गांव विकास के नये क्षितिज की ओर अग्रसर – कैलाश मेघवाल

तकनिक एवं विज्ञान के समन्वय से हुआ जल संरक्षण -श्री श्रीराम वेदरे
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की संभाग स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न

अजमेर, 20 सितम्बर। विधानसभा अध्यक्ष श्री कैलाश मेघवाल ने कहा है कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान से प्रदेश का प्रत्येक गांव विकास के नये क्षितिज की ओर अग्रसर हुआ है। अभियान केे साथ साथ देश की विभिन्न नदियों को आपस में जोडकर उस जल का समुचित उपयोग किये जाने की भी आवश्यकता है।
विधानसभा अध्यक्ष गुरूवार को अजमेर के जवाहर रंगमंच पर आयोजित मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की संभाग स्तरीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अभियान की अब तक की उपलब्धि युनिक है, इसका सीधा लाभ लाभार्थी को मिलता है। प्रदेश की भौगौलिक स्थिति में विविधता होने से जल संग्रहण का कार्य भी अलग अलग ढंग से होता है। इस योजना का प्रदेश में सफल क्रियान्वयन हुआ है जिससे प्रत्येक गांव विकास के नये क्षितिज की ओर अग्रसर हुआ है। इसी को देखते हुए केन्द्रीय स्तर से भी इसे पुरे देश में लागू किये जाने पर उच्च स्तर पर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल स्वावलम्बन के कार्य पूर्ण पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार रहित हुए है। आज की परिस्थितियों में पानी बहुत महत्वपूर्ण है, जिसकी बूंद बूंद को बचाना जरूरी है। इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी देश की प्रमुख नदियों को जोडकर उस जल का सदुपयोग करने की योजना तैयार की थी जिसे आज क्रियान्वित करने की आवश्यकता है।
कार्यशाला में रिवर बेसिन एवं जल संसाधन आयोजना प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री श्रीराम वेदरे ने कहा कि प्रदेश में जल स्वावलम्बन के कार्य काफी अच्छे हुए है। यहां अन्य प्रदेशों में रही कमियों को दूर करते हुए लागू किया गया। जिसमें कन्र्वजन्स के कार्य नौ विभागों को सम्मिलित करते हुए कराये गये। जिसके सार्थक परिणाम प्राप्त हुए है। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक दृष्टि से हम काफी आगे बढे है उसी अनुरूप अभियान में भी मैपिंग एवं तकनिकी की उपयोग कर कार्य करवाये गये। इसमें समस्त जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणजन ने अपना पूर्ण श्रमदान दिया है। कार्य भी पूर्ण पारदर्शी तरीके से कराये गये है।
उन्होंने बताया कि अभियान के तहत प्रदेश में तीन चरणों के दौरान 11 हजार 981 गांवों में 3 लाख 77 हजार से अधिक कार्य करवाये गये है इसके साथ ही लगभग एक करोड 48 लाख पौधे रोपित किये गये। इन पौधों के संरक्षण एवं रखरखाव के लिए 50 करोड़ रूपये का प्रावधान भी रखा जाना प्रस्तावित है। इसके साथ ही अन्य स्ट्रक्चर के संधारण पर भी पुरा ध्यान दिये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ये अभियान का अंतिम चरण नहीं है। इसमें अभी काफी कार्य किया जाना है।
