अन्तर्मना प्रसन्न सागर महाराज ससंघ का किशनगढ़ में भव्य मंगल प्रवेश

बुधवार प्रात: 6 बजे मुनिसंघ का गेगल के लिए होगा विहार
मदनगंज-किशनगढ़। अन्तर्मना गुरुदेव प्रसन्न सागर जी महाराज ससंघ का आज नोरया से विहार होकर किशनगढ़ में आगमन हुआ। ससंघ की आज प्रात: 8.30 बजे कृषि उपज मंडी से विधायक भागीरथ चौधरी व सकल जैन समाज ने गाजे बाजे के साथ भव्य मंगल आगवानी की। मुनि संघ को भव्य जुलूस के साथ नगर के मुख्य मुख्य मार्गो से होते हुए तेली मौहल्ला स्थित चन्द्र प्रभु भवन लाया गया। इस दौरान मुनिसंघ का मार्ग में जगह जगह पाद प्रक्षालन और आरती की गई। जुलूस में महिलाएं केसरिया साड़ी व पुरुष श्वेत वस्त्रों में थे।
मीडिया प्रभारी विकास छाबड़ा ने बताया कि चन्द्रप्रभु भवन में आयोजित धर्मसभा में मुनिसुव्रतनाथ पंचायत के मंत्री राजेन्द्र कुमार बैद, पन्नालाल बडज़ात्या, प्रकाश गंगवाल, जयकुमार बैद ने मुनि श्री को श्री फल भेंट कर आशीर्वाद लेकर द्वीप प्रज्ज्वलन किया।
गुरुभक्त चन्द्रप्रकाश बैद, विनोद पाटनी, शैलेश शाह व बसन्त बैद ने मुनिश्री का पाद प्रक्षालन किया।
मुनि प्रसन्न सागर जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि अपनी इच्छाओं को सीमित रखो व जो प्राप्त है वो पर्याप्त है के भाव रखेंगे तो ही हम सुखी रह पाएंगे। मुनिश्री ने कहा कि तुम्हारें पास सबकुछ है तुम फिर भी दु:खी हो, मुनि के पास कुछ भी नहीं है फिर भी सुखी है। मुनिश्री ने कहा कि तीन टाईम तुम गुस्सा बिल्कुल मत किया करों पहला जब तुम खाना खाओं, दूसरा जब तुम घर से निकलो और तीसरा जब तुम ऑफिस से या दुकान से घर आओं। उन्होंने कहा कि घर से जब निकलों तब मस्तक पर चंदन का ठंडा तिलक और मुस्कुराहट की लिपिस्टिक लगाकर निकलो। तुमने ऐसा किया तो कभी दु:ख तुम्हारें पास फटकेगा भी नहीं। मुनिश्री ने कहा कि जब खुद का बच्चा रोता है तो दिल में दर्द होता है, दूसरों का रोता है तो सिर में दर्द होता है। खुद की पत्नि रोती है तो सिर में दर्द होता है और पड़ोसी की पत्नि रोती है तो दिल में दर्द होता है। मुनिश्री ने मणी का उदाहरण देते हुए बताया कि मनुष्य का जीवन अनमोल है, इसलिए इसे अच्छे कार्यों में लगाना चाहिए।
इसके पूर्व मुनि पीयूष सागर जी महाराज ने अपना उदबोधन देते हुए मुनि प्रसन्न सागर जी की साधना के बारे में उपस्थित जन समुदाय को जानकारी देते हुए बताया कि भगवान महावीर के पश्चात अन्तर्मना मुनि ही ऐसे साधु है जिन्होंने इतनी कठोर साधना के साथ अखण्ड मौन साधना करते हुए सिंह निष्क्रीडित व्रत किया। जिसमें 186 दिन की साधना में 153 दिन उपवास किया।
अन्तर्मना मुनि श्री की आहार चर्या राजेंद्र कुमार रवि कुमार चन्द्र प्रकाश बैद के निवास पर हुई।
सांय काल प्रतिक्रमण, आनन्द यात्रा और संगीतमय भव्य सामूहिक आरती हुई।
बुधवार 7 मार्च को प्रात: 6 बजे मुनिसंघ का गेगल के लिए विहार होगा।
इस अवसर पर विमल बडजात्या, प्रदीप पापड़ीवाल, पारसमल बाकलीवाल, सुरेन्द्र दगड़ा, सुमेर छाबड़ा, निर्मल पाटोदी, महेन्द्र पाटनी, विकास छाबड़ा, विनय छाबड़ा, विजय गंगवाल, कमल बैद, मनेाज बैद, कैलाश पाटनी, जयकुमार दोषी, विमल पाटनी, देवेन्द्र झांझरी, राहुल पाटोदी, राहुल गंगवाल सहित समाज के कई सैकड़ों महिला पुरूष मौजूद थे।

error: Content is protected !!