कर्मचारी नहीं तो क्या भाजपा कार्यकर्ता काम कर रहे हैं?

हेमंत भाटी
हेमंत भाटी
अजमेर। कांग्रेस नेता हेमंत भाटी ने एक बयान जारी कर कहा है कि यदि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे को यह शिकायत है कि ज्यादातर राज्य कर्मी काम नहीं कर रहे तो जिन उपलब्धियों को वे गिनाती हैं, वे क्या भाजपा कार्यकर्ता के काम करने से हासिल हुई हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री राजे पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि असल में अपनी नीतियों की वजह से उत्पन्न हुई समस्याओं को अप्रत्यक्ष रूप से कर्मचारियों पर लादने की कोशिश कर रही हैं। उनका यह कहना कि ज्यादातर कर्मचारी काम नहीं करते, इसका सीधा सा अर्थ है कि एक तो उनका प्रशासनिक तंत्र पर नियंत्रण नहीं है, अपनी गलतियों से कर्मचारी वर्ग से सामंजस्य तोड़ चुकी हैं, दूसरा ये कि कर्मचारियों को दोषी ठहरा कर यह साबित करने की कोशिश कर रही हैं कि सरकार तो काम करना चाहती है, मगर कर्मचारी ही सहयोग नहीं कर रहे। वस्तुत: उनका बयान सरकार की हताशा ही दर्शाता है। उनको अच्छी तरह से पता है कि जनता सरकार से बिलकुल संतुष्ट नहीं है। उसे संतुष्ट करने के लिए कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहरा कर खुद को बरी करने की कोशिश कर रही हैं।
भाटी ने कहा कि पूरे साढ़े तीन साल बाद अगर वसुंधरा राजे कह रही हैं कि शुक्रवार दोपहर से सोमवार दोपहर तक ज्यादातर कर्मचारी नहीं मिलते व इससे जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है, तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर यह सही है तो सरकार अब तक क्या कर रही थी? पूरे साढ़े तीन साल तक जनता को भगवान भरोसे छोड़ कर अब जनता की सुध लेने का भाव जता रही हैं, तो इसका साफ अर्थ है कि उन्हें अब चुनाव का डर सता रहा है। वे जानती हैं कि सुशासन के वादे की कलई खुल चुकी है और अब जनता चुनाव में सबक सिखाने जा रही है। सच तो ये है कि वे कर्मचारियों को कोसने की बजाय अपनी नीतियों में सुधार करें, वरना जनता तो भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का मन बना ही चुकी है। पानी सिर से बहुत बह चुका है, अब जनता लुभावनी व चिकनी चुपड़ी बातों में आने वाली नहीं है।

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