इस मौके पर महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के माध्यम से हुए कार्यो को इतिहास में याद किया जायेगा। अभियान से किसानों की आय में बढ़ौतरी हुयी है साथ ही जल की उपलब्धता से पशुओं को चारा भी पर्याप्त मात्रा में मिलने से दूध का उत्पादन भी बढ़ा है। जिससे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की किसानों की आय दुगूनी करने के लक्ष्य की भी पूर्ति हुयी है। उन्होंने गांव का पानी गांव में रखने की भी जरूरत बतायी।
कार्यशाला में संसदीय सचिव श्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि इस अभियान से नयी क्रांति की शुरूआत हुयी है। इस क्रांतिकारी परिवर्तन के वाहक बनने के लिए जल संग्रहण की शुरूआत घर से करनी होगी। वर्तमान में कम वर्षा से बीसलपुर बांध में काफी कम पानी आया है, जिससे पानी के संकट की स्थिति है। ऎसे संकट से निपटने के लिए ऎसे अभियानों की बहुत जरूरत है।
प्रारंभ में संभागीय आयुक्त श्री लक्ष्मी नारायण मीना ने सभी का स्वागत करते हुए बताया किअजमेर सम्भाग अन्तर्गत अजमेर, भीलवाडा, टोंक एवं नागौर जिले के कुल एक हजार 441 ग्रामों में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तीनों चरणों में राशि 59031.00 लाख व्यय कर 51 हजार 827 कार्य सम्पादित करवाये गये। अत्यधिक वर्षा या अन्य तकनीकी कारणों से तीनों चरणों में से कोई भी कार्य क्षतिग्रस्त नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि आमजन, औद्योगिक प्रतिष्ठान, जन प्रतिनिधिगण, धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों की समय-समय पर कार्यशाला आदि के माध्यम से अभियान के उद्धेश्याें एवं महत्ती आवश्यकता से रूबरू करवाया गया। इसी के फलस्वरूप नकद/ सामग्री/श्रम/ जन सहयोग आदि के रूप में लगभग रू. 14 करोड के कार्य सीएसआर मद अन्तर्गत सम्पादित करवाये गये। इसी प्रकार कृषकों को खेती में सीधे सिंचाई की अतिरिक्त सुविधा प्रदान करने वाले यथा फार्मपॉण्ड व खडीन निर्माण को अधिक से अधिक कराने का प्रयास किया गया। अकेले अजमेर में ही तीनों चरणों में अब तक लगभग 1400 फार्मपॉण्ड एवं लगभग 380 खडीन निर्माण के कार्य पूर्ण कराये जा चुके है, जिसके द्वारा करीब 4000 टीसीएम अतिरिक्त जल भण्डारण से लाभान्वित काश्तकार रबी में एक अतिरिक्त फसल लेने हेतु प्रेरित हुए। चतुर्थ चरण की प्लानिंग का कार्य भी अब पूर्ण होने को है, अब तक 29379 कार्याें की जीओ टेैगिंग की जा चुकी है।
अंत में जिला कलक्टर आरती डोगरा ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा बताया कि अभियान के तहत वर्षा की बूंद बूंद को बचाने का कार्य मिशन के रूप में किया गया है। उन्होंने बताया कि अजमेर में 346 गांवों में 118 करोड़ के कार्य हुए है। जो सभी कार्य विभिन्न विभागों के कन्र्वजन्स से कराये गये है, जिनमें किसानों को लाभ दिलाने के प्रयास किये गये है। अभियान में राशि का पूर्ण उपयोग किये जाने पर भी पूर्ण ध्यान दिया गया है।
कार्यशाला में अभियान के दौरान किए गए संभाग के समस्त जिलों में हुए उत्कृष्ट कार्यों के बारे में स्लाईड प्रदर्शन के माध्यम से जानकारी दी गयी। अजमेर की जानकारी परियोजना प्रबंधक श्री शरद गेमावत, भीलवाड़ा के श्री शान्तनू राय सिन्हा, नागौर के श्री रामनिवास मारूका तथा टोंक के श्री के.के.सैनी ने विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
