गैस सिलेण्डर की अवैध रिफलिंग पर हुई कार्यवाही

अजमेर, 17 फरवरी। जिला कलक्टर के निर्देश पर जिला रसद विभाग ने गैस सिलेण्डरों की अवैध रिफलिंग करने वालों के विरूद्ध शनिवार को कार्यवाही की गई।
जिला रसद अधिकारी श्री संजय माथुर ने बताया कि आगरा गेट क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी करके अवैध गैस सिलेण्डर की रिफलिंग करने वाले कारोबारियों के विरूद्ध कार्यवही की गई। इसमें गोयल गैस स्टॉव लाईट वक्र्स, राजू शर्मा गैस चुल्हा रिपेरियिंग, अशोक टी स्टॉल, मैसर्स उषा टेडर्स लोढ़ा मार्केट तथा भगवान चाट भण्डार पर छापेमारी कर अवैध सिलेण्डर जप्त किए गए। जांच दल में प्रवर्तन अधिकारी श्री अब्बदुल सादीक एवं नीरज जैन शामिल थे। इनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।

सबल अभियान के लिए बैठक आयोजित
अजमेर, 17 फरवरी। उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कैलाशचंद शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को सबल अभियान के संबंध में बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई।
बैठक में युवाओं एवं युवाओं एवं विशेष योग्यजनों के पंजीकरण के लिए चलाए जाने वाले सबल अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए गए। सबल अभियान के दौैरान युवाओं एवं विशेष योग्यजनों के पंजिकरण के लिए रूप रेखा तैयार की गई। सबल अभियान के तहत 20 फरवरी से 28 फरवरी के मध्य जिले में 379 शैक्षणिक संस्थाओं में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसके पश्चात 6 मार्च से 20 मार्च तक बीएलओ द्वारा घर-घर सर्वे का कार्य किया जाएगा। जिनमें मतदाताओं का पंजीकरण किया जाएगा। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा अजमेर जिले में 18 से 19 आयु वर्ग के मतदाता सूची में पंजियन से शेष रहे 51 हजार 756 युवाओं के शतप्रतिशत पंजियन व अजमेर जिले के अनुमानित 36 हजार 161 विशेष योग्यजनों का चिन्हिकरण कर शतप्रतिशत लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित किए जाने के लिए सहयोग की अपील की गई।
इस अवसर पर उप निदेशक समाज कल्याण विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी व राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, राजकीय महिला अभियांत्रिकी महाविद्यालय, राजकीय पोलिटेक्निक महाविद्यालय, नगर निगम अजमेर, ज्योतिर्गमय सेवा संस्थान, सेंटर फॉर एडवोकेसी एण्ड रिसर्च, राजस्थान महिला कल्याण मण्डल, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान आदि के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

