मित्तल हाॅस्पिटल में एण्डोस्कोपिक पद्धति से खोली आंत की रुकावट

वृद्धा को था पित्त की थैली का एडवांस कैंसर
डेढ़ माह से खाना खाते ही होती थी उल्टियां

अजमेर, 24 नवम्बर( )। मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर के गैस्ट्रोएण्ट्रोलाॅजिस्ट डाॅ मनोज कुमार ने 70 वर्षीय वृद्धा के एंडोस्कोपिक पद्धति से धातु की नली डालकर आंत की रुकावट को खोल दिया। वृद्धा अब स्वस्थ है और उसे हाॅस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है।
डाॅ मनोज कुमार के अनुसार अजमेर निवासी 70 वर्षीय वृद्धा को जब मित्तल हाॅस्पिटल लाया गया था तब मरीज को पेट में दर्द व भूख नहीं लगने तथा कुछ भी खाने पर उल्टी होने की शिकायत 4 माह से रहा करती थी। वृद्धा की जांचों में पाया गया कि उसके गाॅलब्लेडर ( पित्त की थैली) का कैंसर एडवांस स्टेज में हैं जिससे वृद्धा के लीवर और आंतों में रुकावट हो रही है। डाॅ मनोज ने बताया कि जांच के बाद वृद्धा के खाने की नली में धातु की नली (सेम्स) डाल कर रास्ता खोल दिया गया। मरीज ने फिर से भोजन करना शुरू कर दिया है और अब उसे भोजन करने में कोई तकलीफ नहीं है।
निदेशक मनोज मित्तल के अनुसार मित्तल हाॅस्पिटल में पेट व आँत की एण्डोस्कोपिक (दूरबीन द्वारा) जांच, काॅलोनोस्कोपी, पित्त की नली की पथरी निकालना (ईआरसीपी) आदि सेवाएं उपलब्ध हैं।

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