दुनिया में नाम की नहीं, गुण की पूजा है-सुधासागर महाराज

श्रावक संस्कार शिविर का चौथा दिन, उत्तम शौच धर्म पर प्रवचन
Untitledमदनगंज-किशनगढ़। दशलक्षण पर्व पर आयोजित श्रावक संस्कार शिविर के चौथे दिन मुनि पुंगव सुधासागर महाराज ने उत्तम शौच धर्म पर अपने प्रवचन में कहा कि मंदिर जाते हो तो भगवान के सामने चप्पल मत उतारा करो, कम से कम इतनी तो लाज रखों की तुम्हारें पैरों की चप्पल पर भगवान की दृष्टि नहीं पड़े। भगवान की दृष्टि बहुत पावन व पवित्र है। जहां से गुरूओं का गमनागमन हो वहां चप्पल जूते नहीं उतारना। मुनि श्री ने कहा कि तुम्हारी दृष्टि भगवान के चरणों पर पड़ी तो बेड़ा पार है भगवान की दृष्टि तुम्हारें चरणों पर पड़ गई तो बेड़ा गर्क है। कभी भी कुछ भी हो जाए भगवान और गुरू के सामने कभी पैर फैलाकर व कुर्सी पर मत बैठना। मुनिश्री ने कहा कि एक नियम ले लो कि भगवान जिस को तुम जानते हो जहां जहां तेरा ज्ञान हुआ है उसके साथ कभी में बुरा भाव नहीं करूंगा। ये भावना रखी तो तुम्हें एक दिन केवल ज्ञान प्राप्त करके सर्वज्ञ बना देगी। मुनिश्री ने कहा कि भगवान से कारण मांगो कार्य नहीं, साधन मांगों साध्य नहीं, साधना मांगों फल नहीं, पुरूषार्थ करने की कला मांगों फल नहीं। मुनिश्री ने कहा कि बड़ो से धन दौलत मत मांगो, बड़ो से वो कला लो, वो ज्ञान लो कि इन्होंने इतनी ऊंचाई कैसे छुई। ऊंचाई पर तो हमारा मन ललक जाता है लेकिन ऊंचाई की सीढिय़ों को हम देखना नहीं चाहते। मुनिश्री ने कहा कि दुनिया में नाम की पूजा नहीं है गुण की पूजा है। जब तुम धनवान को देखो गुणवान को देखो पहले तो आनंद से भर जाओ ईष्र्या से नहीं जलन से नहीं। कि जो मैं चाहता था मेरा पास तो नहीं है इसके पास तो है आज मैंने इसके पास देख लिया कल मैं इसे पा भी लूंगा। मुनिश्री ने कहा कि शौच धर्म के अनुसार दूसरे की वस्तु पर नियत खराब मत करना। जो तुम्हारी थी नहीं, है नहीं, होगी नहीं, पर वस्तु पर कोई मोह मत रखो। पर वस्तु को कितना भी तुम चाह लेना तुम्हें फलने वाली नहीं है उसका अंत दु:ख देकर ही जाएगा। शौच धर्म में दूसरा है कि ऐसी वस्तु जो तुम्हे मिल रही है मिल जाएगी किन्तु इससे दूसरा मिट जाए, बर्बाद हो जाए, ऐसा मोह कभी मत करना। शौच धर्म में तीसरा लोभ है कि अगर जो वस्तु तुम्हारी है, तुम्हारा धन है, किन्तु उस धन से किसी की जिंदगी बच सके तो अपने धन में मोह मत करना। किसी की जिंदगी बचा सको तो बचा लो। यह है उत्तम शौच। मुनिश्री ने कहा कि मैंने पापों के कारण तो मकान जायदाद बिकते देखा है किन्तु अगर किसी ने जिनेन्द्र देव के मंदिर निर्माण के लिए अपना मकान बेचा तो ऐसा वरदान मिलेगा कि तुम चक्रवर्ती बनकर तुम्हें चौरासी खण्ड का महल मिलेगा।
ये कार्यक्रम हुए
श्री दिगम्बर जैन धर्म प्रभावना समिति के मीडिया प्रभारी विकास छाबड़ा के अनुसार सामूहिक प्रार्थना, अभिषेक एवं सामूहिक संगीतमय पूजन, तत्वार्थसूत्र वाचना एवं अर्घ समपर्ण, सामूहिक सामयिक अध्ययन पठन पाठन, जिज्ञासु प्रश्रोत्तर (मुनिश्री से), मुनिश्री द्वारा कक्षा पाठ्यक्रमानुसार, सामूहिक श्रावक प्रतिक्रमण, आचार्य भक्ति व सामूहिक आरती, ग्रुप अनुसार अध्ययन कक्षाएं सहित विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम विधिवत रूप से सम्पन्न हुए।
शिविर पुण्यार्जक
26 वें श्रावक संस्कार शिविर पुण्यार्जक का सौभाग्य चत्तरदेवी पाटनी, किशनगढ़ को मिला।
ये रहे श्रावक श्रेष्ठी
श्री दिगम्बर जैन धर्म प्रभावना समिति के मीडिया प्रभारी विकास छाबड़ा के अनुसार प्रात: अभिषेक एवं शांतिधारा, चित्र अनावरण, दीप प्रज्जवलन, शास्त्र भेंट, पाद प्रक्षालन, सायंकालीन आरती एवं वात्सल्य भोज पुण्यार्जक का सौभाग्य कंवरलाल महावीरप्रसाद अशोक कुमार सुरेश कुमार विमल कुमार विनीत विकास विनय विवेक ऋषभ पाटनी (आर.के. मार्बल) परिवार को मिला। द्रव्य पुण्यार्जक का सौभाग्य एम.के. जैन अजय कुमार रजत कुमार गंगवाल परिवार को मिला। अल्पाहार पुण्यार्जक का सौभाग्य नेमिचंद, माणकचंद, नरेन्द्रकुमार गंगवाल परिवार को मिला।
ये रहे उपस्थित
इस मौके पर आर.के. मार्बल ग्रुप के अशोक पाटनी, सुरेश पाटनी, राकेश पहाडिय़ा, प्रकाश गंगवाल, निरंजन बैद, अतुल लुहाडिया, माणकचंद गंगवाल, महेन्द्र पाटनी, कैलाश पहाडिय़ा, सम्पत दगड़ा, विनोद चौधरी, एम.के. जैन आदि उपस्थित थे।

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