निजी विद्यालयों के संस्था प्रधानों की आयोजित हुई कार्यशाला

अजमेर, 05 जुलाई। आगामी 22 जुलाई से आयोजित होने वाले राष्ट्रव्यापी खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान के तहत के तहत शुक्रवार को जवाहर रंगमंच पर जिले भर के निजी विद्यालयों के संस्था प्रधानों एवं नोडल प्रभारी शिक्षकों को अभियान की विस्तार से जानकारी दी गयी।
कार्यशाला में जिला मातृ एवं शिशु कल्याण अधिकारी डॉ. रामलाल ने खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान की स्लाईड प्रदर्शन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में भी खसरा तथा रूबेला के प्रति सुरक्षा प्रदान करने के लिए 9 माह से 15 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों को टीकाकरण किया जाएगा। स्कूलों में टीकाकरण के प्रति सकारात्मक व उत्साहवद्र्धक माहौल बनाने हेतु जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। उन्हाेंने बताया कि खसरा एक जानलेवा एवं तीव्रगति से फैलने वाला अतिसंक्रामक रोग है। यह रोग प्रभावित रोगी द्वारा खांसने एवं छींकने से स्वस्थ बच्चों में फैलता है जिसके प्रभाव से बच्चें में निमोनिया, दस्त एवं मस्तिष्क से संक्रमण जैसी घातक बीमारियां उत्पन्न हो जाती है तथा ये बीमारियां नवजात शिशुओं एवं बच्चों की मृत्यु का प्रमुख कारण है। इसी कारण प्रतिवर्ष 50 हजार बच्चे मृत्यु को प्राप्त हो जाते है।
उन्होंने बताया कि रूबेला वायरस से गर्भावस्था के प्रारम्भ में महिला के संक्रमित होने की संभावना बनी रहती है, जिससे गर्भपात एवं बच्चे के मृत जन्म की संभावना बढ़ जाती है। यदि बच्चा जीवित जन्म लेता है तो वह जन्म से ही बहरापन, अंधापन एवं हृदय की बीमारियों से ग्रसित होता है। यह विचारणीय है कि प्रतिवर्ष जन्मजात रूबेला सिंड्रॉम से लगभग 48 हजार बच्चे प्रभावित होते है। उन्होंने बताया कि इन दोनो रोगों से बचाव का एक सशक्त माध्यम खसरा-रूबेला टीका है। यदि इसका टीकाकरण बचपन में ही करवा लिया जाए तो इसके प्रसार एवं गम्भीर खतरों को रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि एक दिन में एक विद्यालय के समस्त बालकों का टीकाकरण किया जाएगा। जिले में जिले में नौ माह से 15 वर्ष तक के लगभग 8 लाख 50 हजार बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य होना चाहिये कि एक भी बच्चा टीकाकरण से नही बचे। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कर शत प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया जाए।

