अजमेर। गम और शहादत का महीना मोहर्रम मुस्लिम इलाकों में बड़ी ही अकीदत और एहतराम से मनाया जा रहा है। यही वजह है कि हजरत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में शहादत नामा पढा जा रहा है। आज दोपहर दरगाह के आहता-ऐ-नूर में शोहदाए करबला की शहादत का बयान किया गया। इस बयान में करबला के 72 शहीदों और यौमे आशूरा का तस्करा किया गया। दरगाह के आहता-ऐ-नूर में सैय्यद फजलुल करीम चिश्ती ने ये शहादत नामा खिताब फरमाया। जिसमे बाहर से आये जायरीन ने भी शिरकत की और करबला का बयाने शहादत सुना। बयान में करबला की जंग और हजरत हुसैन की शहादत के मायने के साथ जंग की वजह और उसकी फजीलत लोगों को बतलाई गयी। इस बयान ने अकिदातमंदों में इंसानियत और भाईचारा का पैगाम दिया। खास कर सब्र और नमाज से इमामे हुसैन का लगाव और नमाज के सजदे में सर कटाना सभी मुसलमानों के लिए फक्र की बात है। दरगाह में पढे गए शहादत नामे से यही पैगामे हुसैन दिया गया।