दरगाह के आहता-ए-नूर में शाहदतनामा पढ़ा जायेगा

हसन चिश्ती
हसन चिश्ती
अजमेर, 29 सितम्बर । 10 मोहर्रम बामुताबिक 1 अक्टूबर रविवार की सुबहा विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के आहता-ए-नूर में शाहदतनामा पढ़ा जायेगा। यह जानकारी देते हुए ख्वाजा साहब के गद्दीनशीन एस. एफ. हसन चिश्ती ने बताया कि पैगम्बर इस्लाम के नवासे हजरत अली के पुत्र शोहदा-ए-करबला के जद हजरत इमाम हुसैन व 72 शहीदों की याद में 1 अक्टूबर रविवार की सुबहां 7 बजे दरगाह के आहता-ए-नूर में कुरानख्वानी होगी। आठ बजे शौहदा-ए-करबला की याद में शाहदतनामा पढ़ा जायेगा। 12 बजे पैगम्बर इस्लाम व शौहदा-ए-करबला की याद में सलातो सलाम पढ़ा जायेगा। बाद फातेहा के मुल्क की खुशहाली व मौजूदा जायरीनों के लिए दुआ की जायेगी। हसन चिश्ती ने बताया कि आज से 14 सौ वर्ष पूर्व हक व बातिल की जंग में हजरत इमाम हुसैन व 72 शहीद तीन दिन के भूखे प्यासे मैदान-ए-करबला में शहीद हो गये थे। उनकी याद में पूरी दुनिया में मोहर्रम मनाए जाते है। बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग रोजे रखते है। विशेष नमाज व इबादत कर मोहर्रम मनाते है। इस अवसर पर एस. एफ. हसन चिश्ती ने पूरी दुनियां के मुसलमानों से अपील की है कि वह हजरत इमाम हुसैन के बताए मार्ग पर चल दुनिया में अमन शांति का पैगमा दें।

(एस. एफ. हसन चिश्ती)
गद्दीनशीन ख्वाजा साहब
मो. 9414496884

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