मंत्री के गृह जिले में सबसे ज्यादा बच्चे आदतन नशे के शिकार

विजय जैन
अजमेर 21 अप्रैल। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि महिला एवं बाल विकास मंत्री के गृह जिले मे बच्चों का नशे की गिरफ्त में आने का आंकड़ा देश में दूसरे नंबर पर पहुंच जाना मंत्रालय की कारगुजारियों को उजागर कर रहा है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि मंत्री के गृह जिले में सबसे ज्यादा बच्चे आदतन नशे के शिकार पाए गए।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन के हवाले से जारी बयान में प्रवक्ता मुजफ्फर भारती ने बताया कि सरकार की नाकामी के कारण अजमेर नशे के कारोबार का ट्रांजिट पॉइंट बन गया है और नशे के कारोबारियों के निशाने पर मासूम बच्चे हैं जो इन्हें अपनी गिरफ्त में लेकर नशे का आदी बना देते हैं यही कारण है कि बच्चों की अपराधिक गतिविधियों में लिप्तता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले यह बच्चे खेलने में पढ़ने की उम्र में चोरी जेब काटना नशा कम उम्र में जिस्मफरोशी मारपीट सहित अन्य छोटे-मोटे अपराधों से जुड़ गए हैं और इनकी संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है यही कारण है कि अजमेर मैं गोवा के बाद सबसे ज्यादा नशेड़ी बच्चे पाए गए हैं। यही कारण है कि महिलाओं और बच्चों के कल्याण एवं बाल संरक्षण के लिए जिम्मेदार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की मंत्री अनिता भदेल अजमेर की होने के बावजूद भी यहां बच्चों की हालत बदतरीन हो रही है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने कहा कि ताज्जुब इस बात पर है कि भारी संख्या में नशे की लत में पढ़ चुके बच्चों के बावजूद महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा बच्चों को नशे से मुक्त करने के लिए पूरे राज्य में चाइल्ड नशा मुक्ति केंद्र नहीं है आवश्यकता इस बात की है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नशे से मुक्ति दिलाने के लिए बच्चों को अलग से नशा मुक्ति केंद्र और आश्रय स्थलों की स्थापना करें ताकि नशे की लत छूट कर इनकी मानसिकता में बदलाव लाया जा सके। सरकारी आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है कि शहर भर में उपेक्षित एवं नशेड़ी बच्चों की संख्या का आंकड़ा तीन सौ से बढ़कर 2 हज़ार तक पहुंच गया है । उन्होंने कहा कि ज्यादातर बच्चे व्हाइटनर सोल्यूशन इसमें एक गांजा तथा आधुनिक नशा एम.डी. माध्यम से नशा करने के आदी हो रहे हैं गैरकानूनी तरीके से पैसा कमाने वाले इन बच्चों को ड्रग्स व अन्य प्रकार का नशा भी आसानी से उपलब्ध हो रहा है जो पुलिस की भयंकर नाकामी एवं भ्रष्टाचार का प्रत्यक्ष नमूना है।
जैन ने कहा कि नशे की लत में पड़े ज्यादातर बच्चे गया पटना इलाहाबाद लखनऊ बनारस इंदौर सागर मंदसौर हावड़ा कोलकाता मेदनीपुर वेस्ट के होते हैं जो माता पिता से बिछड़कर अजमेर पहुंच जाते हैं और नशे के कारोबारियों के हत्थे चढ़ कर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होकर नशे की लत में पढ़ रहे हैं। जिससे स्थानीय बच्चों पर भी नशे का प्रभाव बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि ताज्जुब इस बात पर है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल का गृह जिला होने के बावजूद यहां चाइल्ड प्रोटेक्शन ग्रुप काम नहीं कर रहा है जबकि सरकार के पास बच्चों को नशे की गिरफ्त में लेकर नशीली सामग्री पहुंचाने वाले नशे के कारोबारियों और असामाजिक तत्वों के बारे में विस्तृत जानकारी है मगर सरकार और पुलिस प्रशासन नशे के कारोबारियों के सामने असहाय है इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
कांग्रेस का आरोप है कि पिछले दिनों में पुलिस द्वारा पकड़े गए नशे के कारोबारियों की कार्रवाई मात्र दिखावा है पुलिस ने नशे का कारोबारी बताकर जिन लोगों को गिरफ्त में लिया है वह तो आदतन नशेड़ी हैं उनके पास से पकड़ी गई नशीली सामग्री तो उतनी ही है जितनी नशे का सेवन करने वाले एक नशेड़ी के पास होती है। असल में पुलिस को नशे के बड़े कारोबारियों पर हाथ डालना चाहिए जो अजमेर शहर को नशे का ट्रांजिट पॉइंट बनाए हुए हैं और अजमेर से करोड़ों रुपए का नशा कारोबार हो रहा है जिसकी पुलिस को पल-पल की खबर है मगर घूसखोरी और भ्रष्टाचार के कारण पुलिस के हाथ बड़े कारोबारियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

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