संतों की विदाई पर भावुक हुए श्रावक

ब्यावर, 20 जनवरी। भगवान संभवनाथ की अंजनशलाका महोत्सव में निश्रा प्रदान करने दादाबाड़ी पधारे संत-साध्वी भगवंतों ने रविवार को नए सफर के लिए विहार किया। गणाधीश पंन्यासप्रवर विनयकुशलमुनि, नंदीषेणमुनि, विरागमुनि, भव्यमुनि, निरंजना श्रीजी, हर्षयशा श्रीजी, गुणरंजना श्रीजी, मधुस्मिता श्रीजी, मुक्तांजना श्रीजी, अमृतांजना श्रीजी, मोक्षांजना श्रीजी, मोक्षरतना श्रीजी, सुरक्षांजना श्रीजी, विरतीयशा श्रीजी, विनम्रयशा श्रीजी, विधिरत्ना श्रीजी को श्रावकों ने श्रद्धा और भावुकता के साथ विदाई दी। इस दौरान कई श्रावकों की आंखें नम हो गई। इससे पूर्व सुबह द्वार उदघाटन किया। दोपहर में दादा गुरुदेव की बड़ी पूजा हुई। इसमें अर्चना जैन, वंदना जैन, आर्य जैन ने भजनों की सुमधुर प्रस्तुति दी। समाज अध्यक्ष सतीश मेड़तवाल, मंत्री महेंद्र छाजेड़ व संयोजक सुरेश कांकरिया ने उत्कृष्ट सेवाओं के लिए लक्ष्मण सांखला, डॉ. सिंघवी, सुमित सारस्वत, त्रिवेणीप्रसाद शर्मा, टीकमचंद सकलेचा, सीताराम साहू, इकबाल खान सहित लाभार्थी परिवारों का बहुमान किया। मुनिश्री ने संयोजक सुरेश कांकरिया को समाज रत्न की उपाधि से नवाजा।

सुमित सारस्वत
मीडिया प्रभारी
मो.9462737273

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