सैनिक भाव से हमारे कर्म राष्ट्रर्पित हो

देश के लिए शहीद होने वाले प्रत्येक सिपाही को अपनी नौकरी के पहले दिन से यह बात पता होती है कि किसी भी क्षण उन्हें अपने प्राणों को राष्ट्रदेव के चरणों में समर्पित करना पड़ सकता है लेकिन फिर भी वे अपने कर्मों को राष्ट्रर्पित करके जीते हैं। हम सब भारतीयों को भी अपना प्रत्येक कर्म देश को समर्पित करके करना चाहिये तभी शहीदों के प्रति हमारी सच्ची कृतज्ञता और श्रद्धांजलि हो सकेगी।
यह विचार आज पुष्कर रोड़ स्थित आदर्श विद्या निकेतन विद्यालय में पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों के लिये आयोजित श्रद्धांजलि एवं वन्दना सभा में प्रबंध समिति सदस्य श्रीमती रागिनी वर्मा ने व्यक्त किये। इस अवसर पर विद्यालय प्रधानाचार्य भूपेंद्र उबाना ने कहा कि सीमापार से आ रहे शुत्रओं से तो हमारी सेना निपट ही लेगी लेकिन आतंकवाद के इस छद्मयुद्ध में प्रत्येक भारतीय को प्रतिपल सजग रह कर अपने आस-पास की गतिविधियों पर नजर रखनी पड़ेगी। जो आतंकी 300 किलो बारुद लेकर सीआरपीएफ के ट्रकों से टकराया वो सीधे पाकिस्तान से सीमापार करके घटनास्थल पर नही आये है उन्हें किसी ने तो सहयोग किया होगा। अतः समाज के भीतर छिपे आस्तीन के साँपों का भी सफाया जरुरी है। जे एन यू जैसे विश्वविद्यालयों में जो लोग भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाते हैं,या जो आतंकवादियों के जनाजे निकालते हैं….वे सब लोग इन शहीदों के हत्यारे घोषित किये जाने चाहिये क्योंकि उनके कारण ही आतंकियों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं। उन्होंने कहा समाज के भीतर छिपकर जो गद्दार बैठे है उन्हें समाज की सजगता ही ठिकाने लगवा सकती है।
श्रद्धांजलि सभा के साथ ही प्रबंध समिति के अध्यक्ष नन्दकिशोर जी गोयल ने विद्यालय परिवार की ओर से शहीद परिवारों की सहायता के लिए 25,000/- रूपये की सहयोग भेजने की घोषणा की।
कार्यक्रम के अन्त में सभी ने भारतमाता और सैनिक प्रतीक पर पुष्प चढ़ा कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में विद्यालय के विद्यार्थी, अभिभावक एवं अन्य कई समाज बंधुओं ने भाग लिया।
भूपेंद्र उबाना
(प्रधनाचार्य)

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