जिला कलक्टर ने शिशु गृह एवं बालिका गृह का किया निरीक्षण

अजमेर, 11 जून। अपनों से दूर बालकों को अपनत्व मिलें तो वे प्रसन्न हो जाते है। ऎसा ही वाक्या आज शिशुगृह में देखने को मिला। जब जिला कलक्टर आरती डोगरा अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकाल कर अचानक शिशु गृह पहुंची। वे वहां लगभग एक घंटे से भी अधिक समय तक रही। स्नेह की अनुभूति पाकर मासूम बच्चाें के चेहरे भी खिल उठे।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा लोहागल में संचालित बालिका गृह एवं शिशु का सोमवार को जिला कलक्टर ने निरीक्षण किया। उन्होंने वहां बच्चों को लाड़ – दुलार दिया। उनसे बातचीत की तथा उन्हें टॉफियां भी दी। गोदी में भी खिलाया। अचानक मिले इस स्नेह एवं अपनत्व का भाव पाकर बच्चें ही नहीं वरन् स्टाफ भी खुश था।
जिला कलक्टर ने प्रत्येक बच्चे के बारे में प्रभारी अदिति माहेश्वरी से जानकारी प्राप्त की। जिला कलक्टर ने इसके बाद बालिका गृह का भी निरीक्षण किया। उन्होंने वहां बालिकाओं से शिक्षा अध्ययन, खेलकूद एवं अन्य कार्यो के संबंध में जानकारी ली, वहीं पुस्तकालय एवं कम्प्यूटर कक्ष को भी देख कर सीख रही बालिकाओं से बातचीत की।
बालिका गृह प्रभारी ने बताया कि शिशु गृह में कुल आठ बच्चे है। जिनमें तीन वर्ष से उपर के तीन बच्चे है, शेष सभी छोटे हैं। इनमें से एक बच्ची रोशनी तो आपणी बेटी योजना में चिन्हित है। बालिका गृह में कुल तीस बच्चियां है। जिला कलक्टर ने बच्चियों द्वारा बनाई गई पेन्टिंग्स को भी देखा तथा उसकी तारीफ की।

राजस्व लोक अदालत अभियान न्याय आपके द्वार 2018
7 हजार 625 प्रकरणों का हुआ निस्तारण

अजमेर, 11 जून। राजस्व लोक अदालत अभियान न्याय आपके द्वार 2018 के अन्तर्गत सोमवार को 7 हजार 625 प्रकरणों का निस्तारण कर आमजन को राहत प्रदान की गई।
जिला कलक्टर आरती डोगरा ने बताया कि उपखण्ड अधिकारी स्तर पर एक हजार 30 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इनमें खाता दुरूस्ती के 989, विभाजन के 5, खातेदारी घोषणा के 3, स्थायी निषेधाज्ञा के 2, इजराय के एक, पत्थरगढ़ी के एक, गैर खातेदारी से खातेदारी के 15 तथा अन्य 14 है। तहसीलदार स्तर पर 6 हजार 595 प्रकरण निस्तारित हुए । इनमे से नामांतरण के एक हजार 320, खाता दुरूस्ती के एक हजार 145, खाता विभाजन के 89, सीमाज्ञान के 74, गैर खातेदारी से खातेदारी 5, धारा 251 के 19, राजस्व नकलें एक हजार 673 एवं अन्य 2 हजार 247 है।

34 साल बाद अली बना अमी
अजमेर, 11 जून। शेक्सपीयर का कहना था कि नाम में क्या रखा है। लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में नाम सही नहीं हो तो व्यक्ति को कई परेशानियां जकड़ लेती है। हरराजपुरा का अमी 34 साल तक सिर्फ इस बात के लिए जूझता रहा कि उसका नाम रिकॉर्ड में अमी की बजाय अली हो गया था। ऎसे में राजस्व लोक अदालत अभियान अमी के लिए राहत बनकर आया।
मसूदा उपखण्ड अधिकारी श्री सुरेश चावला ने बताया कि हरराजपुरा का रहने वाला अमी पुत्र हमीरा पिछले 34 सालों से राजस्व रिकॉर्ड की गलती सुधारने के लिए प्रयासरत था। रिकॉर्ड में उसका नाम गलती से अली दर्ज हो गया था। न्याय आपके द्वार शिविर हरराजपुरा में अमी ने राजस्व रिकॉर्ड जमाबन्दी में खाता संख्या 352 में दर्ज अशुद्ध नाम अली पुत्र हमीरा जोकि सन् 1984 से गलत था, को शुद्ध करने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया । इस अशुद्ध नाम को शिविर के दौरान अली पुत्र हमीरा के स्थान पर शुद्ध नाम अमी पुत्र हमीरा दर्ज करवा कर राजस्व रिकॉर्ड जमाबन्दी की नकल उपलब्ध करवाई गई।

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