शब्दों को संवेदनाओं में पिरो लेना ही कविता है

कविता अनुभूति को अभिव्यक्ति में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है
अकादमी की कविता लेखन कार्यशाला सम्पन्न

अजमेर/कविता केवल कविता होती है और सभी कवि मानवता के प़क्ष में ही कविता लिखते हैं। मानवीय भाव के इतर कविता नहीं हो सकती। यह बात प्रख्यात कवि, कथाकार एवं चित्रकार हेमन्त शेष ने कही। वे राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा नाट्यवृंद संस्था और महाविद्यालय हिन्दी विभाग की सहभागिता से सोमवार 23 जुलाई 2018 को राजकीय कन्या महाविद्यालय में आयोजित कविता विधा पर आधारित ‘रचनात्मक लेखन कार्यशाला‘ में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिक पढ़ें और कम लिखें। कविता लिखने के लिए अध्ययन, परिश्रम, कल्पना और अन्तर्दृष्टि आवश्यक है। अपने आस पास के परिदृश्य को देखने में जिज्ञासा, प्रतिभा और अभ्यास से अच्छी कविताएं उपजती हैं। कविता का शिल्प, कला और कौशल सीखने की भी जरूरत है। वरिष्ठ कवि-कथाकार राम जैसवाल ने आदिकवि वाल्मिकी के मुख से घायल क्रोंच पक्षी को देखकर निकली संवेदनात्मक पंक्तियों को पहली कविता बताते हुए कहा कि संवेदना, सत्य और सौंदर्य से ही कविता का जन्म होता है। भक्त कबीर की तरह सरल भाषा और जयशंकर प्रसाद की आँसू कविता सी सहजता वाली कविताए मन पर गहरा प्रभाव छोड़ती हैं। शब्दों को संवेदनाओं में पिरो लेना ही कविता है। आधुनिक कवि डाॅ अनन्त भटनागर ने कहा कि जिसमें सहृदयता नहीं है, संवेदना की अनुभूति नहीं है वह कभी कविता नहीं लिख सकता। कविता अनुभूति को अभिव्यक्ति में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है। बिम्ब और प्रतीक कविता की भंगिमा को निखारते हैं।
प्रारंभ में संयोजक उमेश कुमार चैरसिया ने कार्यशाला की उपयोगिता के बारे में बताया तथा सह संयोजक डाॅ पूनम पाण्डे ने अतिथियों का परिचय कराया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित कवि अशोक आत्रेय ने चिंटीयां कविता के माध्यम से बताया कि कविता में नयापन और मौलिकता होनी चाहिए। अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डाॅ चेतन प्रकाश ने शब्द मन की भावनाओं की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। उन्होंने छात्राओं से शब्द साधना में वर्षाें से लीन साहित्यकारों से सीखकर रचनात्मकता को आगे बढ़़ाने का आह््वान किया। हिन्दी विभागाध्यक्ष डाॅ शमा खान ने आभार व्यक्त करते हंुए अब्बा तुम झूठे हो कविता भी सुनाई। कार्यक्रम में डाॅ विमलेश शर्मा, डाॅ अंजु, डाॅ के आर महिया और डाॅ पंकज का सहयोग रहा। कार्यशाला में महाविद्यालय की 80 छात्राओं ने भाग लिया।
श्रेष्ठ कविताओं को मिला पुरस्कार- कार्यशाला के दौरान हुई काव्य लेखन प्रतियोगिता में ऐश्वर्या दाधीच की कविता ‘मौसम का मजा‘ को प्रथम, हर्षिता शर्मा की कविता ‘आखिरी बात‘ को द्वितीय और लेखनी कँवर की कविता ‘कोई आया ही नहीं‘ को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आकांक्षा जोशी की कविता ‘फूलों का जिक्र‘ और अर्चना तोमर की ‘जिंदगी कैसे गुंजर रही है‘ को प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया।

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