डिजीटल राजस्व मण्डल द्वितीय चरण 19 फरवरी से आरम्भ
अजमेर, 17 फरवरी। राजस्व मण्डल के डिजीटिलीकरण के द्वितीय चरण का शुभारम्भ 19 फरवरी से किया जाएगा।
राजस्व मण्डल के उपनिबंधक श्री सुरेश सिंधी ने बताया कि डिजीटल राजस्व मण्डल में आगे बढ़ते हुए द्वितीय चरण में 19 फरवरी 2018 से पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरूआत की जाएगी। इस हेतु आवश्यक सॉफ्टवेयर तैयार किया जा चुका है। इसके तहत मण्डल के सभी पक्षकारों व उनके अभिभाषकों को मोबाइल फोन पर संदेश भिजवाए जाएंगे। इस तरह पक्षकारों एवं अभिभाषकों को उनके मोबाइल फोन पर यह जानकारी प्राप्त हो सकेगी कि उनका प्रकरण किस तारीख को लगेगा। इसके अलावा पक्षकारों को भेजे जाने वाले सम्मन, नोटिस, अधीनस्थ न्यायालयों से रिकार्ड तलब करने का कार्य भी कम्प्यूटर से किया जाएगा। मार्च 2018 तक लगभग 1000 न्यायालयों को इस योजना से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पक्षकारों एवं उनके अभिभाषकों को मोबाइल पर संदेश नए दर्ज प्रकरणों के बारे में प्रेषित किए जाएंगे। मण्डल में प्रतिमाह लगभग 2000 नए वाद दर्ज होते है। मण्डल के लगभग 150 वरिष्ठ अभिभाषकगण ने इस बाबत अपनी सहमति प्रकट की है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में नया प्रकरण दर्ज होेने पर सम्मन जारी होकर तामील हाने में लगभग डेढ़-दो महीने को समय लग जाता है। आरसीएमएस के जरिए इलेक्ट्रोनिक सम्मन संबंधित तहसीलदार को भेजे जाएंगे, जो इसका कागजी प्रिंट निकालकर तामील एक सप्ताह में करवा सकेंगे। अधीनस्थ न्यायालय से पत्रावली मंगवाने में वर्तमान में 4-5 महीने का समय लगता है। इलेक्ट्रोनिक व्यवस्था के तहत यह कार्य अब एक माह से भी कम समय में संपादित करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि डिजीटल राजस्व मण्डल के द्वितीय चरण का प्रारम्भ 19 फरवरी 2018 से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन अध्यक्ष द्वारा 5 मार्च 2018 को किया जाएगा। मण्डल के 70 वर्षों के इतिहास में यह निश्चित रूप से गौरवमयी अवसर है जब डिजीटाईजेशन गतिविधियां मण्डल को एक नए भारत के साथ कदम से कदम मिलाने में सहयोग करेगी। यह गतिविधियां इस प्रकार डिजाईन की गई है कि गरीब किसानों के लिए सरलीकृत एवं व्यवस्थित प्रक्रिया से संचालित न्याय मिल सकेगा।
उन्होंने बताया कि राजस्व मण्डल के अध्यक्ष श्री वी.श्रीनिवास के नेतृत्व एवं मागदर्शन में राजस्व न्यायालयों के डिजीटल/कम्प्यूटरीकृत होने के संबंध में राजस्थान राज्य में जो पहल की गई थी, वह आज भी जारी है।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में डिजीटल राजस्व मण्डल प्रोजेक्ट सम्पूर्ण राजस्थान में मिशन के रूप में 27 सितम्बर 2017 को प्रारम्भ हुआ जिसके तहत सभी निर्णय ऑनलाइन होने लगे। 2 नवम्बर 2017 को 466 अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों की कोटर््स ग्रिड स्थापित की जाकर समस्त न्यायालयों को आरसीएमएस साफ्टवेयर से जोड़ा गया। इसका सकारात्मक परिणाम यह हुआ कि अब तक सम्पूर्ण राजस्थान में लगभग 2 लाख निर्णय जो कि सहायक कलक्टर, उपखण्ड अधिकारी, अतिरिक्त कलक्टर, कलक्टर, राजस्व अपील प्राधिकारी, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त, संभागीय आयुक्त से संबंधित थे, अपलोड कर ऑनलाईन किए गए।
उन्होंने बताया कि राजस्व मण्डल द्वारा 2 हजार 500 से भी अधिक निर्णय अपलोड कर ऑनलाइन किए जा चुके है। डिजीटल राजस्व मण्डल कार्यक्रम के तहत सभी न्यायालयों की कॉजलिस्ट भी ऑनलाइन की जा रही है। परिणामस्वरूप मण्डल में मुकदमों के निपटारे की गति काफी तेज हुई है। जून 2017 में लगभग 500 प्रकरणों का निस्तारण किया गया था, जो जनवरी 2018 में बढ़कर 1200 से भी अधिक हो गया है। इससे राजस्व न्यायालयों में पारदर्शिता बढ़ी है तथा त्वरित न्याय होने लगा है।
उन्होंने बताया कि राजस्व मण्डल के अध्यक्ष ने इस सफल संचालन के लिए अभिभाषकगण, अधिकारीगण तथा सूचना एवं तकनीकी विभाग को बधाई दी है। डिजीटल राजस्व मण्डल का तृतीय चरण अप्रेल 2018 में प्रारम्भ किया जाएगा जिसमें इलेक्ट्रोनिक पेनल्स, मोबाईल एप्स एवं महत्वपूर्ण जानकारी का विस्तार समस्त अधीनस्ध न्यायालयों में आगामी में एक वर्ष में पूर्णतः किया जाना प्रस्तावित है।

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