राजस्थान में जल्द से जल्द लागू हो सवर्ण आरक्षण-देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 19 जनवरी। अजमेर उत्तर के विधायक व पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवर्णों के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित दस प्रतिशत आरक्षण को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की है।
शनिवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा करने के साथ इसे संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत से पारित करवा दिया है। इस आरक्षण को राष्ट्रपति भी मंजूरी दे चुके हैं। इसके बाद भाजपा शासित राज्य गुजरात, झारखण्ड और उत्तरप्रदेश इस आरक्षण को लागू कर चुके हैं। इसलिए अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार को भी यह आरक्षण जल्द से जल्द लागू करना चाहिए, ताकि निकट भविष्य में निकलने वाली सरकारी भर्तियों में इस पर अमल किया जा सके, जिससे इस वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ मिल सके। इसी प्रकार इस साल जून-जुलाई में विश्वविद्यालयों, काॅलेजों और स्कूलों में भी प्रवेश पाने वाले इस वर्ग के विद्यार्थी आरक्षण से लाभान्वित हो सकें।
देवनानी ने कहा कि भाजपा शासित राज्य इस आरक्षण को लागू करने को तत्पर हैं, जिसका उदाहरण गुजरात, झारखण्ड और उत्तरप्रदेश हैं। शेष भाजपा शासित राज्य भी अगले कुछ दिनों में यह आरक्षण लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। इसलिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार को भी बिना किसी राजनीतिक भेदभाव के यह आरक्षण लागू करना चाहिए। यदि यह आरक्षण जल्द से जल्द लागू नहीं किया जाता है, तो राजस्थान लोक सेवा आयोग, राजस्थान अधीनस्थ चयन बोर्ड और राज्य की अन्य भर्ती एजेंसियों द्वारा निकाली जाने वाली भर्तियों में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण वर्ग के लोगों को आरक्षण लाभ नहीं मिल पाएगा, जिससे उनके साथ घोर अन्याय होगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने समाज के सभी वर्गों में समानता लाने के लिए आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था की है, जो इन वर्गों के युवाओं के साथ-साथ देश, राज्य और समाज के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इस आरक्षण से आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के युवाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने गहलोत से यह भी आग्रह किया है कि वे आरक्षण लागू कराने के साथ आरपीएससी और अधीनस्थ चयन बोर्ड के माध्यम से निकट भविष्य में निकलने वाली भर्तियों तथा शिक्षण संस्थाओं के प्रवेश में इसे कड़ाई से लागू करने के निर्देश दें, ताकि कोई भी योग्य युवा व विद्यार्थी इसका लाभ लेने से वंचित नहीं रह पाए।

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