राजनीति में धर्म होना श्रेष्ठ : संत गोपालराम

ब्यावर, 10 जून। संत गोपालराम रामस्नेही ने कहा कि राजनीति में धर्म का होना श्रेष्ठ है। इससे राष्ट्र का उत्थान होगा। खुशी है कि वर्तमान संसद में कई संत-महात्मा पहुंचे हैं। वे रामद्वारा में आयोजित संगीतमय श्रीमदभागवत कथा के तीसरे दिन प्रवचन दे रहे थे।
संत ने कहा कि राजनीति में धर्म से जुड़े संत-महात्माओं के आने से राष्ट्र का शुभ होगा। मूल भारत का गौरव पुन: स्थापित हो सकेगा। उन्होंने भक्त चरित्र व नृसिंह अवतार कथा सुनाते हुए कहा कि भक्ति में शक्ति है। भाव से पुकारो तो भगवान अवश्य आते हैं। भक्त प्रहलाद, मीरा, अहिल्या प्रमाण हैं। रक्षित अग्रवाल ने नृसिंह व दक्ष गुप्ता ने प्रहलाद का रुप धरकर सजीव मंचन किया। कथा में आयोजक अजय अग्रवाल, अशोक गुप्ता, महेश मित्तल, मनीष अग्रवाल, प्रेम जिंदल, सुनील जिंदल, निखिल जिंदल, विष्णु चतुर्वेदी, रमेश चौहान, सीता देवी, राधा चतुर्वेदी, पुष्पा डाणी, रानी, मनीषा, निधि, सीमा, मोनिका, गर्विता, सिमरन, काव्या सहित बड़ी संख्या में भक्तों ने धर्मलाभ लिया। मीडिया प्रभारी सुमित सारस्वत ने बताया कि मंगलवार को कथा में वामन अवतार, मत्स्य अवतार, राम अवतार व कृष्ण जन्म प्रसंग का गुणानुवाद होगा। इस मौके पर धूमधाम से नंदोत्सव मनाया जाएगा।
बेटों में बंट गए माता-पिता
संत ने सभ्य समाज में खुले वृद्धाश्रमों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि संस्कारों वाले देश हिंदुस्तान में वृद्धाश्रम खुलना बेहद शर्म की बात है। घरों में भी माता-पिता बेटों में बंट गए हैं। उन्हें 15 दिन बड़ा बेटा और 15 दिन छोटा बेटा रखता है। जिस माह 31 तारीख आती है माता-पिता को उपवास रखना पड़ता है।

error: Content is protected !!