गीता भवन का पंचम पाटोत्सव महोत्सव ध्वज चढ़ावे के साथ सम्पन्न

केकडी
जन-जन की आस्था के केन्द्र गीता भवन का तीन दिवसीय पंचम पाटोत्सव महोत्सव गुरूवार को महामण्डलेश्वर आचार्य स्वामी जगदीशपुरी महाराज व दण्डी स्वामी महेश्वरानन्द सरस्वती के पावन सानिध्य में विविध धार्मिक कार्यक्रमों के साथ श्रद्वापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर गीता भवन के शिखर पर कई श्रद्वालुओ की मौजूदगी में केसरिया ध्वज भी चढाया गया तथा विविध धर्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। सत्संग कार्यक्रम के दौरान स्वामी जगदीशपुरी ने गीता भवन को सनातन धर्म की रक्षा के लिए शहर की एक बड़ी सौगात बताया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म जीवन को जीने की कला सिखाता है और पांच साल पहले बन कर तैयार हुए गीता भवन में कई दानदाताओं ने सभी धर्मों के नौ देव विग्रह की स्थापना करवाकर इस अहम संकल्प को पूरा किया है। उन्होंने गीता भवन को श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र बताते हुए कहा कि यह ईश्वर का ऐसा संकल्प था जो श्रद्धालुओं की भरपूर श्रद्धा व आस्था के कारण पूरा हुआ है। इससे पूर्व गीता भवन में सत्संग करने वाले दण्डी स्वामी महेश्वरानन्द सरस्वती ने भी अपने विचार प्रकट करते हुए शहर में सत्संग के प्रमुख केन्द्र के रूप में विकसित गीता भवन द्वारा संचालित विभिन्न आयोजनो की मुक्तकण्ठ से प्रशंसा की। सत्संग के दौरान चित्रकूट से आए ब्रहचारी अर्जुन ि‍द्वेदी व ब्रहमचारी हंस चैतन्य ने भी सत्संग की महिमा पर अपने विचार व्यक्त किए। सत्संग के प्रारम्भ में सतसंस्कार सेवा समिति के अध्यक्ष जगदीश स्वरूप मेवाडा, मंत्री सुरेन्द्र जोशी,पूर्व अध्यक्ष बिरदीचन्द नुवाल, सत्संग समिति प्रमुख रामनारायण माहेश्वरी,सह मंत्री रामदेव जेतवाल, उपाध्यक्ष ओमप्रकाश बांगड,कोषाध्यक्ष कृष्ण गोपाल शर्मा,बद्री विशाल दाधीच,उषा माहेश्वरी, छीतर मल न्याती, मुरली काबरा, रामसरोवर शर्मा ने संतो का माला पहना कर स्वागत किया। कार्यक्रम के अन्त में श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम का संचालन समिति के मंत्री सुरेन्द्र जोशी ने किया। सत्‍संग के प्रारम्‍भ में विष्‍णुसहस्‍त्रनाम के पाठ का भी आयोजन किया गया जिसमे कई महिला पुरूष शामिल हुए

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