बुजुर्ग ही घर पर नहीं होंगे तो पोते पोती को संस्कार कौन देगा

712018 (1)अजमेर 07 जनवरी। 54 अरब हस्तलिखित श्रीराम नाम महामंत्रों की महापरिक्रमा के आठवें दिन रविवार अल सुबह से देर रात तक परिक्रमा करने वालों का तांता लगा रहा। सुंदरकांड पाठ और प्रवचनों का श्रवण करने वालों से पांडाल खचाखच भरा रहा। राम दरबार में दिनभर भक्तों ने श्रद्धा रूपी पुष्प अर्पित किए। सुबह गायत्री शक्तिपीठ तोपदडा की ओर से पांचकुण्डीय गायत्री यज्ञ का आयोजन किया गया। इसमें बडी संख्या में जोडों ने आहूति दी।
सह संयोजक उमेश गर्ग ने बताया कि श्रीराम नाम महामंत्र परिक्रमा समारोह समिति के तत्वावधान और श्री मानव मंगल सेवा न्यास व श्रीराम नाम-धन संग्रह बैंक के सहयोग से विश्व में सर्वाधिक विधिवत संकलित हस्तलिखित श्रीराम नामों की परिक्रमा 15 जनवरी तक जारी रहेगी। सुबह 6रू15 बजे से भक्तजन परिक्रमा कर सकते हैं। सुन्दरकाण्ड पाठ और संतों के प्रवचन प्रतिदिन हो रहे हैं।
सायंकाल होने वाली महाआरती में साध्वी अनादि सरस्वती, सहसंयोजक कंवल प्रकाश, उमेश गर्ग, सर्वेश्वर अग्रवाल, लोकमल गोयल, शैलेन्द्र सतरावला, आचार्य संतोष, महेन्द्र जैन मित्तल, अशोक टांक, शंकरसिंह, रामसिंह चौहान, ललित शर्मा, पंडित लक्ष्मण शर्मा, राजेन्द्र सैनिक आदि ने भाग लिया।
सनातन धर्म ही समूचे विश्व का सदैव नेतृत्व करेगा: अनादि सरस्वती
दुनिया के बाकी देशों में महापुरुष पैदा होते हैं और भारत धरा पर साक्षात भगवान जन्म लेते हैं। हमारे पुत्र जन्मे तो बोलते हैं कान्हा आया है, बच्ची जन्मे तो कहते हैं दुर्गा आई है, लक्ष्मी आई है। भारत भूमि धन्य है, इसीलिए भगवान के सभी अवतार यहीं पैदा होते हैं। सनातन धर्म ही समूचे विश्व का सदैव नेतृत्व करेगा। यह बात चित्ति जागरण संस्थान की साध्वी अनादि सरस्वती ने श्रीराम नाम परिक्रमा महोत्सव में प्रवचन के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि इस देश में तो जीव जन्तुओं में भी ईश्वर का अंश माना जाता है। मछली को आटे की गोली डाली जाती है, पक्षियों को दाना डाला जाता है, बंदरों को केले खिलाए जाते हैं, इतना ही नहीं बल्कि सांप को भी दूध पिलाने की संस्कृति है। यही सनातन धर्म है।
उन्होंने प्रभु नाम की महिमा का बखान करते हुए कहा कि राम दो शब्द रा और म से मिलकर बना है, इसमें अग्नि, सूर्य और चन्द्रमा तत्व समाहित होते हैं। इसमें बहुत उर्जा होती है। राम जप से तीनों तत्व एक साथ जाग्रत हो जाते हैं। शक्ति का संचार होता है। शरीर, मन और देह तो भगवान की सेवा के लिए है। यही सनातन धर्म है।
रामचरितमानस का अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि उसमें पुत्र, पति, और मित्र धर्म निभाने के साक्षत उदाहरण के रूप में राम के मर्यादापूर्ण जीवन के अनुकरणीय पक्ष का साक्षात्कार होता है। भगवान राम धैर्य की प्रतिमूर्ति हैं।
उन्होंने कहा कि कालचक्र के साथ पाश्चात्य संस्कृति के कुछ दुष्प्रभाव हमारे यहां भी आ गए हैं। माता पिता को वृद्धाश्रम में छोडा जाने लगा है। सोचिए बुजुर्ग ही घर पर नहीं होंगे तो पोते पोती को संस्कार कौन देगा। भौतिकता की दौड में भाई भाई का दुश्मन बन रहा है। छोटी सी बात पर परिवार टूट जाते हैं। रामचरितमानस में जीवन जीने की कला छिपी है। यह सिर्फ किसी कवि की कल्पना नहीं है। कुटुम्ब कैसे व्यवस्थति तरीके से चलते हैं यह हमें रामायण से सीखने को मिलता है।
ईश्वर के प्रति विश्वास कैसा हो इसकी व्याख्या करते हुए साध्वी ने कहा कि वानर सेना के एक छोटे से सिपाही अंगद ने लंका जाकर रावण की सभा के बीच अपने पैर जमा दिए, कोई उनका पैर नहीं डिगा सका। जब वे लौटे तो बाकी वानरों ने उनसे पूछा कि यह सब कैसे कर पाए तो वे बोले रामजी को याद किया और पैर खुद ही ताकत आ गई।
भगवान को पाने का सबसे निर्मल और सरल व सहज तरीका उनकी भक्ति करना है। भक्ति का रूप कैसा भी हो भगवान स्वीकार लेते हैं। भगवान बडे दयालू हैं वे संकट पडने पर अपने भक्तों की रक्षा करने को आतुर रहते हैं। प्रभु की कृपा हो जाए तो असंभव कार्य भी संभव हो जाता है।
सुंदरकांड पाठ और भजन सरिता सुन भक्त हुए निहाल
