वार्डो के पुनर्सीमांकन में किसी दल व वर्ग विशेष को लाभ पहुंचाने का प्रयास

अजमेर, 15 जुलाई। विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने आरोप लगाया है कि नगर निगम अजमेर द्वारा पुनर्सीमांकन उपरान्त जो वार्ड प्रस्तावित किये गये है उन्हें देखकर प्रतीत होता है कि किसी दल व वर्ग विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए इसकी प्रक्रिया में नियम, कायदों की धज्ज्यिां उडाई गई है। उन्होंने विधान सभा क्षेत्र के पार्षदों व क्षेत्रवासियों द्वारा वार्डो के गठन को लेकर प्राप्त आपत्तियों व निगम प्रशासन द्वारा जानबूझकर छोडी गई प्रक्रिया सम्बंधी तकनीकी कमियों के बारे में एक पत्र आयुक्त नगर निगम जो कि इस कार्य के लिए सरकार द्वारा प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त है उनको भेजा है तथा सभी आपत्तियों का निष्पक्ष, नियमानुसार व राज्य सरकार की अधिसूचना में निर्धारित प्रावधानानुसार कराने के लिए लिखा है।
देवनानी ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि वर्तमान में 2011 की जनगणना के आधार पर वार्डो का परिसीमन किया जा रहा है जबकि ये कार्य तो 2014 में ही हो चुका है। अगली जनसंख्या 2021 में होनी हे इसलिए वर्तमान परिसीमान को कोई औचित्य नहीं रहता है। उन्होंने यह भी लिखा है कि परिसीमन हेतु 2011 की जनगणना को आधार रखा गया है जबकि वर्तमान में 2019 चल रहा है। इन 8 वर्षो की अवधि में शहर का काफी विस्तार हुआ है। शहर के परकोटे की लगभग 30-40 प्रतिशत आबादी अंदरूनी हिस्से से निकल कर बाहर की विकासशील काॅलोनियों में स्थानान्तरित हो चुकी है। एसे में इन वार्डों का परिसीमन करना तर्क संगत नही है।
देवनानी ने पत्र में यह भी लिखा है कि अधिसूचना के अनुदेश क्रमांक 9 के अनुसार निर्देशित किया गया है कि परिसीमन करते समय नगर निगम/नगर विकास प्राधिकरण/हाउंसिग बोर्ड आदि संस्थाओं की सीमा एक ही जोन में रहनी चाहिए परन्तु प्रस्तावित परिसीमन में इसका स्पष्टतः उल्लंघन किया गया है। इसके अतिरिक्त अनुदेश क्रमांक 11 के अनुसार सम्पूर्ण वार्ड में पीएचईडी, डिस्काम, पीडब्ल्यूडी के अभियन्ताओं के क्षेत्राधिकार में समानता रहनी चाहिए परन्तु प्रस्तावित परिसीमन में इसका भी उल्लंघन किया गया है। अधिसूचना के निर्देशानुसार वार्डो के प्रस्तावित परिसीमन के पूर्व प्रस्तावित वार्डो की मतदाता सूची बनाने का कार्य प्रारम्भ करना था जो नही कराया जा कर सीधे परिसीमन प्रस्तावित कर दिया गया जो अनुचित है। अधिसूचनानुसार वार्डो का विभाजन मुख्य मार्ग को ध्यान में रखकर किये जाने के निर्देश थे जबकि अधिकांश वार्डो के गठन में इसको नजर अंदाज किया गया है।
देवनानी ने बताया कि उन्हें क्षेत्रीय पार्षदों व क्षेत्रवासियों से वार्ड 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 11, 12, 76, 78, 79 आदि से सम्बंधित जो आपत्तियां प्राप्त हुई है उनकी प्रतियां आयुक्त नगर निगम को भिजवाई गई है तथा वार्डो के गठन पर पुनर्विचार करने के आग्रह के साथ ही बिना किसी दबाव के निष्पक्ष व अधिसूचना के प्रावधानानुसार आपत्तियों का निस्तारण कराने के लिए लिखा है।

error: Content is protected !!