लोक कलाकार संजय कुमार सेठी का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज

अजमेर और राजस्थान मैं ख्यातनाम लोक कला संस्थान के निदेशक संजय सेठी ने लुप्त होती जा रही मांडना चित्रकारी को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया और जिसके लिए अभूतपूर्व योगदान देते हुए उन्होंने विश्व में अनूठी पहल करते हुए इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपने साथ साथ अजमेर का नाम भी दर्ज कर लिया है
भारतीय डाक विभाग द्वारा जारी होने वाले प्रथम दिवस आवरण लिफाफे को संजय सेठी़ ने मांडना पुनजीर्वित करने का कैनवास चुना.
पिछले छह महीने से इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने संजय के इस अहिल्या उद्धार में पर्यवेक्षक बनकर उनके दो साल के प्रयासों को बूंद से सागर बनते हुए देखा.. आज संजय़ ने करीब ढाई हजार से अधिक लिफाफे पर मांडना चित्रकारी से अंकित किए हैं
जबकि उनका लक्ष्य बारह हजार लिफाफों में मांडना चित्रकारी करने का है जो कि केवल भारतवर्ष ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपने तरह का यह अनूठा प्रयोग है, क्योंकि डाक विभाग की इस पूरी प्रक्रिया से होकर गुजरना और प्रथम दिवस के लिफाफे प्राप्त करने के लिए संग्रहकर्ताओं के साथ जद्दोजहद एक कलाकार के लिए थका देने वाला विषय होता है लेकिन संजय ने हार नहीं मानी
लिफाफे जिन विषयों पर आधारित है उनमें से बाल दिवस, स्वच्छ भारत, योग दिवस, दादाभाई नौरोजी, संत रविदास, अठारह सौ सत्तावन का संग्राम, विश्व विख्यात असमिया गायक भूपेन हजारिका , श्रीमद राजचंद्र जी, विक्टोरिया टर्मिनस मुम्बई के सौ वर्ष, झलकारी बाई स्मारक, अकबरी किला, अजमेर का मुख्य डाकघर, सोनी जी की नसियां, मेयो कॉलेज, बारहदरी आदि उल्लेखनीय है । इन लिफाफों पर चौक, चौपड़, स्वस्तिक, मोर, पडल्या, पशु पक्षी, श्रवण कुमार, विविध आध्यात्मिक, धार्मिक प्रतीकों को मांडना चित्रकारी से सजाया गया है.. उल्लेखनीय है कि इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से पहले जिनियस बुक आफ रिकार्ड ने भी संजय सेठी को इस अद्भुत और अनूठी पहल के लिए सम्मानित किया है.

विगत 20 वर्षों से लोक कला संवर्धन के लिए समर्पित हैं लोक कला संस्थान के निदेशक संजय सेठी
पिछले बीस वर्षों से अजमेर में रहकर कला की सेवा कर रहे हैं. सेठी समय समय पर राजधानी दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, लखनऊ, कुरूक्षेत्र, इलाहाबाद, उज्जैन कुंभ आदि स्थानों पर अजमेर के कला प्रतिनिधि रहे हैं व अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं.
अजमेर में कई उत्सव, त्यौहार, विशेष दिवस, राजकीय कार्यक्रम व सामाजिक सरोकारों से जुड़े रंगोलियां संजय बना चुके हैं जिससे उनकी एक अलग पहचान बन चुकी है.
कई कार्यशालाओं का आयोजन कर अजमेर के युवाओं एवं विद्यार्थियों को संजय ने लोक कला मांडना रंगोली पेंटिंग आदि का प्रशिक्षण भी दिया है..
स्मार्ट सिटी अजमेर के तहत विभिन्न स्थानों पर की गई वॉल पेंटिंग के समन्वयक भी रहे हैं संजय सेठी…
संजय अपने संस्थान की पूरी टीम के साथ पृथ्वीराज फाउंडेशन, इंटेक अजमेर चैप्टर, फिलैटलिक सोसायटी, पोसल्ट डिपार्टमेंट अजमेर , संस्कार भारती सहित सभी हितैषियों को अपने इस महायज्ञ में सहभागी मानते हैं।

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