सरवाड़ नगरपालिका में बन सकता है कांग्रेस का बोर्ड

भाजपा के पालिकाध्यक्ष व उपाध्यक्ष की कुर्सी खतरे में
पालिका अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वाले मामले में कांग्रेस के पार्षद भाजपा के समर्थन में उतरे

सरवाड़ नगर पालिका के अध्यक्ष विजय कुमार लड्ढा के खिलाफ उन्हीं की पार्टी के पार्षदों ने मुहिम तेज कर दी है, अब यह जंग और मजबूत हो गई है। इस मिशन में कांग्रेस के सभी 8 पार्षद भी भाजपा पार्षदों के समर्थन में आ गए हैं। इसी बीच चोंकाने वाली एक नई बात और सामने है, भाजपा पार्षदों ने अब कांग्रेस के समर्थन से भाजपा के पालिका उपाध्यक्ष अजय कुमार पारीक का भी विकट उड़ाने का मानस बना लिया है। शायद कांग्रेस समर्थन इसी शर्त पर दे रही है ताकि पालिकाध्यक्ष लड्ढा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर पालिकाध्यक्ष का पदभार कहीं उपाध्यक्ष को न मिल जाये, क्योंकि पालिकाध्यक्ष को हटाया जाता है तो उसका कार्यभार उपाध्यक्ष को मिलता है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस तभी राजी हुईं की पालिकाध्यक्ष के साथ-साथ उपाध्यक्ष को भी हटाया जाए ताकि पालिकाध्यक्ष कांग्रेस का बन सके। इसे हम कांग्रेस की कूटनीति भी मान सकते हैं और भाजपा पार्षदों की मजबूरी भी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस कूटनीति के चलते भाजपा पार्षदों ने पहले तो है उपाध्यक्ष से इस्तीफा देने को कहा जब वे नहीं माने तो उनके खिलाफ़ भी अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर ली गई। इस रणनीति के तहत मंगलवार को भाजपा व कांग्रेस के दो तिहाई पार्षदों ने जिला कलक्टर के समक्ष उपस्थित होकर पालिका के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए ज्ञापन सौंपा है। कलक्टर के समक्ष दो तिहाई पार्षदों द्वारा पालिकाध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की पेशकश के बाद यह माना जा रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाएगा ! कुल मिलाकर यहां गेहूं के साथ घुन पिसने वाली कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने पालिकाध्यक्ष लड्ढा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की सम्भावनाओं के मद्देनजर अब अपनी पार्टी के पार्षद को पालिकाध्यक्ष बनाने की तैयारियां शुरू भी कर दी है, कांग्रेस नेताओं द्वारा सर्वसम्मति से एक नाम पर सहमति बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। वैसे भी पालिकाध्यक्ष बनाने के लिए कांग्रेस की भाजपा के मात्र तीन पार्षदों के मत की आवश्यकता होगी जबकि यहां तो 7 भाजपा पार्षद साथ हैं, क्योंकि नए पालिकाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए कुल 20 में से 11 पार्षदों के बहुमत की आवश्यकता है। वहीं समझौते में भाजपा की झोली में उपाध्यक्ष पद रहेगा। जिस पर पार्षद आपस मे तय करेंगे के किसे उपाध्यक्ष बनाना है। अगर यह अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है तो गेंद कांग्रेस के पाले में आ जायेगी और भाजपा की इस लड़ाई में कांग्रेस को बैठे बिठाए, पकी पकाई खीर मिल जाएगी। ताज्जुब तो इस बात का है कि भाजपा के पालिका अध्यक्ष व को हटाने की मुहिम भाजपा पार्षदों द्वारा गत दिनों से तेजी से चलाई जा रही है मगर इस मामले को लेकर भाजपा कहीं गम्भीर नजर नहीं आई। इस मामले में अभी तक भाजपा का एक भी नेता दखल देने, बातचीत करने या पार्षदों को समझाने नहीं पहुंचा। वैसे इस मामले में निवर्तमान विधायक व जिलाध्यक्ष को तुरंत आना चाहिए था। खैर भाजपा के नेता किस मुंह से पार्षदों को मनाने या समझाने आते क्योंकि यह विवाद आज का नहीं है। राज्य में जब भाजपा सत्ता में थी तब से भाजपा के यही पार्षद पालिकाध्यक्ष लड्ढा की शिकायतें जिलाध्यक्ष से लेकर प्रदेशाध्यक्ष को तथा विधायक से लेकर मुख्यमंत्री को कई दफा कर चुके थे तथा उन्हें हटाने की मांग कर चुके लेकिन किसी ने इनकी बात नहीं सुनी तो अब किस मुंह से उन्हें समझा सकते हैं। पिछले तीन सालों से भाजपा के पार्षद पालिकाध्यक्ष विजय कुमार लड्ढा की कथित मनमानी व अन्य मामलों में असंतुष्ट चल रहे थे। वे अभी 6-7 माह पहले भी पालिकाध्यक्ष लड्ढा को कुर्सी से हटाने के लिए कई दिनों तक धरना प्रदर्शन कर चुके हैं तब राज्य में भाजपा की सरकार थी और क्षेत्रीय विधायक भी भाजपा का ही था। तब किसी ने ध्यान दिया होता तो आज यह नोबत नहीं आती। अब अगर स्थितियां बदलती है तो उसका नुकसान भाजपा को ही होने वाला है, नुकसान में एक तो भाजपा के कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटेगा, दूसरा लोक सभा चुनाव अगले दो माह में ही होने वाले हैं। कुल मिलाकर हालात भाजपा के पक्ष में दिखाई नहीं दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सरवाड़ नगर पालिका में कुल 20 निर्वाचित पार्षद हैं जिनमें से भाजपा के पालिकाध्यक्ष विजय कुमार लड्ढा सहित 12 पार्षद हैं शेष 8 पार्षद कांग्रेस के हैं। पालिका अधिनियम के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 20 में से 15 पार्षदों का एक मत होना जरूरी है। कांग्रेस के 8 पार्षदों का समर्थन मिल जाने से यह समझ जा रहा है कि अब सम्भवतः अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाएगा और शायद 3 सालों से भाजपा पार्षदों में मन में भरा गुबार निकल पायेगा।

तिलक माथुर
*9251022331*

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