विद्युत सुधार योजना के तहत कार्याें को समयबद्धता के साथ पूर्ण करें

Untitledअजमेर, 29 जुलाई। अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. के प्रबंध निदेशक श्री मेहाराम विश्नोई ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि मुख्यमंत्राी विद्युत सुधार योजना के अन्तर्गत विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं का त्वरित गति से निस्तारण किया जाए।
प्रबंध निदेशक शनिवार को अजमेर में पंचशील स्थित काॅरपोरेट कार्यालय सभागार में आयोजित निगम के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठक में प्रबंध निदेश्क ने मुख्यमंत्राी विद्युत सुधार योजना के अन्तर्गत चलाए जा रहे फीडर रीनोवेशन प्रोग्राम के तहत किए जा रहे कार्यो की सभी वृत अधिकारियों से जानकारी ली एवं जिन वृतों में धीमी गति से कार्य चल रहा है उसे तुरन्त पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्य पूर्ण होने पर ही विद्युत छीजत में कमी आएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि 100 से कम आबादी वाले ग्रामीण फीडर जिनके इस योजना के प्रथम व द्वितीय चरणों के कार्य पूर्ण हो गए है उन फीडरों के कनिष्ठ अभियंता/फीडर इंचार्ज से पूर्ण होने की रिपोर्ट लेकर प्रमाण पत्रा भिजवाए जाए।
उन्होंने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत मुख्यमंत्राी द्वारा प्रत्येक माह कार्य पूर्ण होने की प्रगति व विद्युत छीजत में कमी की जानकारी ली जा रही है। जहां फीडरों का कार्य पूर्ण होने पर भी छीजत में कमी नहीं आई है इसे गम्भीरता से लिया गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि यदि भविष्य में छीजत में कमी, राजस्व में बढोतरी, ट्रांसफार्मर जलने में कमी एवं सतर्कता जांच में लापरवाही बरतनें व अपने अधीन क्षेत्रों में पूर्ण जिम्मेदारी से कार्य नहीं करने पर उच्चाधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि जहां उपभोक्ताओं की संख्या अधिक है व फीडर इंचार्जों की कमी है वहां आवश्यकतानुसार फीडर इंचार्ज लगा दिए गए है।
फीडर रीनोवेशन प्रोग्राम में प्रथम व द्वितीय चरण में अधूरे पडे फीडरों का सभी अधीक्षण अभियंताओं को लक्ष्य दिया गया कि वे दिए गए लक्ष्यों के आधार पर दिसम्बर, 2017 तक फीडरों का कार्य, फीडरों के नाम सहित पूर्ण कर रिपोर्ट प्रेषित करें। इसकी उच्च अधिकारियों द्वारा जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस कार्य को पूर्ण करने में यदि स्टाफ व सामान की कमी आती है तो पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि उपखण्डों में कार्यरत तकनीकी सहायक जो मंत्रालयिक कर्मचारियों का कार्य कर रहे है उन्हें तुरन्त प्रभाव से हटाने व उनके स्थान पर मंत्रालयिक कर्मचारियों को लगाया जाएगा।
बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि जो एनडीएस औद्योगिक कनेक्शन लम्बित पडे है उन्हें शीघ्र कनैक्शन देकर लाभान्वित करें व टास्क फोर्स के तहत दिए गए लक्ष्यों के आधार पर दिए गए कार्यों को शीघ्र पूर्ण करें। साथ ही लम्बित पडे कृषि कनेक्शन जिनके मांग पत्रा जमा है उन्हें प्राथमिकतानुसार 3 माह में कनेक्शन जारी कर उपभोक्ताओं को लाभान्वित करें।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि जनसमस्याओं के निस्तारण हेतु नई विद्युत हेल्प लाईन ‘‘सीएम हेल्प लाईन 181‘‘ 15 अगस्त, 2017 से प्रारम्भ हो रही है। इस हेल्पलाईन पर उपभोक्ता अपनी विद्युत संबंधी समस्या दर्ज करवा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि बेहतर विद्युत आपूर्ति व जनसमस्याओं के निस्तारण हेतु शहर में वार्डवार व ग्रामीण क्षेत्रा में ग्रामवार कनिष्ठ अभियंताओं की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी उपभोक्ताओं के मोबाईल नम्बर अपलोड करें जिससे उपभोक्ताओं को विद्युत संबंधी सारी जानकारी उपलब्ध हो सके।
बैठक में प्रबंध निदेशक ने निर्देश दिए कि खराब एवं बंद मीटरों को बदलकर सितम्बर माह तक शून्य किया जाए जिससे उपभोक्ताओं को वास्तविक उपभोग का बिल मिलें व निगम की राजस्व में बढोतरी हो सके। उन्होंने कहा कि मीटरों की उपलब्धता में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। मीटर नहंी बदलने की स्थिति में उपभोक्ताओं को 5 प्रतिशत की छूट दी जा रही है व राज्य सरकार द्वारा वास्तविक उपभोग की बिलिंग नहीं होने के कारण सब्सिडी नहीं दी जा रही है इससे निगम को दोहरा नुकसान हो रहा है।
उन्होंने बैठक में सभी अधीक्षण अभियंताओं को निर्देश दिए कि लम्बित जांच प्रतिवेदनों के अंतिम निस्तारण के लिए सहायक अभियंता (पवस) दोनों शाखाओं (सतर्कता एवं पवस) की लम्बित वीसीआर के राजस्व निर्धारण का नोटिस उपभोक्ताओं को नवम्बर, 2017 तक आवश्यक रूप से भिजवाकर नोटिस की प्राप्ति रसीद प्राप्त कर कार्यालय में जमा करावें। सभी उपखण्ड अधिकारियों को उनके क्षेत्रा में की गई लम्बित जांच की राजस्व निर्धारण व सतर्कता जांच के आधार पर 10 प्रतिशत राशि मय पंजीयन शुल्क रू. 500/- जमा करवाकर गठित कमेटी में अपना वाद दायर करने के निर्देश दिए। सतर्कता जांच करने पर बढे हुए भार व दुरूपयोग पाए जाने के अतिरिक्त चोरी करते पाए उपभोक्ताओं का तुरन्त कनेक्शन काटें ताकि सतर्कता जांच की राशि के साथ ही पुनः कनेक्शन जोडने की फीस भी उपभोक्ताओं से वसूल की जा सके। जिससे निगम के राजस्व में बढोतरी होगी व कनेक्शन कटने पर उपभोक्ता अपनी विद्युत आपूर्ती पुनः जल्दी जोडने का प्रयास करेगा। सतर्कता जांच में जिन उपभोक्ताओं के उच्च राजस्व निर्धारण होता उनके खिलाफ राशि जमा नहीं करवाने पर उनके विरूद्ध प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज करावें ताकि उनकी गिरफ्तारी की कार्यवाही की जा सके।
बैठक में निदेशक (तकनीकी) श्री के. पी. वर्मा, निदेशक (वित्त) श्री एस.एम. माथुर, सचिव (प्रशासन) श्री कैलाश चन्द्र लखारा, संभागीय मुख्य अभियंता श्री एम. बी. पालीवाल (अजमेर जोन), श्री एन. एस. सहवाल (उदयपुर जोन), श्री बी. एम. भामू (झुंझुनूं जोन), अति. मुख्य अभियंता श्री वी.एस. भाटी (प्रोजेक्ट), श्री एच. एस. मीणा (मुख्यालय), अति. पुलिस अधीक्षक (सतर्कता) श्री मुकेश सांखला, मुख्य लेखाधिकारी श्री श्री एम. के. जैन (ईटीबी), टी ए टू एमडी श्री मुकेश बाल्दी, कम्पनी सचिव श्रीमती नेहा शर्मा सहित समस्त अधीक्षण अभियंता एवं संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।

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