संयम स्वर्ण महोत्सव सम्पन्न

केकड़ी / संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के दीक्षा के 50 वर्ष पूर्ण होने एवं 51 वें वर्ष के प्रवेश के अवसर पर मंगलवार को विधासागर मार्ग स्थित चन्द्रप्रभु चैत्यालय में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये गये।
इस अवसर पर विधासागर प्रवचन हॉल में जिनेन्द्र देव की प्रतिमा को पाण्डुक शिला पर विराजित किया गया। इसके बाद विश्व शांति की कामना के साथ दिगम्बर जैन समाज अध्यक्ष मनोज पाण्डया सहित नरेश जैन, महावीर टोंग्या, सुशील पाण्डया, छीतर बाकलीवाल, विमल सोगानी, प्रमोद जैन, आशीष जैन, शिखर जैन, सुमित पाण्डया एवं अन्य श्रद्धालुओ द्वारा रजत कलशों से शांतिधारा की गई व आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चित्र के समक्ष श्री दिगम्बर जैन महिला महासमिति पूर्व अध्यक्ष विनोदिनी ठोलियां, अध्यक्ष आभा सोनी, मंत्री नीता गदिया, महिला मंडल अध्यक्ष टीना छाबड़ा ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्जविलत किया।
श्री दिगम्बर जैन महिला महासमिति संभाग केकड़ी के तत्वावधान में आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की संगीतमय,भक्तिनृत्य सहित सामूहिक पूजन की गई। पूजन के दौरान अशोक जैन अजगरा वालो ने भजनों की सुमधुर प्रस्तुतियां दी ,
कार्यक्रम दौरान समाज के संरक्षक कैलाश सोनी, अनुराग जैन, राजेंद्र सोनी, कमल ठोलियां, मनीष टौंग्या सहित सैकड़ों भक्तजन मौजूद थे।
सायंकाल में समाज के सभी वर्ग के सैकड़ों लोगो ने पहुंचकर संगीत के साथ विशेष उल्लासित होकर नृत्य करते हुए आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज कि पूरे भारत में एक साथ पूर्व निर्धारित समय अनुसार रात्रि 8.30 बजे महाआरती की।

*लधु नाटिका – विघाघर से विद्यासागर का मंचन*
चन्द्रप्रभु पाठशाला के बालक-बालिकाओ द्वारा रात्रि में महाआरती पश्चात अति सुन्दर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की जीवन गाथा को संजोकर बनायी गयी लधु नाटिका विघाघर से विद्यासागर का मंचन किया। जिसके प्रत्येक सीन को श्रद्धालु दर्शकों ने बगैर बैचेनी के श्रद्धा के सागर में डुबकी लगाते हुए महसूस किया।साथ ही भावों की अभिव्यक्ति कभी हास्य, विषाद,आश्चर्य मिश्रित रही , उसने आंखों को ना जाने कितनी बार भिगोया, किसी को अहसास ही नहीं हुआ ।और वैराग्य मय क्षणो को देख देख कर आंसू रोकना और रोकने की याद रहना भी मुश्किल ही रहा।कार्यक्रम में अनिता रांटा, पंडित सुमित जैन , डिम्पल बज का विशेष सहयोग रहा।

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