भक्ती नाम है समर्पण का-संत कालूराम

केकड़ी
इंसान के हर कर्म पर परमात्मा की नज़र है वह हर घट की जान रहा है इसलिए इंसान का हर कदम मानवता की ओर होना चाहिए हर पल परमात्मा का गुणगान कर,सद्गुरु की भक्ति कर, गुरु का यशोगान करना चाहिए।उक्त उद्गार संत कालूराम ने अजमेर रोड स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन पर आयोजित सत्संग के दौरान व्यक्त किए।
मंडल प्रवक्ता राम चन्द टहलानी के अनुसार संत कालूराम ने कहा कि भक्ति नाम है समर्पण का इसमें सौदा मंजूर नहीं भक्त अपने मन को गुरु चरणों में समर्पित कर, परमपिता परमात्मा,अविनाशी से जुड़कर सबर,शुकर, मिलवर्तन,प्यार,नम्रता, सहनशीलता का दान मांगे। परमात्मा कण कण में व्याप्त है परमात्मा का ज्ञान मन में बसाकर सबका भला मांगे। परमात्मा चेतन स्वरुप है,यह जानने योग्य है, इसे तत्ववेत्ता की शरण में जाकर जाना जा सकता है। दुनिया का हर रिश्ता,नाता,प्रेम झूठा है समय आने पर समाप्त हो जाते हैं परमात्मा का नाता,प्रेम सच्चा है इसे मन में बसाऐं,प्रार्थना करें सब की सोच में परमात्मा का वास हो,सब अपने हैं,मैं सबका हूं ऐसा भाव बनाए रखें।परमात्मा अडोल,अविनाशी,घट-घट वासी अखंड स्वरुप है यह कभी खंडित नहीं होता है संपूर्ण कायनात का स्वामी है सर्वशक्तिमान है इससे जुड़कर रहना है उसे चित में बसाकर इंसान अपना लोक और परलोक सुहेला कर सकता है। इंसान को निंदा,नफरत से दूर रहकर प्यार,नम्रता,सहनशीलता का, सतगुरु का संदेश फैलाना है हर तरफ से अमन हो, शांति भाईचारे वाला माहौल हो ऐसा प्रयास करें।
सत्संग के दौरान साधना,सुमन, अंजू,गौरव,समृद्धि,मोहित, सानिया,रिशिता,नमन,बन्नालाल, गोपाल,निशा,दीपक,लवली,पूरणप्रकाश,अशोक रंगवानी आदि ने गीत विचार भजन प्रस्तुत किए संचालन नरेश कारिहा ने किया।

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