पर्युषण पर्व के पांचवे दिन निकाला जुलुस

14 स्वप्नों की लगाई बोलियां
केकड़ी।
अस्थल मोहल्ला स्तिथ श्री शीतलनाथ जिनालय में पर्युषण पर्व के चलते पांचवे दिन भगवान महावीर जन्म कल्याणक धूमधाम से मनाया गया। प्रातः पक्षाल, केसर पूजा, स्नात्र पूजा आदि विधिवत किये गए। दोपहर में मंदिर परिसर में श्री महावीर कल्याणक पूजा पढ़ाई गई। इस पूजा का लाभ राजेन्द्र सुशील कोठारी परिवार एवं सुरेंद्र वैभव धूपिया परिवार ने लिया। पूजा के पश्चात भगवान महावीर की माता ने भगवान के जन्म के समय जो 14 स्वप्न देखे थे उनकी बोलिया लगाई गई। पहले सपना गज की बोली गुप्त, दूसरा सपना वृषभ की बोली गुप्त, तीसरा सपना केसरी सिंह की बोली प्रेमचंद धूपिया परिवार, चौथा सपना लक्ष्मी जी की बोली ताराचंद धूपिया परिवार, पांचवा सपना फूल की माला की बोली भोपाल सिंह सेठी परिवार, छठे सपना चंद्रमा की बोली राजकुमार तातेड़ परिवार, सातवें सपना सूर्य की बोली ज्ञानचंद धूपिया परिवार, आंठवा सपना ध्वज की बोली खेमचंद तातेड़ परिवार, नोवां सपना इंद्र कलश की बोली पारसमल सोनी परिवार, दसवां सपना पदम सरोवर की बोली सुरेंद्र धूपिया परिवार, ग्यारवें सपना रत्नाकर की बोली हुक्मीचंद तातेड़ परिवार, बाहरवें सपना भुवन विमान की बोली शीतल तातेड़ परिवार, तेरहवे सपना रत्नों की राशी की बोली ताराचंद रांका परिवार एवं आखिरी सपने की बोली शांति लाल पीपाड़ा परिवार फतेहगढ़ वालो ने बढ़ चढ़ कर ली।

इसी क्रम में भगवान महावीर स्वामी के पालने की बोली स्वर्गीय भूरालाल तातेड़ परिवार ने ली। तत्पश्चात भगवान महावीर के जन्म के बारे में एक कल्पसूत्र वांचन किया जाता है, जिसमे बताया जाता है कि भगवान महावीर का जन्म किस नक्षत्र एवं दशों दिशाओ में हुआ के बताया जाता है, जिसकी बोली हंसराज बांठिया परिवार ने ली। 108 दीपकों से महाआरती की बोली नरेंद्र सुनील कोठारी परिवार एवं मंगल दीपक की बोली सुरेंद्र धूपिया परिवार ने ली। इस कार्यक्रम के तुरंत बाद समाज के सभी श्रावक श्राविकाएँ ने बैंड बाजो के साथ भगवान महावीर के पालने को सर पर रखकर नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए बोली लेने वाले परिवार के निवास स्थान तक जुलूस निकाला। रात्रि में प्रतिक्रमण के बाद भक्ति का कार्यक्रम रखा गया जिसमें सच्चे हृदय से मैं तो करु रे विनतिया, गर जोर मेरो चाले, आपा मंदिर में चाला ला, दीनानाथ मेरी बात आदि भजन गाये गए। विजय कोठारी, हंसराज बांठिया, सुरेंद्र धूपिया, रिखबचंद धम्मानी, खेमचंद तातेड़, लाभचंद तातेड़, राजकुमार तातेड़, शीतल तातेड़, पारसमल सोनी, लाभचंद धूपिया, धर्मीचंद सेठी, महेंद्र धम्मानी, अंकुश कोठारी, प्रकाश पीपाड़ा, वैभव धूपिया, सुमित धूपिया, अतुल धूपिया, भावेश तातेड़, अभय बांठिया आदि गणमान्य लोग मौजूद थे।

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