अजमेर, 23 दिसंबर। श्री निम्बार्क कोट मंदिर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक पं. रविशंकर शास्त्री ने प्रेम का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जीवन को आनंदमय बनाने के लिए प्रेम होना आवश्यक है। प्रेम और शांति तलाशने के लिए मंदिर जाएं। आने वाली पीढ़ी को भी धर्म से जोड़ें। अगर बच्चों को बाल्यकाल में धर्म से जोड़ा तो वो बड़ा होकर प्रेम तलाशने विदेश नहीं जाएगा। यकीन मानिए अगर बच्चों को धार्मिक संस्कार दिए होंगे तो वो बड़ा होकर आपकी सेवा अवश्य करेगा। शास्त्री ने कहा कि जिस तरह विवाह में कन्या का वर के प्रति प्रेम आवश्यक है उसी तरह भक्ति में भक्त की भगवान के प्रति शरणागति आवश्यक है। लौकिक वस्तुओं में सुख नहीं है। सच्चा सुख तो भगवान की भक्ति में है। इसे पाने के लिए अहंकार छोड़ना पड़ेगा। लगन तुमसे लगा बैठे.. भजन पर श्रोता झूम उठे। कथा में विष्णुदत्त जोशी, महेश जोशी, सुभाषचंद परिहार, ज्योतिस्वरूप शर्मा, सुमित सारस्वत, विनीत बारोटिया, मुन्ना यादव, किशनलाल साहू, केदार सिंह, विनोद जैन, मनीष शर्मा सहित अनेक महिला-पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए।
सुमित सारस्वत
मो.09462737273