मित्तल हाॅस्पिटल में दूरबीन से निकाली नाक की पथरी

नाक-कान-गला रोग विशेषज्ञ डाॅ रचना जैन ने छात्रा की छह साल पुरानी पीड़ा का किया निदान

डाॅ रचना जैन
अजमेर, 11 जनवरी( )। सामान्य रूप से आपने गाॅलब्लेडर में पथरी, किडनी में पथरी, मूत्र की थैली या मूत्र मार्ग में पथरी के मामले सुने एवं पढ़े होंगे। नाक की पथरी (राइनोलिथ) का केस शायद ही सुना हो। मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की नाक- कान-गला रोग विशेषज्ञ डाॅ रचना जैन ने 21 वर्षीय एक विवाहित छात्रा के नाक की पथरी का दूरबीन से उपचार कर उसकी छह साल पुरानी पीड़ा का निदान किया।
अजमेर की ही रहने वाली इस विवाहित छात्रा को भारी जुकाम के साथ सिरदर्द रहता था, आंखों से पानी आता था, सीधी नाक प्राय बंद रहा करती थी, खर्राटे आते थे। गत दो साल से तो उसके नाक से दुर्गन्ध भी आने लगी थी। छात्रा ने विभिन्न चिकित्सकों से उपचार लिया किन्तु उसे राहत नहीं मिली। आखिर मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की नाक-कान-गला रोग विशेषज्ञ डाॅ रचना जैन से सम्पर्क किया। डाॅ रचना ने छात्रा की सीटी स्कैन जांच कराई। जांच में उसके नाक की पथरी(राइनोलिथ) होने का पता चला। जांच में यह भी ज्ञात हुआ कि छात्रा के नाक की पथरी तकरीबन 3.5 से 4 सेंटीमीटर की थी। डाॅ रचना ने बताया कि 3 से लेकर 40 साल तक की उम्र के छोटे बच्चों एवं बड़ों में इस तरह की पथरी संभव है इसका साइज 2 सेंटी मीटर से 5 सेंटीमीटर तक का हो सकता है। 5 सेंटी मीटर या इससे अधिक बढ़ने पर यह पथरी नाक के साइड से बाहर निकल सकती है अथवा तालु में छेद कर बाहर आ सकती है।
जांच में यह पता चला कि छात्रा के नाक की पथरी की वजह से उसकी नाक की हड्डी भी टेढ़ी होने लगी थी। उन्होंने बताया कि छात्रा का बिना किसी चीरफाड़ के दूरबीन से उपचार कर उसकी नाक की पथरी को निकाला गया। वैसे इस तरह की पथरी को नाक के साइड में छोटा कट लगा कर निकालना होता है।
डाॅ. रचना जैन ने बताया कि आॅपरेशन के दौरान छात्रा के नाक की टेढ़ी होती हड्डी का भी उपचार कर दिया गया। इससे उसको काफी राहत मिली। इस आॅपरेशन में एनेस्थीसियोलाॅजिस्ट डाॅ मीनल, रेडियोलाॅजिस्ट डाॅ गरीमा खींची, एवं ओटी स्टाफ नर्स विनीता का सहराहनीय योगदान रहा।
महिलाओं में होती है नाक की पथरी-
डाॅ रचना जैन ने बताया कि अक्सर देखा यह गया है कि जो लोग सीधे हाथ से काम करते हैं उनके सीधी नाक में ही इस तरह की पथरी होती है। महिलाओं में नाक की पथरी के मामले कभी कभी सामने आते हैं। घरेलू काम काज करते हुए अथवा किसी वस्तु को सूंघते हुए कोई फाॅरेनबाॅडी नाक में जाकर अटक जाती है। समय के साथ धीरे धीरे उस पर कैल्शियम जमने लगता है और वह पथरी का रूप ले लेती है।
इन लक्ष्णों का रखे ध्यान-
नाक से खून आए, सिर दर्द रहने लगे, जुकाम बना रहे। नाक बंद रहती हो, नाक की हड्डी टेढ़ी हो, आंख से पानी आता हो तो शीघ्र ही नाक- कान- गला रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करें।

सन्तोष गुप्ता
प्रबंधक जनसम्पर्क/9116049809

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