पालिका सभा मे विपक्ष के 2 पार्षद ही पड़े भारी

भाजपा पार्षदों ने भी लगाये भ्रष्टाचार सहित कई आरोप
केकडी 25 अगस्त।
नगरपालिका बोर्ड की बैठक में विपक्ष के दो पार्षद ही सत्तारूढ़ भाजपा बोर्ड पर भारी पड़ गए।नगर पालिका में सत्तारूढ़ बोर्ड में भाजपा के 25 व 2 निर्दलीय समर्थक पार्षद हैं जबकि विपक्ष में मात्र 3 पार्षद। बोर्ड की साधारण बैठक में कांग्रेस के पार्षद आसिफ हुसैन व निर्मल चौधरी ने पालिकाध्यक्ष अनिल मित्तल को घेरते हुए खूब खरी खोटी सुनाई तथा नैतिकता के आधार पर पद से इस्तीफा देने की मांग की। आसिफ हुसैन तो गुस्से में एजेंडे की कॉपी फेंककर बोर्ड की बैठक ही छोड़कर ही चले गए। आसिफ हुसैन ने आरोप लगाया कि बोर्ड की पूर्व बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार उनके वार्ड में हाईमास्क लाइट न लगाकर खुद के फार्म हाउस के बाहर लगवा दी वहीं गरीब व दलित वर्ग की बस्तियों में सड़कें न बनवाकर खुद के राजपुरा रोड़ स्थित फार्म हाउस के लिए डेढ़ करोड़ रुपये की सीसी सड़क बनवा ली जबकि उनके फार्म हाउस के आस पास बस्ती के नाम पर एक भी मकान नहीं है। वहीं सत्तारूढ़ पार्षदों ने भी पालिकाध्यक्ष को विभिन्न मुद्दों पर घेरे रखा। भाजपा पार्षदों ने खुलकर भड़ास निकालते हुए पालिका के कुछ अधिकारियों पर कमीशन खोरी के आरोप तक लगाए। चारों ओर से घिरने के बावजूद पालिकाध्यक्ष अपनी सफाई में कुछ विशेष नहीं बोल पाये। पार्षदों ने खुलकर पालिका के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार व अनियमितताओं के आरोप लगाए लेकिन पालिकाध्यक्ष खामोशी से सुनते रहे। कांग्रेस पार्षद निर्मल चौधरी ने कहा कि नगरपालिका में अनियमितताओं के करीब आधा दर्जन परिवाद भ्रष्टाचार निरोधक विभाग में दर्ज हैं जिनकी जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि इतिहास में पहली बार एक साथ इतने मामले एसीबी में दर्ज हुए हैं। इस पर पालिकाध्यक्ष अनिल मित्तल ने सफाई में कहा कि उन पर लगे सभी आरोप निराधार हैं अगर एक भी मामले में वे दोषी पाए जाते हैं तो अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। अब इन श्रीमान जी से पूछिए की आप अगर दोषी पाए जाएंगे तो क्या इस्तीफा देने की जरूरत पड़ेगी ? खैर जो भी हो नगरपालिका के इतिहास में इससे बड़ी शर्म की और क्या बात हो सकती है की अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामले में विपक्ष और सत्ता पक्ष के पार्षद पालिकाध्यक्ष को खरीखोटी सुनाते रहे और पालिकाध्यक्ष बगले झांकते रहे। ऐसी नोबत आई ही क्यों! अगर हर काम में पारदर्शिता बरती जाती, मनमानी नहीं की जाती, हर वार्ड में विकास के कार्य बिना भेदभाव के किए जाते, लोगों के काम आसानी से हो जाते,भ्रष्टाचार नहीं होता, अपनों को लाभ पहुंचाने में पालिका का नुकसान नहीं किया जाता तो ये नोबत आती ही नहीं। और तो ओर पालिकाध्यक्ष ने मनमानी की सभी हदों को पार करते हुए 3 साल बीत जाने के बावजूद बोर्ड में कमेटियों का गठन तक नहीं किया जबकि नियमानुसार 90 दिवस में कमेटियों का गठन आवश्यक है। एक भाजपा पार्षद ने कमेटियों के गठन का भी मुद्दा उठाया मगर इस पर भी पालिकाध्यक्ष खमोश रहे। भाजपा के बोर्ड पहले भी रहे हैं मगर ऐसी स्थिति कभी नहीं, जो भी हो जनता सब देख रही है और सर्वविदित है केकड़ी की जनता वनडे में विश्वास रखती है और वनडे में हमने अच्छे अच्छों को छक्के छूटते देखें है। इसी साधारण सभा मे तेजा मेला आयोजन के लिए 15 लाख रुपये का बजट का अनुमोदन किया गया।तेजा मेला आयोजन के लिए एक कमेटी गठित की गई।कमेटी का संयोजक भा ज पा के सुरेंद्र जोशी को बनाया गया है कमेटी में नेता प्रतिपक्ष निर्मल चौधरी को भी शामिल किया गया है।
सफाई कर्मियों का मुद्दा भी गरमाया इस बताया गया कि रिक्त पदों को भरने के लिए कार्यवाही शुरू की जा चुकी है।

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