उपखण्ड अधिकारी रात्रि चैपाल में करेंगे समस्या समाधान

ब्यावर, 23 जुलाई। उप खण्ड अधिकारी श्री जसमीत सिंह संधू की अध्यक्षता में रात्राी चैपाल आयोजित कर ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
उप खण्ड अधिकारी श्री संधू के द्वारा गुरूबार 25 जुलाई को मालातों की बैर, शुक्रवार 26 जुलाई को गोहाना तथा सोमवार 29 जुलाई को राजियावास ग्राम पंचायत में रात्रि चैपाल आयोजित की जाएगी।
स्वाधीनता दिवस समारोह 2019
जिला स्तरीय पुरूस्कार के लिए आवेदन 5 अगस्त तक
ब्यावर, 23 जुलाई। स्वाधीनता दिवस समारोह पर समस्त संस्थाओं, कार्यालयों के कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों द्वारा स्वाधीनता दिवस के अवसर पर जिला स्तर पर पुरस्कार के प्रस्ताव 5 अगस्त तक अनिवार्य रूप से संबंधित विभाग के माध्यम से कलक्ट्रेट कार्यालय को भिजवाये जा सकते है।
उपखण्ड अधिकारी श्री जसमीत सिंह सन्धू ने बताया कि अधिकारी अथवा कर्मचारी के प्रस्ताव में इस आशय का स्पष्ट अंकन कर भिजवावें कि इनके विरूद्ध किसी प्रकार की विभागीय कार्यवाही प्रस्तावित अथवा विचाराधीन नहीं है तथा इनके विरूद्ध किसी प्रकार की आपराधिक जांच विचाराधीन नहीं है। इनके अतिरिक्त गत पांच वर्षों में जिला स्तर पर उन्हें सम्मानित नहीं किया गया है। प्रत्येक विभाग यह सुनिश्चित कर केवल एक अधिकारी अथवा कर्मचारी का प्रस्ताव ही भिजवावें एक से अधिक नहीं। कोई भी विभाग स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रस्ताव भिजवाने से पूर्व उस संस्था के संबंध में पूर्ण जांच करने के पश्चात ही प्रस्ताव भिजवावें।

फसलों का करवाया जा सकता है बीमा
ब्यावर, 23 जुलाई। प्रधानमंत्राी फसल बीमा योजना के तहत अजमेर जिले में योजना के क्रियान्वयन हेतु फ्यूचर जनरली इण्डिया इंश्योरेन्स कम्पनी लि. राज्य सरकार द्वारा अधिकृत की गई है। वर्ष 2019-20 में फसली ऋण लेने वाले कृषक, गैर ऋणी कृषक एवं बटाईदार कृषकों द्वारा फसलों का बीमा करवाया जा सकेगा। जिले में बाजरा, उडद, कपास, चंवला, मूंगफली, ग्वार, ज्वार, मक्का, मूंग एवं तिल फसले योजना में संसूचित है।
फसलों का बीमा कैसे कराया जाये
उपखण्ड अधिकारी श्री जसमीत सिंह सन्धू ने बताया कि अधिसूचित ईकाई क्षेत्रा एवं अधिसूचित फसल के लिए जिन कृषकों को किसी वित्तीय संस्थान (सहकारी बैंक एवं सहकारी समिति, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, व्यवसायिक बैंक एवं भूमि विकास बैंक आदि) द्वारा खरीफ 2019 मौसम के लिए फसल ऋण की सीमा अनुमोदित (स्वीकृत) की गई हो तथा 31 जुलाई 2019 तक ऋण वितरित किया गया हो। उपरोक्त अन्तिम तिथि तक ऋण लेने वाले सभी कृषको का इस योजना के अन्तर्गत बीमा करना बैंको के लिए अनिवार्य होगा। ऋणी कृषकों का प्रीमियम उनके ऋण खातों से वसूल किया जायेगा। ऋणी कृषकों द्वारा बीमित फसल में परिवर्तन की सूचना वित्तीय संस्थान को देने की अंतिम तिथि 29 जुलाई 20019 है।
उन्होंने बताया कि गैर ऋणी कृषक अपनी फसलो का बीमा 31 जुलाई 2019 तक निकट के केन्द्रीय सहकारी बैंक/क्षेत्राीय ग्रामीण बैंक/वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं/अधिसूचित बीमा कम्पनी के एजेण्ट/सी.एस.सी. (काॅमन सर्विस सेन्टर) के माध्यम से संबंधित बीमा कम्पनी में निर्धारित दर से फसल बीमा हेतु प्रीमियम राशि जमा करवानी होगी। गैर ऋणी कृषक द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तोवेजों को आॅनलाइन स्कैन कर अपलोड करना अनिवार्य होगा। इसमें आधार कार्ड की प्रति, जमीन बटाई का शपथ पत्रा (बटाईदार होने पर), नवीनतम गिरदावरी की नकल, बैंक खाते के पास बुक की प्रति जिसमें बैंक आईएफएससी कोड व खाता सख्यां अकितं हो या खाते के रद्द चैेक, बुवाई प्रमाण पत्रा कृषि या राजस्व विभाग के कार्मिकों द्वारा जारी होना चाहिए। खरीफ मौसम 2019 हेतु फसलों का बीमा करवाने हेतु कृषकों को सम्बंधित बैंक/ंसंस्था को आधार क्रमांक अथवा उसका नामांकन संख्या अनिवार्य रुप से उपलब्ध करवाना होगा।

कृषक फसलों में हुए नुकसान की जानकारी कैसे दें
बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर 18002664141 पर नुकसान के 72 घण्टे के भीतर तथा लिखित रूप से नुकसान के 7 दिवस के भीतर से बीमा कम्पनी के कार्यालय में। बैंक के माध्यम से तथा कृषि विभाग के नजदीकी कार्यालय में लिखित रूप से ।
योजना अन्तर्गत ये जोखिम शामिल किये गये है
कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमीय परिस्थितियों में बुवाई नही होने की स्थिति (बाधित/निष्फल बुवाई)-प्रमुख फसलो हेतु। खडी फसल (बुवाई से कटाई) में सूखा, लम्बी सूखा अवधि, बाढ, जल प्लावन, कीट एव व्याधि, भू-स्खलन, प्राकृतिक आग एवं बिजली का गिरना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, टाइफून, समुद्री तूफान, भंवर एवं बवंडर से होने वाले उपज में नुकसान के लिये व्यापक जोखिम बीमा (राज्य सरकार द्वारा संपादित फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज आंकडों के आधार पर)।
फसल कटाई उपरांत सूखने के लिये खेत में काटकर फैलाकर छोडी गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा एवं असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान के लिये कटाई उपरांत अधिकतम 02 सप्ताह (14 दिन) की अवधि के लिए। अधिसूचित क्षेत्रा के आंशिक कृषि भूमि क्षेत्रा में ओलावृष्टि, भू-स्खलन, बादल फटना, प्राकृतिक आग एवं जलप्लावन से व्यक्तिगत आधार पर हुए नुकसान। जिले में निम्नानुसार बीमित राशि एवं प्रीमियम राशि फसलवार निर्धारित की गई है। देय प्रीमियम बीमित राशि का अधिकतम 2 प्रतिशत तथा उद्यानिकी एवं वाणिज्यिक फसलो हेतु अधिकतम 5 प्रतिशत ही कृषक द्वारा वहन किया जायेगा। शेष राशि 50-50 प्रतिशत के अनुपात मे केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा देय होगी।

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