बजट चुनावी जुमला है

बजट चुनावी जुमला है इसे बजट मे टैक्स पेयर्स को भले ही राहत दी गई है लेकिन किसानो मजदूर व युवाओं के लिये इसे बजट मे कुछ खास नही है। किसानो को 6000 रुपय साल कि मदद दी गई है यानि महिने का मात्र500रुपय जो किसानों के लिये पर्याप्त नही है यह देश के अन्नदाताओं के साथ मंजाक कि है बजट मे युवाओं के रोजगार के कोइ संसाधन नही है मजदूरों के लिये कोई जनकल्याणकारी योजना नही।अगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने लोकलुभावन बजट दे कर देश के जवान, किसान व मजदूर का वोट बटोरन कि कोशिश कि है ।लेकिन देश के किसान व जवान अब इसे सरकार के जुमलों मे नही आने वाले है

विजय पाल चौधरी
अजमेर संभाग प्रभारी
राष्ट्रीय लोकत्रांतिक पार्टि
(रालोपा)

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