अनुसंधान के क्षेत्र में विद्यार्थियों का उज्जवल भविश्य

वर्तमान तकनीक का उपयोग कर विद्यार्थी अनुसंधान में अपना उज्जवल भविश्य तैयार कर सकते है परन्तु हमारी विडम्बना यह है कि आज का विद्यार्थी वर्तमान तकनीक का सर्वोत्तम उपयोग नहीं कर पा रहा है यह बात बुधवार को डॉ एस के अरोडा ने दयानन्द महाविद्यालय के सभागार में विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कही। विज्ञान एक प्रेरक व अभिनव विचार विशय पर बोलते हुए भाभा रिसर्च संस्थान मुम्बंई के अध्यक्ष डॉ एस के अरोडा ने अपने उदबोधन में विद्याथिर्यो को विज्ञान विशय के महत्व पर विचार रखते हुए बताया कि विज्ञान में असीम सम्भावना है जरूरत है हमारे विद्यार्थियों का उसमे अनुसंधान करने की आज विष्व के प्रत्येक देष में भारतीय प्रतिभाएं विज्ञान के दम पर भारत का परचम लहराए हुए है भारत के वैज्ञानिकों ने अपने दम पर यह सिद्ध कर दिया है कि भारत विशय में किसी भी तकनीक का मोहताज नहीं है पोकरण परीक्षण के समय विष्व के सभी देषों की नाराजगी को सहन करते हुए भारत ने एक साहसिक कदम उठाया और परणिाम स्वरूप भारत की छवि विष्व में एक परमाणु सम्पन्न राश्ट्र के रूप में निर्भिक एवं तकनीक में सक्षम व सम्पन्न रूप में बनी।

अपने विचार रखते हुए डॉ अरोडा ने बताया कि वर्तमान में सरकार अंतरिक्ष अभियान पर कार्य कर रही है और तकनीक के दम पर भारत स्वदेषी उपग्रह भेज कर विष्व में अपनी तकनीक को सिद्ध करने का प्रयास कर रही है ताकि भारत को लेकर नकारात्क छवि रखने वाले देष भारत के विज्ञान व अनुसंधान का लोहा मान सके।

कार्यक्रम के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ लक्ष्मीकांत द्वारा डॉ एस के अरोडा का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इससे पूर्व भौतिक विभाग दयानन्द महाविद्यालय की विभागाध्यक्ष डॉ गॉर्गी षर्मा ने अतिथियों को पुश्पगुच्छ भेट कर स्वागत किया इस अवसर पर डॉ एम एल वर्मा डॉ संत कुमार डॉ रफीक मोहम्मद डॉ प्रीति षर्मा डॉ नूतन कुम्पावत, नरेन्द्र जाटव, डॉ भूपेन्द्र कविता अजमेरा, सोनिया जोजफ संचिता रोज तसलीम अख्तर सहित अनेक व्याख्याता उपस्थित थे। मंच का संचालन डॉ अमृता तंवर ने किया।

डॉ संत कुमार
मीडिया प्रभारी
दयानन्द महाविद्यालय अजमेर
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