7वर्षो से चल रहे विवाद का हुवा पटाक्षेप-एक दिन में हुए 136 प्रकरण निस्तारित

केकड़ी12 जनवरी।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर आज शनिवार को केकड़ी न्यायालय में लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसमें बार और बैंच का अद्भुत सांमजस्य देखने को मिला। लोक अदालत में 7 साल पुराने व्यापारियों के विवाद का किया निस्तारण किया गया। 2 व्यापारियों के मध्य चल रहे 7 साल पुराने मामले का राजीनामे के आधार पर निस्तारण किया गया। ताल्लुका विधिक सेवा के अध्यक्ष मुकेश आर्य ने बताया कि कस्बे के व्यापारी धनराज सांगरिया पुत्र राधेश्याम संगरिया ने राजेन्द्र विजयवर्गीय और हनुमान विजयवर्गीय के विरुद्ध एक दीवानी दावा इस आशय का पेश किया था कि उसने प्रतिवादीगण ने उनकी फर्म से 4 लाख 20 हजार रुपये का सामान लिया था। जिसकी अदायगी नहीं करने पर मय ब्याज के वसूली का दावा किया, जो सन् 2012 से न्यायालय में विचाराधीन था। जिस पर विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष मुकेश आर्य ने दोनों पक्षकारों से समझाइश करने का प्रयास किया तथा बताया कि राजीनामे से निपटने वाले मामले में कोर्ट फीस की राशि वापस मिल जाएगी इस पर पक्षकारों ने मामले को राजीनामे से निपटा लिया। इस प्रकार 7 साल पुराने मामले का निस्तारण किया गया।
ताल्लुका विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष मुकेश आर्य ने बताया कि लोक अदालत में मोटर दुर्घटना के मामलों में 88 लाख रुपये के अवार्ड पारित किए गए।इसके अतिरिक्त मोटर दुर्घटना के 21 मामलों के सहित कुल 39 प्रकरणों का निस्तारण हुआ जिसमें फौजदारी, दीवानी मामले व पारिवारिक मामले निस्तारीत किये गए। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नीरज गुप्ता के न्यायालय के 77 प्रकरणों का निस्तारण हुआ। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अक्षी कंसल के न्यायालय के 20 प्रकरणों का निस्तारण हुआ। इस प्रकार कुल 136 प्रकरणों का निस्तारण हुआ। लोक अदालत की कार्यवाही में अधिवक्ता हेमंत जैन, नवलकिशोर पारीक, मनोज आहूजा, दशरथ सिंह, पवन भाटी, नंदकिशोर वर्मा, रामसिंह राठौड़, अनुराग पांडे, अजय पारीक, भेरूसिंह राठौड़ आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई। ताल्लुका विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव गौतम चावला ने लोक अदालत को सफल बनाने के लिए उचित प्रचार, प्रसार व व्यवस्थाओं में सहयोग दिया।
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