आम आदमी की थाली की थाली से दूर गायब हो हरी सब्जियां

केकड़ी 5 मार्च।इन दिनों सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं जिसके चलते हर आम परिवार की रसोई का बजट बिगड़ गया है वहीं गरीब की थाली से हरी सब्जियां गायब हो गई है। महंगाई की मार के कारण आम आदमी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। आम चीजों के साथ-साथ अब सब्जियों के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। पिछले दिनों में सब्जियों के भाव में दोगुनी-तिगुनी वृद्धि हुई है। हमनें जानकारी करने की कोशिश की आखिर इस बढ़ी क्यों सब्जियों के दामों में इतनी वृद्धि क्यों हुई। जानकारी मिली कि इस बार राजस्थान में मानसून की बेरुखी के चलते सब्जियां सिंचाई के अभाव में पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पाई। ध्यान रहे सब्जियों की खेती में सबसे ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है। बरसात की कमी के कारण सिंचाई के सभी साधन कुएं, बावड़ी, एनीकट, तालाब, बांध आदि अधिकांशतः खाली पड़े हैं। ऐसे में इस बार अधिकांश सब्जियां जैसे भिंडी, ग्वार फली, तोरई, टमाटर, मिर्च, कद्दू, मटर, गोबी, नींबू, करेला, धनिया, अदरक जैसी सब्जियां गुजरात से मंगाई जा रही है। हालांकि बारिश से पहले गर्मी के मौसम में हरी सब्जियों के भाव तेज रहते हैं, लेकिन इस बार तो सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। कल तक जो सब्जी सामान्य वर्ग के लोगों को स्वादिष्ट लग रही थी वही सब्जी अब उनकी पहुंच से दूर होती जा रही हैं। अचानक बढ़े भाव पर सब्जियों के बारे में थोक व फुटकर विक्रेताओं ने बताया इस बार राजस्थान में बरसात की कमी के चलते सिंचाई के अभाव में खेतों पर्याप्त मात्रा में सब्जियों की पैदावार नहीं हुई जिसके चलते अधिकांश सब्जियां गुजरात से मंगानी पड़ रही है, उन्होंने बताया कि परिवहन का खर्चा सब्जियों के भाव पर भारी पड़ रहा है। आपने देखा होगा कि यही वजह है कि हर बार की तरह सब्जी मंडी में मिलने वाली सब्जियां एक दम ताजा नहीं दिख रही, मंडी में आने से पहले ही सब्जियों की शक़्ल बदल जाती है लगता है जैसे 3-4 दिन की पुरानी सब्जी हो, वहीं सब्जियों के स्वाद में भी मिठास का अभाव है। सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि हमारे पास महंगी सब्जियां ही आ रही हैं। इस कारण हमें ऊंचे दामों में बेचनी पड़ रही है। शहर के बीच स्थित सब्जी मंडी में फुटकर विक्रेताओं पास उपलब्ध सब्जियों के भाव इस प्रकार है। हरा धनिया 100 रु./किलो, टमाटर 40 रु./किलो, भिंडी 80 रु./किलो, तोरई 120 रु./किलो, ग्वार फली 150 रु./ किलो, करेला 80 रु./ किलो, शिमला मिर्च 80 रु./ किलो, नींबू 100 रु./ किलो, हरी दानामैथी 100 रु./ किलो, अदरक 100 रु./ किलो, केरी 60 रु./ किलो है। अब इतनी महंगी सब्जियां खाना आम परिवार के लिए सम्भव नहीं, यही वजह है कि आम परिवारों की थाली से हरी सब्जियां दूर हो गई हैं, गरीब तो अब भी वही अपने स्वादिष्ट व परम्परागत रूप से पसंदीदा प्याज से रोटी खाने को मजबूर है।

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