5 वीं और 8 वीं में फेल नहीं करने की व्यवस्था संबंध में बना कानून

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 20 जुलाई। निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक 2018 के लोकसभा में पारित होने के साथ ही कक्षा 5 और 8 की परीक्षा अनिवार्य करने और छात्रों को फेल न करने की व्यवस्था खत्म करने पर राजस्थान के प्रयासों पर देशभर में मोहर लग गयी है। गौरतलब है कि राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में केन्द्र सरकार के स्तर पर ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ के संबंध में कमेटी का गठन किया गया था। इसमें श्री देवनानी ने आठवीं तक फेल नहीं करने की नीति में सुधार कर शिक्षा हित में बहुत से बदलाव किए जाने की अनुसंशाएं की थी।
शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने देशभर में कक्षा 5 और 8 में परीक्षा अनिवार्य करने और छात्रों को फेल न करने की व्यवस्था खत्म करने से संबंधित लोकसभा में पारित बिल को ऎतिहासिक बताते हुए कहा है कि परीक्षा अनिवार्य करने और फेल न करने की व्यवस्था खत्म करने का कानून बनने से प्रारंभिक शिक्षा में तेजी से सुधार होगा। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा में इस कानून का सकारात्मक असर आएगा।
श्री देवनानी ने कहा कि राजस्थान वह पहला राज्य है जहां पर मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में शिक्षा में निरंतर नवाचार अपनाते हुए विकास के कदम उठाए गए हैं। उन्हाेंने कहा कि राजस्थान वह पहला राज्य है जहां पर कक्षा 5 की डाईट द्वारा तथा 8 की परीक्षा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षाएं करवाने की पहले से ही शुरूआत कर दी गयी थी। उन्होंने बताया कि इसी शिक्षा सत्र से प्रदेश में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक 2018 की व्यवस्था को पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सराकर द्वारा श्री देवनानी की पहल पर उनकी अध्यक्षता में बनी कमेटी ने 8 वीं में फेल नहीं करने की व्यवस्था खत्म करने के संबंध में सभी राज्यो से सुझाव मांगे थे। कमेटी ने इस पॉलिसी में सुधार करने और बदलाव किए जाने पर देशभर में सहमति निर्माण में भी महत्ती भूमिका निभाई।
शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कक्षा 5 और 8 में फेल नहीं करने की नीति को बदले जाने के साथ ही प्रत्येक कक्षा में स्थानीय स्तर पर विद्यार्थियों का सतत् मूल्यांकन किए जाने पर भी जोर दिया था। इस पर भी केन्द्रीय स्तर पर सहमति बनी और और अब यह व्यवस्था देशभर मे लागू की जा रही है। इसी के अंतर्गत प्रत्येक कक्षा के लिए विद्यार्थी की पात्रता का एक निश्चित लर्निंग लेवल तय करने, लनिर्ंग लेवल को सभी विद्यार्थियाें को प्राप्त करना अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किए जाने आदि बातें कही गयी थी।

भारतीय सिंधु सभा के सम्मेलन में भाग लेंगे शिक्षा राज्य मंत्री
सम्मेलन में सिंधु संस्कृति के विकास में योगदान के लिए श्री देवनानी का होगा सम्मान

अजमेर, 20 जुलाई। शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी आगामी 22 जुलाई को ग्वालियर में आयोजित होने जा रहे भारतीय सिंधु सभा के सम्मेलन में भाग लेंगे। श्री देवनानी को इसमें खासतौर से आमंत्रित किया गया है।
सिंधु सभा द्वारा श्री देवनानी को सिंधु सभा के राष्ट्रीय सम्मेलन में सम्मानित किया जाएगा। उनकी पहल पर अजमेर में सिंधु शोध संस्थान की स्थापना किए जाने, श्री देवनानी की पहल पर देश में सिंधु और भारतीय संस्कृति के लिए उठाये गए कदमों के साथ ही हाल ही में अरावली एक्सप्रेस का नाम अमरापुर अरावली एक्सप्रेस किया गया है।
सिंधु सभा के सम्मेलन में देशभर से सिंधी समाज के लोग भाग लेंगे। इसमें श्री देवनानी द्वारा सिंधु समाज के गौरव के लिए किए गए कार्यों के लिए उनका विशेष धन्यवाद किया जाएगा।
श्री देवनानी ने हाल ही जयपुर-बांद्रा चलने वाली अरावली एक्प्रेस का नाम अमरापुरा एक्सप्रेस किये जाने के उपरान्त रेल को झंडी दिखाकर रवाना करने के औपचारिक लोकार्पण समारोह में कहा कि सिंधी समाज नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति है। उन्होंने कहा कि जयपुर स्थित अमरापुर सिंधी समाज का देश के प्रमुख और पवित्र 300 दरबार का शीर्ष है। देश के कोने-कोने से इस स्थान पर सिंधी समुदाय के लोग आते हैं। अमरापुर के नाम से रेल चलाए जाने से सिंधी संस्कृति का विकास होगा।

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