मित्तल हाॅस्पिटल में रक्षित किया युवक के गले का स्वर यंत्र

धारदार वस्तु से कट गया था स्वर यंत्र, बोलने व श्वांस लेने में थी तकलीफ
नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ डाॅ. रचना जैन ने किया आॅपरेशन

डाॅ रचना जैन
अजमेर, 5 दिसम्बर( )। नागौर निवासी 40 वर्षीय एक युवक के गले के स्वर यंत्र (लेरिन्जियल फ्रेमवर्क ) का मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में उपचार कर उसे रक्षित किया गया इससे युवक के जीवन पर गहराया संकट टल गया।
मित्तल हाॅस्पिटल की नाक, कान, व गला रोग विशेषज्ञ डाॅ. रचना ने बताया कि युवक का गला किसी धारधार वस्तु से श्वांस नली तक गहरा कट लग गया था। जिससे युवक बोल नहीं पा रहा था व श्वांस लेने में भी उसे तकलीफ हो रही थी। युवक को मित्तल हाॅस्पिटल के आपातकालीन वार्ड में गंभीर अवस्था में लाया गया था। हाॅस्पिटल के सीएमओ डाॅक्टर संजय ने युवक की हालत देखकर तुरंत ही युवक के गले में नली डाल दी वरना सूजन बढ़ने के बाद मुश्किल होती। डाॅ. रचना जैन द्वारा रोगी की आगे जांच करने पर पाया गया कि उसका गला काफी गहरे तक कट गया था। स्वर तंत्र (लेरिंग्स ) काफी जख्मी हो गया था। डाॅक्टर ने बताया कि युवक के हाईयोईड बोन, थाईरोईड कार्टिलेज का फ्रेक्चर, थाईरोहाईयोईड लिगामेंट व स्ट्रेप मसल को रिपेयर किया गया। ज्ञातव्य है कि गले के अंदर कई महत्वपूर्ण रक्त धमनियां, नसें, श्वांस नली, भोजन नली होती हैं जिनके कटने से व्यक्ति को श्वांस लेने में मुश्किल तो बढ़ती ही है यहां तक कि उसके जीवन को संकट भी खड़ा हो सकता है।
डाॅक्टर के अनुसार आमतौर पर ऐसे मरीजों को श्वांस नली में छेद (ट्रेक्यिोस्टोमी) करके ट्यूब डालने की जरूरत होती है परन्तु इससे मरीज को ठीक होने में लम्बा समय लगता है। मरीज की आवाज बदलने का भी संशय रहता है। परन्तु इस मरीज का इलाज बिना टेªक्यिोस्टोमी के किया गया। उन्होंने बताया कि युवक के गले में शुरू में डाली गई ट्यूब निकाल दी गई है। उसकी आवाज भी फिर से सामान्य हो गई है। युवक मुंह से खाना भी खा पा रहा है। उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इस आॅपरेशन में 2 से 3 घंटे का समय लगा। इसमें एनेस्थीसियोलाॅजिस्ट डाॅ. अनुराग नेल्सन, रेडियोलाॅजिस्ट डाॅ. गरिमा खिंची, स्टाफ नर्स हेमा, ऋषि आदि का सराहनीय योगदान रहा।
निदेशक मनोज मित्तल ने बताया कि मित्तल हाॅस्पिटल में कान, नाक व गले संबंधित रोग जैसे कान का बहना, कान के पर्दे का आॅपरेशन, नाक की टेढ़ी हड्डी, साइनस, टाॅंसिल, मुंह, जीभ व गले के कैंसर, एलर्जी, खर्राटे, काॅकलियर इम्प्लांट, आवाज की खराबी व अन्य रोग आदि का इलाज दूरबीन पद्धति द्वारा, स्पीच थैरेपी व आॅडियोमीट्री की सुविधा उपलब्ध है।

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