भामाषाह निषुल्क बीमा योजना अजमेर में भ्रष्टाचार की चपेट में

विजय जैन
विजय जैन
अजमेर। कांग्रेस ने गम्भीर आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे द्वारा लागु की गई महत्वकांक्षी भामाषाह निषुल्क बीमा योजना अजमेर में भ्रष्टाचार की चपेट में आ गई है अंकेक्षण विशेषज्ञों द्वारा अनियमितताओं पर की गई आपत्तियां जाहिर कर रही है कि इसमें करोड़ों का घोटाला हुआ है। अजमेर में व्यापक जनसंवाद के बावजूद मुख्यमंत्री को इसकी भनक तक नहीं है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन के हवाले से प्रवक्ता मुजफ्फर भारती ने जारी बयान में बताया कि राजस्थान सरकार ने 15 अगस्त 2014 से भामाशाह योजना लागु की इस योजना के अंतर्गत अजमेर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय के कार्डियोलॉजी विभाग में हृदय रोगियों को लगाए जा रहे निशुल्क स्टैंट में बड़े स्तर पर घोटाला चल रहा है किंतु उच्च स्तरीय सांठगांठ के चलते हैं घोटाले को जांच से बचाया जा रहा है। यह स्टैंट चिकित्सालय प्रशासन द्वारा हृदय रोग विभाग की अनुशंसा पर लगभग तीस हजार रूपयों की दर से खरीदा जा रहा है, जबकि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से निर्धारित मापदंडो के अनुसार साढ़े सात हजार रूपये के स्टैंट को मानक माना गया है प्रधानमंत्री ने इस बाबत बयान भी दिया है कि साढ़े सात हजार रूपय का स्टैंट सबसे उपयुक्त है। जेएनएन अस्पताल के हृदय रोग विभाग द्वारा जहां इन दिशा निर्देशों को नजरअंदाज किया जा कर प्रत्येक स्टैंट पर सरकार को साढ़े बाईस हजार का निष्फल व्यय किया जा रहा है जिससे सरकार करे 5 से करोड़ अधिक का चूना लगाया जा चुका है। वहीं दूसरी और मरीजों को एक स्टैंट के अनुमोदन होने के उपरांत भी बिना अनुमोदन 2 से 3 स्टैंट प्लांट किए जा रहे हैं यद्यपि प्लांट किए गए स्टैंट की साक्ष्य सी.डी. को अभिलेखीय रूप में संरक्षित किया जाना अपेक्षित है मगर काले कारनामों को छिपाने के लिए इन साक्ष्य सीडियों को खुर्द बुर्द किया जा चुका है ऐसे गंभीर मामलों में उच्च स्तरीय जांच की जरूरत है। इसके अलावा सबसे गम्भीर तथ्य यह है कि अंकेक्षण विशेषज्ञों द्वारा भी समय-समय पर इन अनियमितताओं पर आपत्तियां की जाती रही हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि वर्तमान में अस्पताल को मैन पावर जैसे ट्रॉली मैन वार्ड बॉय सुरक्षागार्ड इत्यादि उपलब्ध करवाने के लिए उदयपुर की एक निजी कंपनी पन्नाधाय द्वारा 3. 33 प्रतिषत की दर शुल्क पर किया जा रहा है इस फर्म के कार्यकाल में जानबूझकर नियमविरूद्ध अभिवृद्धि की जाती रही है जिसके चलते इस फर्म से विगत 2 वर्षों से भी अधिक अवधि से सेवाएं ली जा रही हैं। जबकि अस्पताल प्रशासन द्वारा दिसंबर 2016 में जारी किए गए टेंडर में 1.00 प्रतिषत तथा मई 2017 में जारी किए गए टेंडरों में 2.3 प्रतिशत शुल्क पर अपनी सेवाएं देने हेतु न्यूनतम दरें प्राप्त हो चुकी हैं। लेकिन अस्पताल प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा वित्तीय हितों को साधने के मद्देनजर न्यूनतम दरों को दरकिनार करते हुए उदयपुर की इस निजी कंपनी से उच्चतम पर कार्य करवाया जा रहा है जो बड़े वित्तीय घोटाले की संभावना स्पष्ट रुप से जाहिर करता है।
