खरेकड़ी गांव में मिडिल स्कूल सैकण्ड्री स्तर पर क्रमोन्नत

अजमेर, 06 अगस्त। शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान में शिक्षा के विकास के लिए सरकार ने पूरी गम्भीरता के साथ काम किया है। गांव में स्कूलों की कमी और संसाधन नहीं होने से ड्रॉप आउट अधिक होते थे। हमने 7 हजार स्कूलों को क्रमोन्नत किया। आजादी के बाद पहली बार ऎसा हुआ कि इतनी बड़ी संख्या में स्कूल क्रमोन्नत किए गए। आज गांव का बच्चा अपनी स्कूली शिक्षा गांव में ही पूरी कर रहा है।

शिक्षा राज्यमंत्री श्री वासुदेव देवनानी का आज खरेकड़ी गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय को माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत करने पर ग्रामीणों ने अभिनन्दन किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोंधित करते हुए श्री देवनानी ने कहा कि आज राजस्थान के अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ें। लाखों नए नामांकन और शैक्षिक गुणवत्ता इसका सबूत है कि राजस्थान की शिक्षा ने सफलता के नए सोपानों को छुआ है। हमारे शिक्षा परिवार के साथ हम जल्द ही देश में नम्बर एक पर होंगे। सरकारी स्कूलों में हुए नवाचारों को पूरे देश में सराहा गया है। पूरे देश में राजस्थान की शिक्षा का अनुसरण किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार साल में राजस्थान की शिक्षा में एक युग बदल गया है। राज्य अब शिक्षा के क्षेत्र में देश में दूसरे स्थान पर है। हमने शिक्षकों की समस्याओं को समझकर उनके निराकरण के प्रयास किए। आजादी के बाद पहली बार सवा लाख से ज्यादा शिक्षकों को पदोन्नति दी गई। शिक्षकों के रिक्त पदों को नई भर्ती से भरा गया। स्कूलों को भौतिक संसाधन उपलब्ध कराए गए।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की सोच है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को स्थानीय स्तर पर ही इतना सशक्त कर दिया जाए कि स्कूली शिक्षा के लिए विद्यार्थी को बाहर नहीं जाना पडे़। इसी सोच के साथ हमने प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सीनियर सैकण्डरी स्तर का स्कूल खोला। ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया। राज्य में 7 हजार स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया है। आजादी के बाद पहली बार ऎसा हुआ कि बिना राजनीति भेदभाव एक साथ इतने विद्यालय क्रमोन्नत किए गए।

इस अवसर पर श्रीनगर प्रधान सुनिता रावत, जिला परिषद सदस्य श्री शमशेर सिंह रावत, पंचायत समिति सदस्य श्री शंकर सिंह रावत, भंवर सिंह चौहान, सरपंच मोसिना, बहादुर, हनुमान सिंह रावत, पांचू सिंह रावत, श्रवण सिंह चौहान, सज्जन सिंह चौहान, गनी भाई, खान सिंह, अमरा जी, पीरू भाई, छोटू, लक्ष्मण सिंह रावत, बशीर लौहार, पूरण, साबू, रामदेव मेघवंशी, मंगल मेघवंशी एवं गणपत मेघवंशी सहित बडी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

error: Content is protected !!