इस मौके पर अभियान से लाभान्वित हुए अजमेर के हनूतिया के श्री कानाराम जाट, पारा के श्री रामसिंह मीणा, भीलवाड़ा से जहाजपुर के श्री कैलाश जाट, सुवाणा के श्री बालू सिंह, नागौर में परबतसर के श्री गौवर्धन सिंह एवं श्री अजीत सिंह राठौड़, टोंक से टोडारायसिंह के श्री गोपाल सिंह तथा मालपुरा के श्री प्रधान चौधरी ने अभियान से हुए लाभो के बारे में बताया। इसी प्रकार संभाग के प्रत्येक जिले से एक-एक सरपंच ने अपने विचार व्यक्त किए। इनमें कड़ेल के श्री महेन्द्र सिंह मझेवला, रायपुर के श्री गोपाल सैनी तथा डीडवाना के श्री भंवर जानू ने संबोधित किया। श्री सीमेन्ट के श्री पीयुष, अंबूजा सीमेन्ट मूण्डवा के श्रीकान्त कुम्भारे, शेखावत एसोएिशिएट टोंक के श्री मेघराज सिंह शेखावत तथा बीएस माईनिंग कम्पनी काबरा टोंक के श्री विजेन्द्र कुमार गोयल ने भी उनके द्वारा अभियान में दिये गये सहयोग की जानकारी दी।

इनका हुआ सम्मान –
संभाग स्तरीय कार्यशाला में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन के विभिन्न चरणों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं का सम्मान किया गया। श्री सीमेन्ट ब्यावर, आर.के.मार्बल किशनगढ़, मार्बल एसोशिएशन किशनगढ़, आसीन्द प्रधान श्रीमती लक्ष्मी देवी, अंबूजा सिमेन्ट मूण्डवा, नितिन स्पीनर्स भीलवाड़ा, खाद्य पदार्थ व्यापार संघ टोंक, एलपीजी गैस एसोशिएसन टोंक, शेखावत एसोसिएट, बीएस माईनिंग कम्पनी काबरा को सम्मानित किया गया। इसी प्रकार हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड जिन्दल शॉ लिमिटेड भीलवाड़ा, श्री देवनारायण मन्दिर ट्रस्ट जोधपुरिया तथा बैरवा समाज धर्मशाला टोंक को भी अभियान में योगदान प्रदान किया।
इसी प्रकार मुकेश देवंता भिनाय, सत्यप्रकाश जानू पीसांगन, दिनेश कुमार बसीटा श्रीनगर, श्री दिनेश चंद कृषि अनुसंधान अधिकारी, श्री देशराज मेघवंशी सरवाड रेंजर, श्री गोपाल लाल सोनी सरपंच मोखुंदा भीलवाड़ा, श्री रतनलाल सोनी उपसरपंच खांखला, श्री शान्तनू सिन्हा एफईएस भीलवाड़ा, रामलाल भील माण्डलगढ़, राम टेलर हुरडा, नाथू सिंह गहलोत रायपुर, श्री विश्राम मीना भीलवाड़ा, श्री दाउद अली डीडवाना, श्री रणवीर सिंह सुमन परबतसर, श्री रामरतन डीडवाल जायल, श्री भंवर लाल जानू डीडवाना, श्री राम दयाल शर्मा लाडनू, श्री कमलेश शर्मा नावां, श्रीमती सरोज मेडता, श्री दौलतराम गोदारा मेड़ता, श्री श्योजीराम चौधरी टोंक, राजेन्द्र कुमार टोंक, अब्दुल हकीम कागजी निवांई को भी सम्मानित किया गया।

प्रदर्शनी का अवलोकन –
कार्यशाला स्थल पर मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत हुए कार्यो को प्रदर्शित करती विकास प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। जिसको अतिथियों ने देखकर सराहा।
इस मौके पर जिला प्रमुख वन्दना नोगिया, राजस्थान रिवर बेसिन एवं जल संसाधन आयोजना प्राधिकरण के आयुक्त श्री एम.एस. काला, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त श्री के.के. शर्मा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अरूण गर्ग सहित संभाग के समस्त जिलों के प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधिगण, स्वयं सेवी संगठन के प्रतिनिधि, औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधि, लाभार्थी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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