परिवार कल्याण के संबंध में कार्यशाला आयोजित

अजमेर, 13 मई। परिवार कल्याण कार्यकर््रम की विभिन्न गतिविधियों के सुदृृढ़ीकरण हेतु जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन सोमवार को होटल रॉयल जायका के सभागार में किया गया। जिसके तहत विशेष रूप से 2 बच्चों पर नसबन्दी, अन्तरा एवं पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी पर जोर दिया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. कृृष्ण कुमार सोनी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा की गई। अपने अध्यक्षीय संबोधन में सीएमएमओं डॉ. सोनी द्वारा जिले के प्रमुख सूचकांकों में यथोचित सुधार किये जाने हेतु एवंं गुणवत्तापूर्ण परिवार कल्याण सेवायें समय पर लाभार्थियों को पहुचाने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित किया गया।

इसके साथ ही एफपीएलएमआईएस पर परिवार कल्याण साधनों की मांग समय पर जिला स्तर को भिजवायें जाने सुनिश्चित करने एवं केम्प प्रभारियों को चिकित्सालयों पर गुणात्मक कैम्प सुविधा दिये जाने हेतु निर्देशित किया गया तथा महिलाओं की प्राइवेशी का विशेष ध्यान रखें।

डॉ. सम्पत सिंह जोधा, अति. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (प.क.) द्वारा अजमेर जिले में परिवार कल्याण कार्यक्रम की गतिविधियों की समीक्षा की गयी एवं निर्देशित किया गया कि पूर्व में की गयी कमियों की पुनरावृृत्ति न की जाये एवं उत्तरोत्तर सुधार कर सही समय पर उचित कार्यवाही की जाये।

श्री एस. के. सिंह जिला कार्यक्रम प्रबन्धक एवं श्रीमती शालिनी शर्मा, अकाउन्ट अधिकारी, श्री अतुल भटनागर, श्री सुखपाल चौधरी डीएनओ द्वारा कार्यक्रम की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति पर््रस्तुत की गयी एवं प्रत्येक चिकित्सा संस्थान कैम्प की पूर्ववत तैयारी कर वित्तीय व्यवस्था तथा लाभार्थियों को निर्धारित राशि का समय पर भुगतान किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।

डॉ. विनोद कुमार चौमाल तकनीकी सलाहकार, एफआरएचएस जयपुर द्वारा परिवार कल्याण कैम्पों के दौरान गुणवत्तापूर्ण सुविधा प्रदान करने के उपाय सुझायें तथा चिकित्सकों में व्याप्त भ्रांतियों को दूर किया।

श्री सुखपाल, डीएनओ एनएचएम द्वारा आनलाइन एफपीएलएमआईएस की जानकारी प्रदान की गयी। इस दौरान समस्त आशाओं के नाम इस साफ््टवेयर में फीड किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।

इस कार्यक्रम में जिले के समस्त कैम्प स्थल के प्रभारी तथा उनके दस्तावेज एवं भुगतान करने वाले कर्मचारियों को बुलाया गया था। इनके अलावा जिला चिकित्सालय उप जिला चिकित्सालयों से स्त्री रोग विशेषज्ञ, चिकित्सक, ब्लाक कार्यक्रम प्रबन्धक , लेखाकार तथा चिकित्सालयों के डाटा एन्ट्री ऑपरेटर शामिल हुए।

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