मित्तल हाॅस्पिटल में हुई वृद्धा की रिवीजन आॅर्थोप्लास्टी

मरीज के दुर्घटनाग्रस्त होने एवं इंफेक्शन के कारण बढ़ रहे हैं केस
अस्थिरोग विशेषज्ञ डाॅ दीपक जैन ने 3 माह में किए 3 रिवीजन केस

Dr Deepak Jain
अजमेर, 17 दिसम्बर( )। मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर में एक वृद्धा के कूल्हे की रिवीजन आॅर्थोप्लास्टी की गई। विगत तीन माह में रिवीजन आॅर्थोप्लास्टी का यह तीसरा मामला है। वृद्धावस्था वाले लोगों को जिन्हें पूर्व में जोड़ प्रत्यारोपण हो चुका है उन्हें सर्दी के दिनों में थोड़ा संभाल की जरूरत है। मरीज के गिरने से घुटना, कंधा, व कूल्हा चोटिल हो जाता है जिसे रिवीजन आॅर्थोप्लास्टी कर ही ठीक किया जा सकता है।
मित्तल हाॅस्पिटल के अस्थिरोग विशेषज्ञ डाॅ दीपक जैन ने बताया कि 65 वर्षीय वृद्धा के कूल्हे का जोड़ प्रत्यारोपण एक वर्ष पहले किया गया था। गिरने से वृद्धा की हड्डी टूट गई जिससे उनका दोबारा आॅपरेशन करना पड़ा। डाॅ दीपक ने कहा कि जोड़ प्रत्यारोपण वाले मामलों में जोड़ को निकालना बहुत मुश्किल होता है। टूटी हुई हड्डी को रीकंस्ट्रेक्ट करने में भी काफी दिक्कत आती है। इसके बाद नया जोड़ डाला जाता है यह पहले वाले जोड़ से बड़ा और महंगा होता है किन्तु मरीज कुछ समय आराम करने के बाद फिर से चल फिरने लगता है। वृद्धा के केस में एनेस्थीसियोलाॅजिस्ट डाॅ अनुराग नेल्सन, एवं नर्सिंग स्टाफ मुकेश, यूसुफ व मिटठूलाल का सराहनीय योगदान रहा। उल्लेखनीय है कि डाॅ दीपक जैन ने जोड़ प्रत्यारोपण की ट्रेनिंग मुम्बई व अमेरिका से प्राप्त की है वहीं रिवीजन आॅर्थोप्लास्टी की ट्रेनिंग जर्मनी व थाईलैण्ड से प्राप्त की है।
डाॅ जैन ने इन दिनों में जोड़ प्रत्यारोपण वाले मरीजों को चलने फिरने में विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सर्दी के दिनों में मामूली सी असावधानी उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है। डाॅ दीपक ने बताया कि मित्तल हाॅस्पिटल में अत्याधुनिक ओटी व आईसीयू की सुविधाओं एवं दक्ष चिकित्सकों एवं स्टाफ की टीम के रहते रोगियों को अच्छी सेवा उपलब्ध है।

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