तीर्थराज पुष्कर में संतो ने किया शाही स्नान

तीर्थराज पुष्कर में संतो ने किया शाही स्नान

अजमेर। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कार्तिक एवं पशु मेला पुष्कर का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह कल बुधवार को होगा। कार्तिक पंचतीर्थ स्नान का भी कल आखिरी स्नान है । इस कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के लिए हजारों श्रद्घालुओं का पुष्कर पहुंचना जारी है। अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेले में कार्तिक चतुर्दशी पर सरोवर के घाटों पर स्नान करने वाले श्रद्घालुओं का जमावड़ा प्रात: से ही लगा रहा। काफी संख्या में स्त्री-पुरूषों ने सरोवर की पूजा अर्चना कर मोक्ष की कामना की और स्नान किया।

श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ पुष्कर मेले में संतों के साथ

श्रीमती नसीम संतों का सम्मान करने के पश्चात भोजन कराते हुए

शिक्षा राज्य मंत्री एवं पुष्कर की विधायक श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ ने संतों के पुष्कर सरोवर के शाही स्नान में उनके साथ जाकर सरोवर की पूजा अर्चना की तथा संतों का अभिनंदन किया।
शिक्षा राज्य मंत्री ने विभिन्न अधिकारियों के साथ पुष्कर मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और बाहर से आये श्रद्घालुओं व पशुपालकों से बातचीत की। उन्होंने अपने विधायक शिविर में बैठकर भी लोगों के अभाव अभियोग सुने और समस्याओं का निराकरण किया।
मेले का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह मेला मैदान पर प्रात:9 बजे से प्रारंभ होगा जिसमें विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं होंगी तथा अजमेर की विभिन्न स्कूलों की 400 बालिकाओं द्वारा राजस्थान का लोक नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा। विदेशी व राजस्थानी महिला व पुरूष रस्सा-कस्सी, ऊंट व घोड़ो की दौड़ प्रतियोगिता आकर्षण का प्रमुख केन्द्र होंगी। विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी दिये जाएंगे। मेले के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में एक लाख से भी अधिक व्यक्तियों के भाग लेने की संभावना है। जिला कलक्टर श्री वैभव गालरिया ने पुष्कर मेले के पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह की व्यवस्थाओं के संबंध में मेला मजिस्टे्रट सहित विभिन्न अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।
सचिन पायलट पुरस्कार वितरित करेंगे
केन्द्रीय कम्पनी मामलात मंत्री श्री सचिन पायलट कल पुष्कर मेले के समापन समारोह में भाग लेंगे और पुरस्कार वितरण करेंगे। पायलट प्रात: 7.15 बजे दिल्ली से रवाना होकर 8 बजे जयपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे और 10.15 बजे पुष्कर मेला मैदान में आयोजित समारोह में भाग लेंगे। प्रात: 11.45 बजे सैनी सेवा सदन पुष्कर, दोपहर 1 बजे नगर निगम अजमेर, 2.30 बजे नगर परिषद किशनगढ़ में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद जयपुर के लिए रवाना होंगे, जहां से हवाई जहाज से दिल्ली जाएंगे।
सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. रघु शर्मा 28 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेले के समापन समारोह में भाग लेंगे। डॉ. शर्मा कल प्रात: 9.30 बजे अजमेर से पुष्कर के लिए रवाना होंगे। आज रात्रि तक अजमेर पहुंचेंगे।
कार्यपालक मजिस्टे्रट नियुक्त
जिला मजिस्ट्रेट श्री वैभव गालरिया ने अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेले में कल 28 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर कानून एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश सिंधी, सहायक आयुक्त देवस्थान गिरीश बच्चानी, एम.डी.एस. यूनीवर्सिटी के रजिस्ट्रार आशुतोष गुप्ता तथा राजस्थान प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी श्री राजूलाल गुर्जर को कार्यपालक मजिस्ट्रेट लगाया है।

धार्मिक नगरी पुष्कर में बैकुंठ चतुर्दशी के ब्रह्म मुहूर्त में जब सैकड़ों साधु संतों ने शाही स्नान किया तो पुष्कर में कुम्भ जैसा माहोल हो गया। शंख की मधुर ध्वनि और सुबह की लालिमा के बीच संतों का रेला पुष्कर की आध्यत्मिक छवी को चार चांद लगा रहा था।
बरसों की परम्परा के मुताबिक सेनाचार्य अचलानन्दजी महाराज और रामरमैया आश्रम के पेमारामजी महाराज के सान्निध्य में संतों ने पुष्कर के सप्त ऋषिघाट पर शाही स्नान किया। परम्पराओं के मुताबिक पुष्कर के पुरोहितों ने संतों को पूजा अर्चना करवाई। पंडित पवन जावड़ा और अंशुमन पाराशर ने वैदिक मंत्रोचार के साथ संतों को पूजा कराई। इससे पहले सन्यास आश्रम से संतों का कांरवा शुरू हुआ। बैंड बाजों के साथ संत पुष्कर के सप्त ऋषिघाट पहुंचे। स्नान के बाद नगर भ्रमण करते हुए संतों ने प्रभु का स्मरण किया और विश्वशांति सहीत मानव कल्याण की कामना की। शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अखतर इंसाफ, ब्रम्हा गायत्री विकास संस्थान के अध्यक्ष अरुण पाराशर, सचिव राकेश पाराशर, अशोक पाराशर, मधुसुदन भाऊ, नोरतमल काबरा सहित अनेक गणमान्य लोगों ने संतों का स्वागत किया। बाजार में भी व्यापारियों ने संतों पर पुष्प वर्षा की। शाही स्नान के बाद संतों ने प्रसाद ग्रहण किया।
पुष्कर के पुराने रंगजी मंदिर में चल रहे टेम्पल डांस फेस्टीवल के दौरान सोमवार रात ओडीसी क्लासीकल डांस की प्रस्तुति ने समा बांधा। उड़ीसा से आये लकीमोहिंती और पुर्णाश्री राउत ने विभिन्न भाव भंगिमाओं में ओडीसी नृत्य की प्रस्तुति दी। पुर्णाश्री राउत ने गीता गोविन्दा पर सोलो नृत्य की प्रस्तुति दी। वहीं लकीमोहिंती ने भी जयदेव द्वारा लिखित गीत गोविन्दम पर अपने नृत्य का मुजाहिरा किया।

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