प्रसिद्ध गणितज्ञ रामानुजन की 131वीं जयन्ति मनाई

गणित के क्षेत्र में विश्व को भारत की देन है श्रीनिवास रामानुजन (प्रसिद्ध गणितज्ञ रामानुजन की 131वीं जयन्ति मनाई)
प्राचीन काल से ही भारत समाज के सभी क्षेत्रों में विश्व का मार्गदर्शन करता आ रहा है। भारत की प्राचीनतम मेघा का आधुनिक प्रमाण विश्व के सामने श्रीनिवास रामानुजन के रूप में प्रस्तुत हुआ। गणित के क्षेत्र में रामानुजन का योगदान अविस्मरणीय है। यह इस क्षेत्र में भारत की विश्व को देन है। रामानुजन के अनेक सूत्रों को हल करने के लिये आज भी विश्व के गणितज्ञ प्रयासरत् है। यह विचार प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ रामानुजन की 131वीं जयन्ति के अवसर पर पुष्कर रोड स्थित आदर्श विद्या निकेतन स्कूल में आयोजित अन्तर सदनीय गणित प्रश्नोत्तरी एवं चित्रकला प्रतियोगिता के अवसर पर प्रधानाचार्य भूपेन्द्र उबाना ने व्यक्त किये।
प्रश्नोत्तरी में विद्यालय के चारों सदनों की टीमों ने भाग लिया। गणित से सम्बन्धित प्रश्नों पर प्रश्नोत्तरी आधारित थी जबकि चित्रकला में सभी छात्रों ने रामानुजन के चित्रों को सुन्दरता के साथ उकेरने का प्रयत्न किया। प्रतियोगिता में महर्षि कणाद सदन विजेता तथा आर्यभट्ट सदन उपविजेता रहे। निर्णायक आचार्य जयप्रकाश माथुर रहे। कार्यक्रम का संचालन गणित अध्यापक चन्द्रवीर साँखला द्वारा किया गया।
वर्ष 2012 से रामानुजन की जयन्ति को भारत में राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में आयोजन करना प्रारम्भ किया गया है। विद्या भारती द्वारा संचालित सभी विद्यालयों में इसका आयोजन किया जाता है।
विद्या भारती के देशभर में 13300 विद्यालयों के माध्यम से 35 लाख विद्यार्थियों के भारत भक्ति जागरण के लिये प्रयासरत है।

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