उन्होंने बताया कि उन्होंने बताया कि इन दोनो रोगों से बचाव का एक सशक्त माध्यम खसरा-रूबेला टीका है। यदि इसका टीकाकरण बचपन में ही करवा लिया जाए तो इसके प्रसार एवं गम्भीर खतरों को रोका जा सकता है। अभियान के प्रारम्भिक दो – तीन सप्ताह में सभी सरकारी व निजी विद्यालयों, मदरसों, आंगनबाड़ी आदि में बच्चें का टीकाकरण किया जाएगा। इसी प्रकार आगामी दो सप्ताह में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के आउटरीच/बाहृय सत्रों पर स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों, छूटे हुए बच्चों, ईंट -भट्टों, घुमंतू आबादी के बच्चें आदि का मोबाइल टीम द्वारा टीकाकरण किया जाएगा। अभियान के छठे सप्ताह में शेष / छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण करने के लिए इन गतिविधियों की आवश्यकतानुसार पुनरावृति की जाएगी अर्थात इसे पुनः दोहराया जाएगा। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि समस्त संस्था प्रधान समाज के एक अभिन्न अंग है, इसलिए आपका भी यह दायित्व बनता है कि आप अपने विद्यालय के बच्चों के साथ -साथ आपके आसपास में रहने वाले बच्चों का भी टीकाकरण करवाकर जिले में अभियान के सफल संचालन एवं क्रियान्वयन में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें ताकि जिले में अभियान के लक्ष्य की शत प्रतिशत प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके।
इस मौके पर अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) श्रीमती दर्शना शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग का इस कार्य में महती भूमिका है। वे प्रत्येक विद्यालय में छात्र एवं छात्राओं में से एक -एक ब्रांड एम्बेसेडर बनाकर अभियान को गति प्रदान करें। निजी विद्यालय इस संबंध में विद्यालय के बालकों पर विशेष ध्यान देकर टीकाकरण करवायें। उन्होंने बताया कि जिला हर अभियान में शत प्रतिशत लक्ष्य अर्जित करता है, जिसमें शिक्षा विभाग की महत्ती भूमिका होती है। उसी अनुरूप इस अभियान को भी सफल बनाकर शत प्रतिशत लक्ष्य अर्जित करना है। उन्होंने जिला कलक्टर के हवाले से बताया कि सर्वाधिक /शत प्रतिशत टीकाकरण कराने वाली शिक्षण संस्था को आगामी स्वतंत्रता दिवस समारोह में जिला/ ब्लॉक स्तर पर सम्मानित भी किया जाएगा। आज अनुपस्थित रहे विद्यालयों के संस्था प्रधानों की अलग से जिला मुख्यालय पर ही कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
कार्यशाला में विश्व स्वास्थ्य संगठन के मेडिकल ऑफिसर डॉ. मुनेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि यह टीका पूर्ण सुरक्षित है। इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं है। देश भर में इस अभियान को सफलता पूर्वक चलाया गया है। प्रदेश में अब इसको क्रियान्वित किया जा रहा है।
दो सत्रों में आयोजित हुयी इस कार्यशाला के प्रथम सत्र में सैकण्डरी एवं हॉयर सैकण्डरी स्तर के निजी एवं राजकीय विद्यालयों के तथा द्वितीय सत्र में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर के निजी एवं राजकीय विद्यालयों के संस्था प्रधानों एवं नोडल प्रभारी शिक्षकों ने भाग लिया। प्रथम सत्र में जिले भर से आयें 218 निजी विद्यालय तथा 46 राजकीय विद्यालयों के संस्था प्रधानों ने भाग लिया जबकि द्वितीय सत्र में 361 निजी तथा 22 राजकीय विद्यालयों के संस्था प्रधानों ने भाग लिया।
इस मौके पर अति. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (परिवार कल्याण) डॉ. सम्पत सिंह जोधा, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक,एनएचएम श्री एस.के. सिंह, निजी शिक्षण संस्था एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री कैलाश शर्मा सहित चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।

विद्यालय स्तर पर होगी विभिन्न प्रतियोगिताएं –
अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) श्रीमती दर्शना शर्मा ने बताया कि 15 से 22 जुलाई तक विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। निबंध प्रतियोगिता में बच्चों में टीकाकरण की आवश्यकता एवं महत्व, पोस्टर प्रतियोगिता में मीजल्स -रूबेला के खतरे तथा बचाव के उपाय, भाषण, वाद-विवाद प्रतियोगिता में एमआर कैम्पन का महत्व तथा नाटक व नुक्कड़ नाटक में स्वस्थ समाज के निर्माण में टीके का महत्व समझाया जाएगा। इसी तरह 18 से 20 जुलाई के बीच प्रभात फेरी तथा मेराथन का आयोजन होगा।

जल शक्ति कार्यक्रम एवं खसरा रूबेला अभियान के संबंध में कार्यशाला का आयोजन
अजमेर, 05 जुलाई। जिला कलक्टर श्री विश्व मोहन शर्मा के निर्देशानुसार जल शक्ति कार्यक्रम एवं खसरा रूबेला अभियान के व्यापक प्रचार प्रसार एवं समस्त जनप्रतिनिधियों के आमुखकरण के लिए पंचायत समिति स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि यह कार्यशाला 8 जुलाई को मसूदा एवं भिनाय में, 9 जुलाई को सिलोरा एवं अरांई में तथा 10 जुलाई को पंचायत समिति जवाजा में आयोजित की जाएगी।

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