श्री श्याम शरणागत मण्डल के डॉ. स्वतंत्र शर्मा व साथियों द्वारा सुन्दरकाण्ड पाठ की प्रस्तुति दी। सुंदरकांड में शहर के रामभक्तों ने सामूहिकरूप से पाठ कर धर्मलाभ प्राप्त किया। शाम के सत्र में पं. रामलाल माथुर संगीत महाविद्यालय की ओर से ख्याति, रितिश, पांचाल, सानवी, गार्गी, ममता, दिव्यांशी, हिमांशी और कुसुम ने सामूहिक रूप से भजन प्रस्तुति दी। नन्हीं बच्चियों की नृत्यमय गणेश वंदना की प्रस्तुति ने श्रद्धाुलओं का मनमोह लिया। नक्षत्र त्यागी ने राम का गुणगान करिए…, किरण पंजवानी ने हे मुरलीधर दामोदर…, मनीष दगदी, किरन, निकिता और नक्ष्त्र ने सामूहिक रूप से हे राम हे राम… और रामचरण सुखदाई…, चित्रकूट के घाट पर… आदि भजनों से भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया। कला अंकुर संस्थान की ओर से भगवान राम को समर्पित ‘सुर सरिता’ में सोनू माथुर और साथी कलाकारों ने श्रीराम नाम कृपालु भजमन…, वैष्णवी जोशी ने पायो जी मैने राम रतन धन पायो…, निधि सारस्वत ने प्रेम मुदित मन से कहो राम राम…, काव्या मकवाना ने चाकर राखो जी…, तनवीर ने बोल सुआ राम राम…, कनिका सारस्वत ने लगन बिन लागी…, ओम प्रकाश ने दीनन दुख हरन देव… भजन से वातावरण को भक्ति से सराबोर कर दिया।
इन्होंने पाया सम्मान
समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले अजीत अग्रवाल, रामचरण बंसल और डॉ राजेश खत्री तथा वरिष्ठ पत्रकार प्रियांक शर्मा और हरीश वरीयानी का सम्मान किया गया। 84 लाख बार श्रीराम महामंत्र का हस्तलेखन करने वाले साधक प्रेम प्रकाश माथुर, कांता शर्मा, सूरजमल नागर और फूलकंवर जिन्दल का श्रीफल देकर और शॉल ओढाकर बहुमान किया गया। श्रीराम नाम धन संग्रह बैंक की और से प्रशस्तिपत्र भेंट किया गया। डॉ. कमला गोखरू, अमित, कैलाशचन्द खण्डेलवाल, दीपा नारीभाई टिक्यानी और गोपाल शर्मा चोयल यजमान रहे।
परिक्रमा स्थल पर चित्रकला प्रतियोगिता
11 जनवरी को शाम 4 बजे परिक्रमा स्थल पर चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। संयोजक सुरेश शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिता में दो वर्ग रखे गए हैं। कनिष्ठ वर्ग में कक्षा प्रथम से 5 तक के बच्चे पर्यावरण विषय पर चित्रांकन कर सकेंगे। वरिष्ठ वर्ग में कक्षा 6 से 12 के स्कूली बच्चे रामराज्य की परिकल्पना कर चित्रांकन करेंगे। इसमें सभी स्कूलों के बच्चे भाग ले सकते हैं। प्रतिभागियों को रंग एवं ब्रश स्वयं लाने होंगे। खाली ड्राइंगशीट समिति की ओर से उपलब्ध करवाई जाएगी।
परिक्रमा में भगवान बनो प्रतियोगिता
12 जनवरी को शाम 4 बजे परिक्रमा स्थल पर भगवान बनो प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। संयोजक शशिप्रकाश इंदोरिया ने बताया कि इस प्रतियोगिता में तीन आयु वर्ग जन्म से तीन साल, नर्सरी से 5वीं कक्षा और छठी कक्षा से 12वीं कक्षा तक के बालक बालिकाएं भाग ले सकेंगे। राम, कृष्ण जैसे भगवान के किसी भी स्वरूप का प्रतयोगी रूप धारण कर सकेंगे। अधिक जानकारी के लिए 9414666374, 9828029187 पर संपर्क किया जा सकता है।
सोमवार 8 जनवरी के प्रस्तावित कार्यक्रम
मध्यान्ह 2ः30 बजे श्रीराम मानस मण्डल के देवेन्द्र कुमार झा व साथियों द्वारा सुन्दरकाण्ड पाठ की प्रस्तुति दी जाएगी। शाम 5ः30 बजे संन्यास आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी शिवज्योतिषानन्द महाराज प्रवचनों से श्रृद्धालुओं को निहाल करेंगे। इसके बाद उत्कृष्ठ कार्य करने वाले समाजसेवियों आदि सम्मान होगा। महाआरती के बाद शाम 7ः30 बजे भगवान राम को समर्पित कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। कवि सम्मेलन में भीलवाड़ा से वीर रस के कवि योगेन्द्र शर्मा, कवि डॉ. वृजेश माथुर, प्रदीप गुप्ता, अशोक पंसारी, अमिता टंडन, पूजा गौड़ और मुस्कान कोटवानी अपनी कविताओं से माहौल को भक्तिमय बनाएंगे। इस अवसर पर कार्यक्रम में एडवोकेट बबिता टांक, कन्हैयालाल, हरीश शर्मा और किशन हरवानी यजमान रहेंगे।

विजय मौर्य
प्रचार प्रमुख
श्रीराम नाम महामंत्र परिक्रमा समारोह समिति
मो. 9887907277

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