सिन्धियत को अपनी संस्कृति, सभ्यता, संस्कार भूलने नहीं चाहिये

अजमेर 12 अप्रैल। अखिल भारतीय संस्कृृति समन्वय संस्थान, अजमेर इकाई द्वारा असांजी सिन्धियत कार्यक्रम का आयोजन प्रेम प्रकाश आश्रम में हुआ।
मुख्य वक्ता राम प्रसाद जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि सिंध प्रांत भारत का अभिन्न अंग था । सिन्धी संस्कृति का उद्भव यहीं से प्रारम्भ हुआ। सिन्धियत को अपनी संस्कृति, सभ्यता, संस्कार भूलने नहीं चाहिये। अपनी जन्म भूमि सिन्ध प्रांत को पुनः प्राप्त करने हेतु जागृत होना चाहिये। सिन्धियत की बलिदान ही परम्परा रही है, जिसमें राजा दाहरसेन, शहीद हेमू कालानी ने राश्ट्र की आजादी में अपना अमूल्य योगदान किया। श्री भूपेन्द्र जी यादव ने संगठित होकर राश्ट्र की रक्षा का संकल्प लेने का आहवान किया व स्वामी । श्री आशुतोश जी ने कहा कि संस्कृति को छोड़ने पर समाज का पतन हो जायेगा। इसलिये संस्कृति जीवित है तो देश जीवित है। भारतीय संस्कृति प्रकृति पर आधारित संस्कृति है। संत ओमप्रकाश जी ने कहा कि धर्म और संस्कृति हमारी धरोहर है, धर्म और संस्कृति से ही हम संस्कार सीखते हैं। जो दूसरों के जीवन में बसंत लाते हैं, वो संत कहलाते हैं। श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि सिन्धी समाज हमेशा मेहनतकश रहा है, सिन्ध से आने के बाद समाज के सभी लोगों में अपने-अपने क्षेत्र में ऊँचाईयां प्राप्त की हैं और सभी समाज के साथ घुलमिल गये हैं। सांसद भूपेन्द्र यादव व मंत्री वासुदेव देवनानी ने वैशाली नगर में प्रस्तावित स्वामी टेऊँराम द्वार एवं स्वामी बसंत राम द्वार के निर्माण में कोश से सहयोग करने की घोशणा की है। स्वागत भाशण में संरक्षक कंवल प्रकाश किशनानी ने कहा कि संस्थान द्वारा सभी संस्कृति सभ्यता के लिये कार्य कर रही है। धन्यवाद उद्बोधन में अध्यक्ष सुुरेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि सिंधी समाज ने अपनी जड़ें हम सब के साथ मज़बूत कर ली है।
स्वामी टेऊँराम जी महाराज का पूजन एवं भारत माता पूजन, दीप प्रज्वलन कर अतिथियों द्वारा शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम में संत ओम प्रकाश जी शास्त्री के सानिध्य में मुख्य वक्ता राम प्रसाद जी, संरक्षक अखिल भारतीय संस्कृृति समन्वय संस्थान एवं मृख्य अतिथि भूपेन्द्र जी यादव, राज्य सभा सांसद, अध्यक्ष श्री वासुदेव जी देवनानी, शिक्षा राज्य मंत्री, विशिश्ट अतिथि श्री राकेश जी गुप्ता, निदेश सुदर्शन समूह उदयपुर, श्री राधा किशन आहूजा, अध्यक्ष सिन्धी पंचायत, श्री आशुतोश पंत, राश्ट्रीय महासचिव कमल शर्मा, राश्ट्रय सह कोशाध्यक्ष, कंवल प्रकाश किशनानी संरक्षक, सुरेन्द्र जी शेखावत, अध्यक्ष, दादा नारायणदास मंचासीन थे। सर्व श्री नितिन, राकेश घाटे, झामनदास भक्तानी, भारती सोनी, रमेश झामनानी, अंकुश जैन, अशोक दाधीच, खानचन्द मेंघानी, एम.के.सिंह, श्रीमती संतोश मौर्य, ष्यामसुन्दर पंजाबी, उमेश गर्ग, राजवीर कुमावत, हशु आसवानी, प्रिंस शेखावत, राजेश शर्मा, आनन्द टिलवानी, अशोक शर्मा, सुभाश जी, शैलेन्द्र सतरावाला, सीमा आखावत, प्रेम गर्ग, मुन्सिफ अली, असगर अली, दिलीप, हरीश रूपानी, रमेश होतवानी ने अतिथियों का स्वागत किया। मंच संचालन अशोक शर्मा ने किया। अंत में महाआरती, पल्लव व प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया।

कंवल प्रकाश किशनानी
संरक्षक
मो. 9829070059

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