सामाजिक आचरण की शुचिता है यम का पालन- प्रांजलि येरीकर

समाज में व्यक्ति का आचरण श्रेष्ठ हो तथा उसका अनुसरण करने वाले लोगों से मिलकर ही श्रेष्ठ समाज का निर्माण संभव है। जहाँ सत्य का आचरण वाणी का प्रभाव सिद्ध कर देता है वहीं अहिंसा के आचरण से वैर का त्याग हो जाता है। अस्तेय के आचरण से समाज में भयमुक्त वातावरण का निर्माण होता है वहीं अपरिग्रह द्वारा व्यक्ति अपने जन्म का उद्देश्य तक ज्ञात कर सकता है। आज समाज में सबसे ज्यादा आवश्यकता ब्रह्मचर्य के पालन की है जिससे समाज के युवाओं में संयम एवं वीरता का भाव उत्पन्न हो सके। उक्त विचार ‘आध्यात्म प्रेरित सेवा संगठन’ विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी की प्रान्त संगठक प्रांजलि येरीकर ने राजा साइकिल चैराहा स्थित रेल उद्यान में संचालित किए जा रहे योग सत्र के चैथे दिन व्यक्त किए।
नगर प्रमुख अखिल शर्मा ने बताया कि शिथलीकरण व्यायामों का अभ्यास रविन्द्र जैन ने कराया तथा सूर्यनमस्कार में एन एल जैन का सहयोग रहा। आज अर्द्धकटिचक्रासन, पादहस्तासन एवं अर्द्धचक्रासन का सामूहिक अभ्यास हुआ। प्रचार प्रमुख भारत भार्गव के अनुसार सत्र का समापन 1 जुलाई को होगा। योग सत्र में माधुरी रोतवाल, बीना रानी, कुसुम गौतम, सीए लव तामरा, कार्तिक, कुलदीप तथा सांवरलाल आदि केन्द्र कार्यकर्ता सहयोग कर रहे हैं।

भारत भार्गव
प्रचार प्रमुख
विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी
शाखा अजमेर

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