परिवार समाज व राष्ट्र की मदद करना भी राष्ट्रभक्ति – गर्ग

दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उल्फत, मेरी मिट्ठी से भी खूशबू-ए-वतन आएगी
अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि

पृथ्वीराज फाउंडेशन और ब्लॉसम सेकेंडरी स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को शहीद दिवस की पूर्व संध्या पर अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को एक कार्यक्रम का आयोजन कर श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर 40 स्कूली विद्यार्थियों ने भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव बनकर जि़ंदगी सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ आखिरी यात्रा जाती है। सर्वगत भाईचारा तभी हासिल हो सकता है जब समानताएं हों – सामाजिक, राजनैतिक एवं व्यक्तिगत समानताएं।
दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उल्फत, मेरी मिट्ठी से भी खूशबू-ए-वतन आएगी। लिख रह हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज़ आएगा… मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा।आदि देशभक्ति से ओतप्रोत कविताएं प्रस्तुत की वही अनेक विद्यार्थियों ने राजगुरु, सुखदेव और भगत सिंह पर आधारित चित्र प्रतियोगिता में भाग लिया और खूबसूरत पेंटिंग बनाई। छात्रा सिमरन चौधरी ने जेल में बेड़ियों से बंधे भगत सिंह का स्वाध्याय के दृश्य को साकार कर कहा “व्यक्ति की हत्या करना सरल है परन्तु विचारों की हत्या आप नहीं कर सकते”
मुख्य अतिथि जिला मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण गर्ग ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा की राजगुरु सुखदेव और भगत सिंह ने बहुत कम उम्र में क्रांति करने की ठानी जबकि उस उम्र में युवा खेलकूद मस्ती पढ़ाई आदि में ही व्यस्त रहते थे। युवाओ को चाहिए कि सिर्फ अपने बारे में ही ना सोचे वरन समाज, परिवार व राष्ट्र को जिस भी प्रकार से आप मदद कर सकते हैं करनी चाहिए वह भी एक प्रकार की देशभक्ति ही कहलाएगी और देश के लिए एक अच्छा काम करना कहलाएगा। बच्चों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों की प्रशंसा करते हुए गर्ग ने कहा की विद्यार्थियों को बचपन से ही मंच पर आने में झिझक नहीं होनी चाहिए और शाला में इस प्रकार के आयोजन यदि निरंतर होते रहेंगे तो बच्चों का मनोबल बढ़ेगा व स्टेज फीयर ख़त्म होगा।
पृथ्वीराज फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ पूनम पांडे ने कहां की मात्र 5 साल की आयु से देश भक्ति का जज्बा अपने हृदय में रख मात्र 23 वर्ष की आयु में हंसते हंसते फांसी पर चढ़ जाने वाले भगत सिंह जी युवाओं के आदर्श हैं और उनकी सोच कि आज भी समाज में बहुत आवश्यकता है।

ब्लॉसम स्कूल के निदेशक राजेश कश्यप ने विद्यार्थियों को भगत सिंह जी विचारो से प्रेरणा लेने की सीख देते हुए कहा की राष्ट्रभक्ति के साथ भगत सिंह जी एक महान लेखक व कवि भी रहे और उनके विचार आज भी युवाओ के लिए प्रासंगिक है।

पृथ्वीराज फाउंडेशन के संयोजक दीपक शर्मा ने कहा की वर्तमान परिपेक्ष्य में युवाओ को राष्ट्रीयता से जुड़ने की बहुत आवश्यकता है। डिजिटलाइजेशन व सोशल मीडिया के युग में राष्ट्रीयता का भी स्थान होना चाहिए। और महान देशभक्तो के जीवन संस्मरण का अध्यन हमें सकारात्मक सोच देकर बुराइयों से दूर रखता है।

अतिथियों ने प्रतियोगिताओ के विजेता मनवीर सिंह, दर्शन सेन, देवराज, कुणाल पाटनी, लवीना प्रजापति को पुरस्कृत किया। राजेश कश्यप और पूनम पण्डे ने अरुण गर्ग, यूनाइटेड अजमेर की सयोंजक कीर्ति पाठक, लोक कला संस्थान के निदेशक संजय सेठी, समाजसेवी अनीता भार्गव को स्मृति चिन्ह भेट किये।

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