कांग्रेस अध्यक्ष जैन ने आरोप लगाते हुऐ कहा कि अस्पताल में सुविधाओं के विस्तार हेतु दिए जाने वाले फंड और गोल्डन जुबली समारोह में एकत्रित राशि का अस्पताल प्रशासन द्वारा दुरुपयोग करते हुए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के चेंबर की साज-सज्जा और शानो-शौकत पर लाखों रुपया खर्च किया गया है जबकि यह कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग से करवाए गए हैं किंतु इस खर्च में गोल्डन जुबली समारोह में एकत्रित राशि को भी दर्शाया गया है जो एक बड़ी वित्तीय अनियमितताओं को उजागर कर रहा है इसके अलावा जहां प्राचार्य के चेंबर की साज सज्जा के लिए लाखों रुपए खर्च किए गए हैं वहीं धन के अभाव में मरीजो को मूलभूत समस्याओं से वंचित होना पड़ रहा है
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अस्पताल प्रषासन यहां हुई गड़बड़ियों की जांच का अष्वासन और दिखावे के लिये जांच कमेटी भी बना दी जाती है पर जांच कमेटी की रिपोर्ट पर काई कार्यवाही नहीं हो रही है उदाहरण के तौर पर जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में भर्ती मरीजों से बाजार से दवा मंगाने के मामले सामने आये है। मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य डॉ. अशोक चैधरी ने निरीक्षण के दौरान पाया था कि डॉक्टर सी.के. मीणा की यूनिट में भर्ती मरीजों को वार्ड से दवा देने के बजाय बाजार से मंगवाई जा रही है। चैधरी ने मामले को गंभीर मानते हुए जांच के आदेश दिए और कहा कि मरीजों की शिकायत के कारण उजागर हुए इस प्रकरण में डॉ. मीणा से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा मगर आज तक ना कोई जांच रिपोर्ट आई अगर आई भी तो आरोपी डॉक्टर को बचाने के लिये उसे दफन कर दिया गया।
कांग्रेस प्रवक्ता मुजफ्फर भारती ने कहा कि इसी प्रकार इससे पहले भी अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में हुए इसी प्रकार के गोरखधंधे में जांच के बाद क्या कार्यवाही हुई यह आज तक पता नहीं लग पाया है। इसमें रेखांकित करने वाली बात ये है कि उस गोरखधंधे को तो राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन के एमडी डॉ. समित शर्मा ने ही पकड़ा था। कार्डियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. गोखरू प्रकरण में गठित हाईपावर कमेटी ने जांच कर रिपोर्ट राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन के एमडी डॉ. समित शर्मा को भेज दी, जिस पर कार्यवाही का आज तक पता नहीं लग पाया।
कांग्रेस का आरोप है कि अभी पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी के शहर अध्यक्ष अरविंद यादव ने पूर्व अस्पताल अधीक्षक डा. पी.सी. वर्मा और उपअधीक्षक डॉक्टर विक्रांत पर मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना की दवाओं की खरीद में भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों की शिकायत की थी सरकार ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए अस्पताल के पूर्व उप अधीक्षक डॉ विक्रांत को एपीओ कर प्रकरण की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी थी जांच कमेटी की रिपोर्ट अभी तक आया नहीं लेकिन चिकित्सा विभाग ने डॉक्टर विक्रांत को बहाल कर फिर से ईएनटी विभाग में लगा दिया अब सवाल यह उठता है कि या तो भाजपा अध्यक्ष की शिकायत गलत थी या जांच कमेटी में गोलमाल हो गया यह तब तक पता नहीं चलेगा जब तक जांच को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।

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