एकीकरण से रिक्त 12145 विद्यालय भवनों में से 1322 का ही हो रहा है उपयोग

– गत 5 वर्षों में एकीकरण से रिक्त भवनों के उपयोग को लेकर देवनानी ने पूछा था प्रश्न
– रिक्त भवनों के उपयोग से विद्यालय विकास समितियों की आय में हो सकता है ईजाफा

प्रो. वासुदेव देवनानी
जयपुर/अजमेर, 25 जुलाई। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री व विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने बताया कि विगम 5 वर्षों में पद्रेश के विद्यालयों के एकीकरण से कुल 12145 विद्यालय भवन रिक्त हुए थे जिसमें से वर्तमान में मात्र 1322 भवनों का ही उपयोग किया जा रहा है तथा 10823 सरकारी भवन रिक्त पड़े है। देवनानी ने बताया कि विद्यालयों के एकीकरण से रिक्त हुए भवनों के उपयोग को लेकर उन्होंने विधान सभा में एक प्रश्न पूछा था।

सरकार ने प्रश्न के जवाब में यह बताया है कि एकीकरण की प्रक्रिया में प्रारम्भिक शिक्षा में 4020 तथा माध्यमिक शिक्षा में 8125 विद्यालय भवन रिक्त हुए थे जिनमें से 725 भवनों का उपयोग शिक्षा विभाग द्वारा ही किया जा रहा है जबकि 597 भवनों का उपयोग अन्य राजकीय विभागों व संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है।

देवनानी ने कहा कि यदि प्रयास किये जाए तो इन रिक्त भवनों के उपयोग से सम्बंधित विद्यालय की विकास समिति की आय में भी इजाफा हो सकता है जिससे विद्यालय हित में आवश्यक विकास कार्य कराये जा सकते है। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में सरकार द्वारा जिला कलक्टर को अधिकृत किया हुआ है। जिला कलक्टर ऐसे रिक्त भवन को अन्य राजकीय विभागों को आंवटित कर सकते है। जिन विभागों के पास बजट उपलब्ध है उन्हें किराये से तथा जिनके पास बजट उपलब्ध नहीं है उन्हें निःशुल्क आवंटन भी किया जा सकता है। किराये से प्राप्त होने वाली रशि सम्बंधित विद्यालय की विद्यालय विकास प्रबंधन समिति/विद्यालय प्रबंधन समिति के काष में जमा कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में रिक्त भवनों के उपयोग से किराये के रूप में नाम मात्र की राशि ही प्राप्त हो रही है।

देवनानी ने कहा कि वर्तमान मंे 10 हजार से अधिक विद्यालय भवन रिक्त पड़े है उनके सदुपयोग के लिए सरकार को गंभीरतापूर्वक प्रयास करने चाहिए जिससे किराये के रूप में प्राप्त होने वाली राशि से सम्बंधित विद्यालयों में विकास कराया जा सके साथ ही खाली पड़े भवनों की भी सार-सम्भाल हो सके।

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