ पुरस्कार दिये जायेंगे। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष दिये जायेंगे। एक लाख रूपये नकद का शिक्षा रत्न पुरस्कार स्कूली शिक्षक को और पचास-पचास हजार रूपये के पुरस्कार विद्यार्थी कला रत्न और विद्यार्थी खेल रत्न पुरस्कार स्कूली विद्यार्थियों को दिये जायेंगे। इन पुरस्कारों के लिए कल से अर्थात् शनिवार से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। इन पुरस्कारों के लिए आनलाईन आवेदन करने की अन्तिम तिथि 25 अगस्त है।
बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बी.एल. चौधरी ने बताया कि विद्यार्थी कला रत्न और खेल रत्न पुरस्कार बोर्ड से सम्बद्ध माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालयों के वे विद्यार्थी, जिन्होंने कला अथवा खेलकूद के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया हो, उसके लिए पात्र होंगे। हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम के निजी और सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी इन पुरस्कारों के लिए आवेदन कर सकते है।
उन्होंने बताया कि खेल रत्न पुरस्कार के लिए उपलब्धी का मुख्य मापदण्ड गुणवत्ता पूर्ण प्रदर्शन द्वारा प्रदर्शित उत्कृष्टता पर आधारित होगा। इस पुरस्कार के लिए चयनित होने वाले विद्यार्थी को खेलकूद और एथलेटिक्स की किसी भी विधा में या समकक्ष गतिविधियों में विद्यालयी शिक्षा के पिछले दो वर्षों में राज्य/राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व कर उत्कृष्ट प्रदर्शन दर्शाना होगा। कला रत्न पुरस्कार के लिए चयनित होने वाले विद्यार्थी को कला की किसी भी विधा जैसे नृत्य/नाटक/थिएटर/स्वर और वाद्य संगीत/लोक कला/मूर्ति/चित्र और चित्रकारी आदि में विद्यालयी शिक्षा के पिछले दो वर्षों में उत्कृष्ट प्रदर्शन दर्शाना होगा। पुरस्कार के लिए इच्छुक विद्यार्थी संबंधित विद्यालय के संस्था प्रधान के माध्यम निर्धारित प्रपत्र में आवेदन कर सकते है, हालांकि संबंधित क्षेत्र में प्रख्यात व्यक्तित्व द्वारा नामित विद्यार्थियों पर भी चयन मण्डल पुरस्कार के लिए विचार करेगा।
प्रो. चौधरी ने बताया कि शिक्षा रत्न पुरस्कार के लिए माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालय के केवल कार्यरत शिक्षक जिन्हें कम से कम दस वर्षों के अध्यापन का अनुभव हो, इसके लिए पात्र होंगे। इस पुरस्कार हेतु मूल्यांकन पिछले पांच सालों के, जिसमें मुख्यधारा के विषयों को प्राथमिकता देते हुए, परीक्षा परिणामों के आधार पर होगा। इसके अतिरिक्त उपलब्धियों का निर्धारण करते समय राष्ट्रवादिता, देशभक्ति, सांस्कृतिक मूल्यों की शिक्षा, बालिका शिक्षा प्रोत्साहन, विद्यार्थी सहायता, समाज सेवा, पर्यावरण गुणवत्ता सुधार, नेतृत्व गुणों का प्रदर्शन, प्रशासनिक कौशल, नैतिक और सदाचरण मूल्यों का प्रसार, अनुशासन, कार्य प्रतिबद्धता, सृजनशीलता, नवाचार आदि मापदण्डों पर भी विचार किया जायेगा।
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि इस पूरी पुरस्कार चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। इसके चयन मण्डल की समिति का अध्यक्ष राजस्थान राज्य द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त किसी भी विश्वविद्यालय का पूर्व कुलपति अथवा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष, सदस्य के रूप में बोर्ड अध्यक्ष, अध्यक्ष द्वारा मनोनित बोर्ड प्रबन्ध मण्डल का एक सदस्य, दो विद्यालयी शिक्षक, विद्यालय प्रशासक और बोर्ड सचिव समिति के समन्वयक होंगे।
उप निदेशक (जनसम्पर्क)

1 thought on “’’शिक्षा रत्न पुरस्कार‘‘ शुरू करने की घोषणा”

  1. Kya jise 9 saal 10 mahine hue h wo bhi aavedan kar sakta h kya?
    Kam to har kshetra me itne h ki koi 25 salo me bhi na kare.

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